गोल्ड जलेरी की शुद्धता की सुनिश्चित देने वाली हॉलमार्किंग अब अनिवार्य हो जाएगी। अगले महीने से इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। 1 जून से अब बीआईएस की हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी ही बिकेगी। इस दिन से इससे जुड़े नियम लागू होंगे। इससे जुलेरी खरीदारी में फंदा का शिकार होने से ग्राहक बचेंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 1 जून से इसे लागू करने की तैयारियों की पूरी तरह से निश्चितता नहीं है। लेकिन इसका अनिवार्य होना तय & nbsp; है।
सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट की ज्वेलरी ही बिकेगी
हॉलमार्किंग के बाद & nbsp; सिर्फ 14, 18; और 22 कैरेट की जलेरी ही बिकेगी। हॉलमार्किंग में बीआईएस की मुहर और कैरेट की जानकारी और nbsp; होगा। इसमें शामिल होने की तिथि, वर्ष और ज्वैलर का नाम होगा। बीआईएस हॉलमार्किंग सिस्टम इंटर्नशिप के मुताबिक है। इस हॉलमार्किंग से गोल्ड जलेरी कारोबार में विस्तार काफी बढ़ जाएगा। & nbsp;
नियमों के उल्लंघन पर दोष और सजा और nbsp;
अब पुराने गहनों की हॉलिडिंग की जा रही है। संभव है। किसी भी हॉलमार्किंग केंद्र में जाकर यह काम किया जा सकता है। हालांकि पुराने गहनों की हॉलमार्किंग की फीस थोड़ी बहुत होगी। बगैर हॉलमार्किंग वाले गहने बेचने पर आपको बहुत कम कीमत मिल सकती है। हॉलमार्किंग के नियमों में गड़बड़ी करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। अगर जुलेर्स ने गोलीबारी की तो एक लाख से लेकर जुलेरी के दाम के पांच गुना तक जोड़ों लग सकते हैं। जुर्माने के साथ एक साल तक की कैद भी हो सकती है। जांच के लिए सरकार ने बीआईएस कैर ऐप भी लॉन्च किया है। इस पर शुद्धता की जांच के साथ शिकायत की भी सुविधा मौजूद है। & nbsp; हॉलमार्किंग से संबंधित गलत जानकारी पर कर शिकायत कर सकते हैं।
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