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सरकारी दिग्गज सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करने के लिए जोर-शोर से जुट गए हैं। वित्त मंत्री ने कुछ खास अफसरों को इन फंडों से को-ऑर्डिनेट करने का जिम्मा दिया है ताकि इनका रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था में और बढ़े। सरकार जिन दिग्गज फंडों से संपर्क में हैं उनमें ब्रिटिश कोलंबिया इनवेस्टमेंट, टीचर रिटायरमेंट, टेक्सस, जापान पोस्ट, सीडीपीक्यू, सीपीपी इनवेस्टमेंट, पेंशन डेनमार्क, पीजीजीएम इनवेस्टमेंट और अन्य फंड शामिल हैं।
रिलेशनशिप मेकर्स की नियुक्ति
सरकार ने जिन डेडिकेटेड रिलेशनशिप एंडर्स की नियुक्ति की है, वे इन निवेशकों को क्लीयरेंस प्राप्त करने, अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से मंजूरी दिलाने में मददगार साबित होंगे। अलग-अलग फंडों से को-ऑर्डिनेट करने के लिए अफसरों के नाम तय कर दिए गए हैं। पिछले साल नवंबर में इन फंड्स के अधिकार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई थी। इसके बाद यह निर्णय किया गया कि ये सभी फंड्स से को-ऑर्डिनेशन के लिए एक-एक अफसर नियुक्त किए जाएंगे ताकि ये तो नए निवेश करें या फिर मौजूदा निवेश में अपना हिस्सा बढ़ाएं। पीएम के फंड्स के अधिकार के साथ वित्तीय क्षेत्र से जुड़े रेगुलेटर्स ने भी हिस्सा लिया था।
लंबे समय तक निवेश करते हैं सोवरन वेल्थ और पेंशन फंड
दरअसल सोवरन वेल्थ और पेंशन फंड को स्थायी और लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखा जाता है। ऐसे फंड लंबे समय तक चलने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया करा सकते हैं। इनमें से कुछ फंड फरवरी में सरकार की ओर से शुरू किए गए एसेट मोनेटाइजेशन प्रोग्राम में पसंद ले सकते हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीनों में देश में 67.5 अरब डॉलर का एफडीआई था। वित्त वर्ष 2019-20 में एफडीआई वृद्धि कर 74.4 अरब डॉलर हो गया था।
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मार्च तिमाही में आईपीओ से इकट्ठा हुआ सबसे ज्यादा फंड, 2018 के बाद का सर्वोच्च स्तर
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