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Aaj chand ki kitni tarikh hai

आज चाँद की तारीख क्या है ? – Aaj chand ki kitni tarikh hai

by Pritam Yadav

Aaj chand ki kitni tarikh hai :-  दोस्तों, हिंदू अपने व्रत और त्योहार हिंदू पंचांग कैलेंडर के अनुसार मनाते हैं। इसी तरह से इस्लामिक कैलेंडर मुस्लिम धर्म से संबंधित है, जिसके अनुसार मुस्लिम लोग अपने त्योहार मनाते हैं।

इनका कैलेंडर हिंदू कैलेंडर व अंग्रेजी कैलेंडर से बिल्कुल अलग है और इनकी तारीख भी अंग्रेजी कैलेंडर से बिल्कुल अलग चलती है।

यदि आप भारत में आज की इस्लामिक तारीख को जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख के माध्यम से आप aaj chand ki kitni tarikh hai यह जानने वाले है।

यदि आप भी aaj chand ki kitni tarikh hai यह जानना चाहते हैं और साथ ही इस्लामी कैलेंडर के बारे में जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।


आज चांद की कितनी तारीख है ? – Aaj chand ki kitni tarikh hai

आज अंग्रेजी के कैलेंडर 5 जुलाई 2023 को, इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार चांद की 16 जु अल – हज्जा 1444 है। यह इस्लामिक कैलेंडर अर्थात उर्दू कैलेंडर का आखरी महीना चल रहा है।


Islamic calendar में तारीख को कैसे निर्धारित किया जाता है ?

मान लीजिए यदि महीने के 29 तारीख की शाम को सूर्यास्त के तुरंत बाद नया चांद दिखाई देता है तो इस्लामिक मे अगले दिन से नए महीने की शुरुआत हो जाती है।

इस्लामिक महीने केवल 29 या 30 दिन के होते हैं क्योंकि 30 तारीख की शाम को यदि चांद दिख जाता है तो वह महीना 29 दिनों का ही गिना जाता है और यदि चांद ना दिखे तो वह महीना 30 दिनों का होता है।

इसी कारण से इस्लामिक कैलेंडर में यह मालूम नहीं होता कि अभी चल रहा महीना 30 दिनों का होगा या 29 दिनों का। यह महीने के आखिर में ही पता चलता है।

आपको इंटरनेट पर ऐसी बहुत सारी websites मिल जाएगी जो कंप्यूटर के द्वारा जनरेट किए गए महीने की तारीख को दिखाते हैं। जिनके सही होने का कोई प्रमाण नहीं होता है अर्थात यह गलत भी हो सकते हैं।

इसके लिए आप कुल्हैया.कॉम वेबसाइट पर इस्लामिक कैलेंडर को देख सकते है। यहां पर इस्लामी कैलेंडर पटना के इमारत सरिया के द्वारा चांद देखे जाने की जो घोषणा करता है उसी पर आधारित होता है।

आप ताजातरीन इस्लामिक तिथियों के लिए समय-समय पर इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यहां पर आपको हर महीने के चांद देखे जाने के अनुसार अपडेट मिलता रहता है।


इस्लामिक कैलेंडर को और किन किन नामों से जाना जाता है ?

इस्लामिक कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर भी कहते हैं। इसके अलावा इसे मुस्लिम कैलेंडर या उर्दू कैलेंडर के नाम से भी जाना जाता है। यह basically एक इस्लामिक कैलेंडर है जो चांद के अनुसार तारीख बदलता है।

चांद के अनुसार तारीख बदलने की वजह से इसे चंद्र कालदर्शक भी कहते हैं।

ऐसा कहा जाता है, कि 1444 साल पहले इस कैलेंडर की शुरुआत हजरत मोहम्मद सल्लालूह अलेही वसल्लम मदीना में शुरू किया गया था।


इस्लामिक कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से किस तरह अलग है ?

अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत 2023 साल पहले से हुई है। जबकि इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत 1444 वर्ष पहले से हुई है।

अंग्रेजी कैलेंडर सूर्य के अनुसार अपनी तारीखो को बदलता है, जबकि मुस्लिम कैलेंडर चांद के अनुसार अपने तिथियों को बदलता है।

अंग्रेजी कैलेंडर में 365 दिन होते हैं, जबकि इस्लामिक कैलेंडर में 354 या 355 दिन ही होता है। अर्थात दोनों calenders के बीच 10 से 11 दिनों का हर वर्ष फर्क आ जाता है।


चांद की तिथि के अनुसार 12 महीने का संक्षिप्त इतिहास

जैसा कि आपने ऊपर के लेख में जाना कि हिजरी कैलेंडर चांद पर आधारित होता है और इस बात से भी आप वाकिफ है, कि चांद को पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 29 से 30 दिनों का समय लगता है और यही कारण है, कि हिजरी कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 10 से 11 दिन छोटा होता है।

हिजरी कैलेंडर में 1 साल में 354 से 355 दिन होते है। यह कलैंडर इस प्रकार से डिजाइन किए गए हैं कि हर मौसम में ईद जैसे त्यौहार मनाने का मौका मिलता है। आइए 12 महीनों के बारे में संक्षिप्त रूप से जाने :-

मोहर्रम

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का सबसे पहला महीना होता है। मोहर्रम की 1 तारीख को इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का नया साल शुरू होता है। इस महीने को पवित्र महीना माना जाता है।

रमजान के महीने के रोजे के अलावा मोहर्रम के महीने के रोजे बाकी अन्य महीनों से बेहतर माने जाते हैं।

सफ़र

यह हिजरी कैलेंडर का दूसरा महीना होता है। सफ़र शब्द सिफिर से लिया गया है जिसका अर्थ शून्य या खाली होता है।

रबी अलअव्वल

इस्लामिक कैलेंडर में तीसरा और खास महीना रबी अल अव्वल होता है, क्योंकि इस महीने पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था और इसी महीने पैगंबर मक्का से मदीना चले गए थे। इस महीने के 12 वे दिन को मिलाद उन नबी के रूप में मनाते हैं।

रबी अल सानी / आखिर

यह इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का चौथा महीना है। इस महीने में कोई त्योहार नहीं मनाया जाता, क्योंकि इस दिन हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन और हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी का इंतकाल हुआ था।

जमाद अल अव्वल

यह इस्लामी कैलेंडर का पांचवा महीना है। जमाद का अर्थ सूखा होता है। यह गर्मी का पहला महीना होता है।

जमादी उल आखिर

यह इस्लामी कैलेंडर का छठा महीना होता है। इस महीने में अबू बक्र का निधन हुआ था और उमर बिन खताब को दूसरे खलीफा के रूप में नियुक्त किया गया था।

रज्जब

यह इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का सातवां महीना है और यह पवित्र महीनों में से एक है। रजाबा का अर्थ होता है सम्मान करना। इस महीने को माफी मांगने का महीना भी कहा जाता है।

शआबान

यह इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना होता है। यह भी सम्मानित महीनों में से एक है। इस महीने शबे बारात  की शुरुआत 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद हो जाती है और सारी रात से सुबह के फज़र तक होता है।

रमजान

यह इस्लामिक धर्म का नवां महीना होता है। इस महीने को सबसे कीमती महीना माना जाता है। इस महीने में सबसे पहले पवित्र कुरान शरीफ नाजिल हुए। दूसरा अनिवार्य रोजा पूरे रमजान में इस्लाम के चौथे स्तंभ में नरक के द्वार बंद कर दिए गए और जन्नत के द्वार खोल दिए गए।

इसके बाद शक्ति की रात जो 1000 महीनों से बेहतर है वह भी इसी महीने में आती है। यह रात 19, 21,23, 25 या 27 में रमजान में किसी भी दिन हो सकती है। रमजान का जिक्र कुरान की आयतों मे भी आता है।

शव्वाल

यह इस्लामिक धर्म का दसवां महीना होता है। इस के 6 दिन का रखा गया रोजा 2 महीने के रोजे के समान होता है। इस महीने के पहले तारीख को ही ईद उल फितर मनाया जाता है।

जु अल कादा

इस्लामिक हिजरी कैलेंडर में यह 11 महीना होता है। यह पवित्र महीना होता है जिसमें लड़ना मना है।

जु अल हज़्ज़ा

यह इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का आखरी महीना होता है। यह हज का महीना होता है जो कि एक पवित्र महीना होता है। इस महीने की 10 तारीख को ईद उल अजहा का त्यौहार भी मनाया जाता है।


निष्कर्ष :-

दोस्तों, अपने इस लेख के माध्यम से जाना कि Aaj chand ki kitni tarikh hai इसके अलावा हमने इस लेख के माध्यम से आपको इस्लामिक कैलेंडर से जुड़ी जानकारी विस्तार पूर्वक से देने की कोशिश की है।

हमें उम्मीद है, कि यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी।

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हम जल्द से जल्द आपके द्वारा कहे गए विषय पर लेख प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे।


FAQ’S :-

Q1. Urdu calendar 2023 में कौन सा इस्लामिक साल चल रहा है ?

उर्दू कैलेंडर में साल 1444 चल रहा है और अंग्रेजी कैलेंडर में साल 2023 चल रहा है। यदि दोनों 
calendar के बीच के अंतर की बात की जाए तो यह लगभग 578 सालों का अंतर है। 

Q2. इस्लामिक का नया साल 1445 कब है ?

Ans.  इस्लामिक साल के नये साल की तिथि हर साल बदल जाती है। इस्लामिक कैलेंडर में 
साल 1445,19 या 20 जुलाई 2023 को हो सकता है।

Q3. उर्दू का कौन सा महीना चल रहा है ?

Ans. जु अल - हज्जा

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