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सर्विस सेक्टर की रफ्तार भी धीमी पड़ी , मार्च में पीएमआई में आई गिरावट

सर्विस सेक्टर की रफ्तार भी धीमी पड़ी , मार्च में पीएमआई में आई गिरावट

by Sneha Shukla

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कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को धीमा कर दिया है। मार्च में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से मॉल, रेस्तरां और होटलों में लोगों का जाना कम हुआ है। इससे लगातार चौथे महीने इस सेक्टर की जॉब्स में कटौरी देखने को मिले हैं। मार्च में भारत में सर्विस सेक्टर की बिजनेस एक्ट कम से कम 54.6 पर आ गई। फरवरी में यह 55.3 पर था जो पिछले 12 महीने का शीर्ष स्कोर था। पीएमआई में 50 से नीचे का स्कोर व्यावसायिक गतिविधियों में भारी कटौती को दर्शाता है।

विदेशी मांग में भी कमी

हालांकि कुछ कंपनियों का कहना है कि राज्यों में चुनाव, बिक्री में वृद्धि और मांग में इजाफे की वजह से उनकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है लेकिन कुछ कंपनियों में घटते फुटफॉल, उपभोक्ताओं की अनिश्चितता और को विभाजित -19 की वजह से लगे प्रतिबंधों को भी इसकी वजह बताया गया है। बताया गया। दरअसल पिछले कुछ महीनों के दौरान राज्यों में चुनावों की वजह से बढ़ी मांग और बिक्री ने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में इजाफा दर्ज किया था। कहने का कहना है कि अगर कोरोना प्रतिबंध बढ़े तो सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को भारी झटका लगेगा। भारत के सेवा क्षेत्र की कंपनियों के लिए बाहरी मांग में उत्साहजनक नहीं रहा है। लगातार 13 वें महीने विदेश से आने वाली मांग में गिरावट दर्ज की गई है।

महंगाई और कोइल्ड प्रतिबंधों से मुश्किलें बढ़ीं

मार्च में सेवा क्षेत्र की कंपनियों के खर्चे भी बढ़े हैं। इनपुट की लागतें बढ़ी हैं। दरअसल पिछले कुछ महीनों के दौरान महंगाई में तेज इजाफे ने सेवा क्षेत्र की कंपनियों की लागतों में इजाफा किया है। इसलिए भी इस सेक्टर की कंपनियों के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई है। सेवा क्षेत्र में बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलता है। इसलिए इसमें गिरावट चिंता का विषय है।

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