पिछले कुछ अर्से से देश में गोल्ड के आयात में वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिछले साल सोना जब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था तो निवेशकों का इसमें निवेश बढ़ गया था लेकिन खुदरा कारोबार की ओर से मांग में कमी देखी जा रही थी। जुलेरी और रिटेल खरीदारी में कमी दिख रही थी। लेकिन अब एक बार फिर गोल्ड में लोगों की पसंद दिख रही है और इसकी मांग बढ़ रही है। कंज्यूमर डिमांड बढ़ने से भारत में सोने की मांग वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी मार्च तिमाही के दौरान इसकी पिछली अवधि के मुकाबले में 37 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। इस दौरान इसकी मांग में 140 टन की बढ़ोतरी हुई।
दुनिया भर में गोल्ड की डिमांड में गिरावट
जबकि दुनिया भर में इस अवधि के दौरान गोल्ड की मांग में 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान दुनिया भर में गोल्ड की डिमांड 815.7 टन रही। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस दौरान भारत में गोल्ड की डिमांड 102 टन रही। मूल्य के हिसाब से सोने की मांग पहली तिमाही में 57 प्रतिशत बढ़ी हुई 58,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह एक साल पहले इसी तिमाही में 37,580 करोड़ रुपये रही थी। जनवरी-मार्च 2020 के दौरान सोने की जलेरी कुल की 39 फीसदी बढ़ कर 102.5 टन पर पहुंच गई।
जुलारी की मांग में 58 प्रति की वृद्धि
वेल्यू के लिहाज से देश में इस साल पहले तीन महीने में ज्वेलरी डिमांड में 58 फीसद की वृद्धि हो रही है। इसके साथ यह 43,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल की तिमाही में यह आंकड़ा 27,230 करोड़ रुपये था। वहीं पिछले साल वेल्यू टर्म में निवेश की मांग जनवरी से मार्च में आंकड़ा 10,350 करोड़ रुपये थी, जबकि वर्ष 2021 के पहले तीन महीने में 53 फीसद की वृद्धि के साथ 15,780 करोड़ रुपये रही।
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