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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

सेंट्रल विस्टा: क्या है यह परियोजना और क्यों मचा है इस पर सियासी संग्राम… जानिए सबकुछ

by Sneha Shukla

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेटेड सत, 08 मई 2021 12:25 AM IST

सार

कोरोनावायरस की भव्याह दूसरी लहर से जूझ रहे देश में सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मांग की जा रही है कि कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाए। इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया गया। हालांकि, अदालत ने यह तो माना कि स्थिति मूल रूप से गंभीर है लेकिन याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर वह इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर सवाल उठाया तो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी पलटवार किया। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह परियोजना क्या है और आखिर इस पर सियासी संग्राम क्यों मचा हुआ है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
– फोटो: पीटीआई (फाइल)

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सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के तारों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।

एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन प्रस्तावित है। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को भी हस्तांतरित का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिए क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा।

परियोजना को लेकर क्या बोले राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा को आपराधिक दंडी करार दिया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि लोगों की जान केंद्र में रखिए, न कि नए घर पाने के लिए अपनी अंधी हेकड़ी। वहीं, इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मामले में पार्टी का रुख अजीब है क्योंकि उनके नेताओं ने यूपीए सरकार के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार के दौरान कांग्रेस नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्दार्थ लूथरा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। लूथरा ने अनुरोध किया था कि शीर्ष अदालत दिल्ली हाईकोर्ट को सेंट्रल विस्टा निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए बाध्य किया जाए। न्यायालय ने हालांकि सहमति जताई कि स्थिति वास्तव में गंभीर है और कहा कि अगर वह उस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई चाहते हैं तो वह फिर से दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।

लूथरा ने पीठ से कहा कि यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक महान मानव संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह राजपथ, सेंट्रल विस्टा विस्तार और उद्यान में चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने की प्रदान की गई अनुमति की चुनौती से चिंतित हैं।) लूथरा ने कहा, ‘मजदूरों को सराय काले खां और करोल बाग क्षेत्र से राजपथ और सेंट्रल विस्टा तक ले जाना जा रहा है, जहां निर्माण कार्य चल रहा है। इससे उनके बीच में विभाजित हुए फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ‘

कुछ इस तरह का नया संसद भवन होगा
सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत लगभग 65,400 स्पेयर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। इमारत एक तिकोनाटोपा होगी और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत ही होगी। इसमें एक बड़ा कॉन हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कंपार्टमेंट होंगे। बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होगी।

विस्तार

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के तारों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।

एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन प्रस्तावित है। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को भी हस्तांतरित का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों और उनके विभागों के लिए क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा।

परियोजना को लेकर क्या बोले राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा को आपराधिक दंडी करार दिया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि लोगों की जान केंद्र में रखिए, न कि नए घर पाने के लिए अपनी अंधी हेकड़ी। वहीं, इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मामले में पार्टी का रुख अजीब है क्योंकि उनके नेताओं ने यूपीए सरकार के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार के दौरान कांग्रेस नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्दार्थ लूथरा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। लूथरा ने अनुरोध किया था कि शीर्ष अदालत दिल्ली हाईकोर्ट को सेंट्रल विस्टा निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए बाध्य किया जाए। न्यायालय ने हालांकि सहमति जताई कि स्थिति वास्तव में गंभीर है और कहा कि अगर वह उस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई चाहते हैं तो वह फिर से दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।

लूथरा ने पीठ से कहा कि यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक महान मानव संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह राजपथ, सेंट्रल विस्टा विस्तार और उद्यान में चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने की प्रदान की गई अनुमति की चुनौती से चिंतित हैं।) लूथरा ने कहा, ‘मजदूरों को सराय काले खां और करोल बाग क्षेत्र से राजपथ और सेंट्रल विस्टा तक ले जाना जा रहा है, जहां निर्माण कार्य चल रहा है। इससे उनके बीच को विभाजित संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ‘

कुछ इस तरह का नया संसद भवन होगा

सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत लगभग 65,400 स्पेयर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। इमारत एक तिकोनाटोपा होगी और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत ही होगी। इसमें एक बड़ा कॉन हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कंपार्टमेंट होंगे। बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों की बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होगी।

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