सार
मतगणना से पहले मतगणना अधिकारी और प्रत्याशी या उनके मतगणना एजेंट ईवीएम की जांच और दृष्टिकोण करते हैं। वे ईवीएम की सील देखते हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को भांपते हैं।
मतपत्रों की गणना (प्रतीकात्मक चित्र)
– फोटो: अमर उजाला
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विस्तार
सील-क्रम की जांच
मतगणना से पहले मतगणना अधिकारी और प्रत्याशी या उनके मतगणना एजेंट ईवीएम की जांच और दृष्टिकोण करते हैं। वे ईवीएम की सील देखते हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को भांपते हैं। साथ ही देखते हैं कि यह वही कंट्रोल यूनिट है जो पोलिंग स्टेशन को दी गई थी।
इसके बाद गणना कंट्रोल यूनिट को चालू किया जाता है। इसमें मौजूद रिजल्ट आई बटन दबाया जाता है, जिससे हर प्रत्याशी को मिले वोट प्रदर्शित होते हैं। इनका फॉर्म 17 सी के दूसरे भाग में दर्ज किया जाता है। सील करने से पहले वे कई बार देखा जा सकता है। इसके बाद यूनिट को स्विच ऑफ कर कर सील कर दिया जाता है। सील पर मतगणना निरीक्षक और प्रत्याशी या उसके एजेंट के साइन के लिए जाते हैं।
ईवीएम पर पर्यवेक्षकों द्वारा औचक गणना
दूसरी ओर मतगणना में आए पर्यवेक्षक किसी भी दो पोलिंग रेल के ईवीएम पर समानांतर गणना करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से गणना स्टाफ दिया जाता है। इसके परिणामों को संबंधित श्रेणियों के रूप 17 सी से मिलकर ही पर्यवेक्षक संतुष्ट होते हैं।
और परिणाम घोषणा से पहले दो मिनट का ब्रेक
सभी ईवीएम के परिणामों को प्रपत्र 20 पर तैयार किया जाता है। इसमें पोलिंग बो, पोस्टल व टेंडर वोट आदि को दर्ज किया जाता है। वोटों की संख्या सटीक दर्ज होनी चाहिए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो परिणाम जारी करते समय चौंकाने वाला होने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।
निगरानी और नियम
मतगणना हॉल पर मतगणना पीठासीन अधिकार के निर्देश और निगरानी पर होती है। प्रत्याशी, उसके एजेंट को ही हॉल में उपस्थित रहने का अधिकार होता है। किसी अन्य के प्रवेश करने या अधिकृत व्यक्ति के दुर्व्यवहार करने पर उसे मतगणना हॉल से निकाला जा सकता है।
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