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Assembly Elections 2021: बंगाल में छिटपुट हिंसा के बीच 80 फीसदी मतदान, असम में 72 फीसदी हुई वोटिंग

by Sneha Shukla

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पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शनिवार को छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच खत्म हो गया है। पश्चिम बंगाल में कई स्थानों से हिंसा की छिटपुट घटनाओं की सूचना है। पहले चरण में 79.79 प्रतिशत मतदान हुआ। उधर, असम में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 47 सीटों पर 72.14 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 6 बजे तक असम में 72.14% मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि बंगाल में कड़ी सुरक्षा के बीच 30 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें से कई सीटों कभी नक्सल प्रभावित इलाका रहे जंगल महल में हैं। कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को फ़ैक्स, सेनेटाइज़र और पॉलिथिन केइट्स दिए गए हैं। निर्वाचन आयोग (ई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”79 .79 प्रतिशत मतदान हुआ। दौड़ कमोबेश सीख रही है। ”

बंगाल में कहां-कितनी गड़बड़ी हुई?
पूर्व मेदिनीपुर में सबसे अधिक 82.51 प्रतिशत, इसके बाद झाड़ग्राम में 80.56 प्रतिशत, पश्चिम मेदिनीपुर में 80.12 प्रतिशत, बांकुड़ा में 79.90 प्रतिशत और पुरुलिया में 77.07 प्रतियों में मतदान हुआ। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में मतदान केंद्र पर हुई हिंसा से मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई है। पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांठी दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं ने ईवीएम मशीनों में कथित रूप से खराबी आने पर एक मतदान केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने माजना में मतदान केंद्र के बाहर सड़क बाधित की और आरोप लगाया कि वीवीपीएटी पर्चे में दिख रहा है कि उन्होंने जिस पार्टी के लिए मतदान किया है, उसके बजाए मत किसी अन्य पार्टी को पड़ा है।

असम में बीजेपी का 100 से ज्यादा अंक जीतने का दावा
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने वोट डालने से पहले दिनागढ़ की बोगा बाबा मजार पर प्रार्थना की। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा 100 से ज्यादा वोट जीतेगी। पहले फेज में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल मजुली से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजीव लोचन पेगु से है। इस चरण में स्पीकर हितेंद्रनाथ गोस्वामी जोरहाट विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। उनका मुकाबला पूर्व कांग्रेस विधायक राना गोस्वामी से है। कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा भी नजीरा और गोहपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। एक और हाईप्रोफाइल सीट टिटाबोर है। जिस पर भाजपा के मौजूदा विधायक हेमंत कलिता और कांग्रेस के भास्कर ज्योति बरुआ का मुकाबला है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई चार बार जीत चुके हैं। असम में भाजपा और कांग्रेस गठबंधन के अलावा असम जातीय परिषद भी मैदान में है।

ममता का दावा- बीजेपी ने ईवीएम में की गड़बड़ी की
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिमी मिदनापुर जिले में एक रैली में दावा किया कि बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी की है और केंद्रीय वर्गों के माध्यम से मतदाताओं को डरा रही है। उन्होंने कहा, ” आज कांठी के कुछ मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट से दिखा कि वोट भाजपा के पक्ष में पड़ रहे हैं, फिर चाहे मतदाता किसी अन्य पार्टी के चुनाव चिन्ह का बटन क्यों ना दबा रहे हों। कुछ स्थानों पर केन्द्रीय बलों को मतदाताओं को धमकाते हुए देखा गया। ” भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु ने दावा किया है कि कांठी में तृणमूल समर्थकों ने उनपर हमला किया और उनकी कार को तोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले में उनका चालक घायल हो गया। सौमेंदु ने कहा, ” मैं कांठी से गुजर रहा था, रास्ते में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने मेरी कार पर ईंट फेंके और उसके शीशे तोड़ दिए। ऐसा लगता है कि आसन्न हार को देखकर उनका दिमाग बौखला गया है। ”

बंगाल में बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ताओं में झड़प
बंगाल के दांतां विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर में बूथ कब्जा करने के कथित प्रयास के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए हैं। पश्चिम मेदिनीपुर के केशियारी में स्थानीय लोगों ने सिर्फ एक पार्टी के पक्ष में वोट पड़ने का दावा करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके लिए सुरक्षा के हिसाब से लाठी चार्ज करना पड़ा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने यह आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दी कि सुरक्षा बलों ने घर-घर जाकर महिलाओं को पीटा है। पुलिस ने बताया कि केस्करी के बेगमपुर में दिन में एक व्यक्ति का शव मिला जिसकी पहचान मंगल सोरेन के रूप में हुई।]बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि सोरेन पार्टी का समर्थक था और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उसकी हत्या की है, हालांकि सत्तारूढ़ दल ने आरोप को खारिज कर दिया है। वहीं, जिला प्रशासन ने चुनाव आयोग को प्रेषित रिपोर्ट में कहा है कि मौत का चुनावी प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।

वोटिंग शुरू होने से पहले ही लगने लगी है और लंबी दूरी की
दौड़ शुरू होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गई हैं। कई लोग गर्मी से बचने और बाद में हिंसा हो सकने की आशंका के कारण सुबह-सुबह ही दौड़ के लिए पहुंचे। मेदिनीपुर और ए कार्ड के भगवानपुर सहित कई क्षेत्रों के मतदाताओं ने केंद्रीय वर्गों से उन्हें धमकाए जाने की शिकायत की। बलों ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया और वे उन्हें मतदान केंद्र लेकर चले गए। इसके अलावा, बीजेपी और तृणमल पर मतदाताओं को भोजन के पैकेट, चाय और नाश्ता देकर उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करने के लिए लगे हुए हैं। निर्वाचन आयोग (ई) के अधिकारी ने बताया कि अभी तक 107 ईवीएम के काम न करने का पता चला है।



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