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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में नंदीग्राम सीट पर हाई-वोल्टेज इलेक्शन होने वाला है। इस सीट पर एक अप्रैल को होने वाले चुनाव में राज्य के दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं। कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी इस बार बीजेपी से उम्मीदवार हैं, तो खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके सामने मैदान में हैं। दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। पूरे चुनेवी कैंपेन में शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी के अन्य नेता ममता बनर्जी पर मिनक वोटों के लिए तुष्टीकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं, जिसके बाद ममता कई बार मंदिरों का दौरा करते हुए और पाठक्रम भी हुए। अब ममता बनर्जी ने एक चुनावी जनसभा में अपना गोत्र तक बता डाला है, जिसके बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें हार का डर सता रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ने अपना गोत्र शांडिल्य को बताया है।
चुनावी रैली में ममता बोलीं- मेरा गोत्र शांडिल्य लेकिन …
दूसरे फेज के दांव के लिए चुनावी कैंपेन के आखिरी दिन ममता बनर्जी ने एक रैली में कहा कि उनका गोत्र शांडिल्य है, लेकिन उन्होंने कई जगह मां-माटी-मानुष को बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ” दूसरे फेज के कैंपेन के दौरान मैंने एक मंदिर का दौरा किया, जहां पर पुजारी ने मुझसे मेरा मंत्र पूछा। मैंने उनसे कहा- माँ-माटी-मानुष ने बताया। यह मुझे उसकी याद दिलाता है, जब मैं त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर गया था और वहाँ पर भी पुजारी ने मुझे मेरा गोत्र पूछा था। उस दौरान भी मैंने मां-माटी-मानुष को ही बताया था। वास्तव में मेरा गोत्र शांडिल्य है। ” बता दें कि एक दिन पहले ही शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ” आप बेगम को वोट नहीं देंगे। अगर आपने बेगम को वोट दिया तो बंगाल मिनी पाकिस्तान बन जाएगा। बेगम सूफियान के अलावा और कुछ नहीं जानतीं। ’’ अधिकारी ने यह भी कहा कि बेगम अचानक बदल गई और मंदिरों का दौरा करने लगीं, क्योंकि अब उन्हें हारने का डर सता रहा है।
ममता के गोत्र बताते हैं बीजेपी ने किया तीखा वार
ममता बनर्जी के गोत्र बताते हैं कि बीजेपी ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि हार की वजह से ममता बनर्जी अपना गोत्र बता रही हैं। उन्होंने कहा, ” दीदी, मुझे यह बताईए कि क्या शांडिल्य गोत्र रोहिंग्याओं और त्वरणियों को भी मिल जाता है। अब वह डर गए हैं, इस कारण से कभी शुभेंदु अधिकारी जैसे बीजेपी नेताओं पर हमला बोलती हैं तो कभी अपने गोत्र का इस्तेमाल करते हैं। ’’ इससे पहले पिछले महीने कूचबिहार की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि ममता दीदी भी जय श्रीराम के नारे लगाने लगेंगी। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय भी ममता पर तंज कसते हुए कह रहे हैं कि एक मुख्यमंत्री जिन्होंने बंगाल में दस साल तक राज किया है, उन्हें विकास की बात करनी चाहिए, लेकिन वह विपतनाथ करने में लगे हैं। वह खुद को हिंदू साबित करने की कोशिश में हैं।
अपने दूसरे अभियान के दौरान, मैंने एक मंदिर का दौरा किया जहां पुजारी ने मुझसे मेरा ‘गोत्र’ पूछा। मैंने उससे कहा – माँ माटी मानुष। यह मुझे त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर की मेरी यात्रा की याद दिलाता है, जहां पुजारी ने मुझसे मेरा ‘गेटरा’ मांगा था और मैंने उसे ‘मां माटी मानुष’ भी कहा था, वास्तव में मैं शांडिल्य हूं: डब्ल्यूबी सीएम pic.twitter.com/EpxQWOHh0M
– एएनआई (@ANI) 30 मार्च, 2021
स्टेज से ममता कर चुके हैंपतपत
पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान कभी ममता बनर्जी मंदिरों का दौरा करते दिखाई दी हैं, तो कभी उन्होंने पठपत को ज्यादा वोटर्स को टीएमसी की ओर खींचने की कोशिश की। पिछले महीने नंदीग्राम में ममता ने स्टेज से देवीपाठ किया था। इसके अलावा, टीएमसी सुप्रीमो ने हरि मंदिर और दुर्गा मंदिर में भी दर्शन किए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि वह हिंदू की बेटी हैं और उन्हें कोई हिंदू धर्म न सिखाता है। हिंदू धर्म का मूल ही प्रेम है। ममता ने बीजेपी को हिंदुत्व नहीं सीखा की सीख दी थी।
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