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arthshastra ke janak kaun hai

अर्थशास्त्र के जनक कौन है? (arthshastra ke janak kaun hai)

arthshastra ke janak kaun hai || arthashastra ke janak || अर्थशास्त्र का पिता कौन है

by Sonal Shukla

अर्थशास्त्र, वह शास्त्र है जिसमें मनुष्य के उन कार्यो का अध्ययन किया जाता है । जिन्हें वे अपनी असीमित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमित साधनों अर्थात् धन को प्राप्त करने के संबंध में करता है । सामाजिक विज्ञान की वह शाखा, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के विनिमय, वितरण एवं उपभाग का अध्ययन किया जाता है । उसे अर्थशास्त्र कहते है ।

अर्थशास्त्र वह शास्त्र है, जिसमें सभी की आवश्यकताओं की अधिकतम संतुष्ट करने या कल्याण बढ़ाने तथा आर्थिक विकास के लिए अनेक उपयोगों वाले सीमित साधनों के कुशलतम उपभोग, उत्पादन तथा विनिमय से संबंधित कार्यो का अध्ययन किया जाता है ।

अर्थशास्त्र दो शब्दों से मिलकर बना है, अर्थ और शास्त्र, इसलिए इसकी सबसे सरल परिभाषा यह है कि वह ऐसा शास्त्र है जिसमें मनुष्य के अर्थसंबंधी प्रयत्नों का विवेचन हो किसी विषय के संबंध में मुनष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मुनष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है।

अर्थशास्त्र का जनक

एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है, वो एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे। उन्हें अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है।आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ का नाम सबसे पहले आता है । उनकी पुस्तक ‘राष्ट्रों की संपदा ने अठारहवीं शताब्दी के इतिहासकारों एवं अर्थशास्त्रियों को बेहद प्रभावित किया है ।

एडम स्मिथ के अनुसार, अर्थशास्त्र का संबंध धन के उपयोग, उत्पादन, विनिमय तथा वितरण से होता है।

मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र की परिभाषा- “अर्थशास्त्र मनुष्य जीवन की साधारण व्यापार संबंधी, क्रियाओं का अध्ययन करता है। यह मनुष्य की उन व्यक्तिगत तथा सामाजिक क्रियाओं का अध्ययन करता है जिनका भौतिक साधनों को प्राप्त करने से तथा उनके उपयोग से घनिष्ठ संबंध है, जो मानव कल्याण के लिए आवश्यक है।”

भारत में अर्थशास्त्र का जनक चाणक्य को कहा जाता है और इन्हीं कौटिल्य के रूप में जाना जाता है । अर्थशास्त्र , कौटिल्य या चाणक्य द्वारा रचित संस्कृत का एक ग्रन्थ है। इसमें राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय एवं राजनीति आदि के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। अपने तरह का यह प्राचीनतम ग्रन्थ है।

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अर्थशास्त्र के दो प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र:- इसमे व्यक्ति और उसके आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। जैसे: व्यक्ति की आय, उसकी आवश्यकताए, उसकी इच्छाएँ, उसके खर्च करने का तरीका आदि का अध्ययन।

2. समिष्टि अर्थशास्त्र:- इसमे देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। जैसे: देश की प्रति व्यक्ति आय, सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद, देश की मांग एवं पूर्ति का अध्ययन, वृद्धि दर, बेरोजगारी दर आदि का अध्ययन।

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया arthshastra ke janak kaun hai, अर्थशास्त्र के जनक कौन है, अर्थशास्त्र के कितने प्रकार होते हैं के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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