भारत सरकार ने आने वाले दिनों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाने की घोषणा की है। इसको लेकर अब कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सोनिया ने पत्र में केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर सवाल खड़े किए हैं। पत्र में सरकार की नीति को मनमाना और भेदभावपूर्ण करार देते हुए बदलाव की मांग की गई है। सोनिया गांधी का आरोप है कि कोरोनाकै की नई नीति के जरिए केंद्र सरकार ने 18 से 45 साल के लोगों को फ्रीके उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लिया है।
दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट ने बीते दिन अपनी कोविशील्ड वैक्सीन के मूल्य जारी किए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के लिए अलग-अलग मूल्य तय किए गए हैं। सीराम ने जो रेट लिस्ट जारी की है, उसके मुताबिक राज्य सरकार को 400 रुपये प्रति डोज, प्राथमिक अस्पताल को 600 रुपये प्रति डोज और केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी।
कांग्रेस प्रमुख ने पीएम को लिखा नया #COVID-19 18-45 वर्ष की आयु के लोगों के टीकाकरण के लिए टीकाकरण नीति
पत्र में लिखा है “नीति का अर्थ है कि गोई को इन नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है … आप से हस्तक्षेप करने और बीमार समझे जाने वाले निर्णय का आग्रह करें” pic.twitter.com/5jMypGgTmh
– एएनआई (@ANI) 22 अप्रैल, 2021
पीएम मोदी को लिखित पत्र में सोनिया ने सवाल उठाया है कि वैक्सीन के अधिक दामों से राज्य सरकारों पर दबाव बढ़ेगा और आम आदमी को वैक्सीन के लिए अधिक पैसा देना होगा। ऐसे में एक ही वैक्सीन निर्माता तीन तरह के रेट कैसे तय कर सकता है।
सोनिया ने पत्र में आगे लिखा है कि- कांग्रेस ने पहले ही इसकी मांग की है कि इस नीति का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। निश्चित रूप से कोई भी समझदार व्यक्तिकैनीकरण के लिए एक समान कीमत से होने वाले लाभ से सहमति होगी। इस मामले में हस्तक्षेप कृपया और इस गलत निर्णय को बदलिए। देश का लक्ष्य यही होना चाहिए कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों को टीका लगे, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
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