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मतपत्रों की गणना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Assembly Elections Poll Result 2021 : पांच बिंदुओं में जानिए कैसे होती है आपके वोटों की गणना, ईवीएम का बंटवारा

by Sneha Shukla

सार

मतगणना से पहले मतगणना अधिकारी और प्रत्याशी या उनके मतगणना एजेंट ईवीएम की जांच और दृष्टिकोण करते हैं। वे ईवीएम की सील देखते हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को भांपते हैं।

मतपत्रों की गणना (प्रतीकात्मक चित्र)
– फोटो: अमर उजाला

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ईवीएम को मतगणना हॉल में शुरू की गई टेबलों पर क्रमानुसार बांटा जाता है। कौन सी टेबल पर कौन सी ईवीएम रखी गई, इसका लेखाजोखा रखा जाता है। गणना के लिए केवल कंट्रोल यूनिट की जरूरत होती है, ईवीएम के बाकी हिस्से जरूरी होने पर नियंत्रण के लिए लाए जाते हैं।

सील-क्रम की जांच
मतगणना से पहले मतगणना अधिकारी और प्रत्याशी या उनके मतगणना एजेंट ईवीएम की जांच और दृष्टिकोण करते हैं। वे ईवीएम की सील देखते हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को भांपते हैं। साथ ही देखते हैं कि यह वही कंट्रोल यूनिट है जो पोलिंग स्टेशन को दी गई थी।

इसके बाद गणना इकाई यूनिट को चालू किया जाता है। इसमें मौजूद रिजल्ट आई बटन दबाया जाता है, जिससे हर प्रत्याशी को मिले वोट प्रदर्शित होते हैं। इनका फॉर्म 17 सी के दूसरे भाग में दर्ज किया जाता है। सील करने से पहले वे कई बार देखा जा सकता है। इसके बाद यूनिट को स्विच ऑफ कर कर सील कर दिया जाता है। सील पर मतगणना निरीक्षक और प्रत्याशी या उसके एजेंट के साइन के लिए जाते हैं।

ईवीएम पर पर्यवेक्षकों द्वारा औचक गणना
दूसरी ओर मतगणना में आए पर्यवेक्षक किसी भी दो पोलिंग स्टेशनों के ईवीएम पर समानांतर गणना करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से गणना स्टाफ दिया जाता है। इसके परिणामों को संबंधित वर्गों के रूप 17 सी से युक्त ही पर्यवेक्षक संतुष्ट होते हैं।

और परिणाम घोषणा से पहले दो मिनट का ब्रेक
सभी ईवीएम के परिणामों को प्रपत्र 20 पर तैयार किया जाता है। इसमें पोलिंग बो, पोस्टल व टेंडर वोट आदि को दर्ज किया जाता है। वोटों की संख्या सटीक दर्ज होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो परिणाम जारी करते समय चौंकाने वाला होने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।

निगरानी और नियम
मतगणना हॉल पर मतगणना पीठासीन अधिकार के निर्देश और निगरानी पर होती है। प्रत्याशी, उसके एजेंट को ही हॉल में उपस्थित रहने का अधिकार होता है। किसी अन्य के प्रवेश करने या अधिकृत व्यक्ति के दुर्व्यवहार करने पर उसे मतगणना हॉल से निकाला जा सकता है।

गणना के समय कोई ईवीएम या मतपत्र खराब होने, टूटने या खोलने पर पीठासीन अधिकारी को तुरंत इसकी सूचना चुनाव आयोग को देनी होगी, जो तत्काल मतगणना रोकने के आदेश देगा। आयोग चुनाव रद्द कर सकता है, संबंधित मतदान स्थल पर पुनर्मतदान कर सकता है।

सजा तोड़ने या छेड़छाड़ पर सजा
वोटों की गोपनीयता बनाये रखना ड्यूटी पर लगे हर अधिकारी, क्लर्क, एजेंट और व्यक्ति की है। इसकी शपथ ली जाती है। गोपनीयता तोड़ने, किसी के समर्थन में दांव को प्रभावित करने, ईवीएम या मतपत्रों से छेड़छाड़ पर जेल या जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

एक प्रत्याशी के अधिकतम 16 एजेंट
एक प्रत्याशी अधिकतम 16 पोलिंग एजेंट बना सकता है। ये सभी मतगणना के समय मौजूद रहते हैं। मतगणना से एक घंटे पहले तक इसकी सूचना पीठासीन अधिकारी को देनी होती है।

एक मतगणना हॉल में अधिकतम 14 मतगणना टेबल लगाई जा सकती हैं। हालांकि 2009 में आयोग की अनुमति से 25 टेबलें तक एक हॉल में लगाई गई थीं। पीठासीन अधिकारी के लिए अलग टेबल लगती है और इसी के पास प्रत्याशी या उसके एजेंट बैठ सकते हैं। उसी के पास एक कंप्यूटर टेबल लगाई जाती है जिस पर हर राउंड की गणना दर्ज की जाती है।

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विस्तार

ईवीएम को मतगणना हॉल में शुरू की गई टेबलों पर क्रमानुसार बांटा जाता है। कौन सी टेबल पर कौन सी ईवीएम रखी गई, इसका लेखाजोखा रखा जाता है। गणना के लिए केवल कंट्रोल यूनिट की जरूरत होती है, ईवीएम के बाकी हिस्से जरूरी होने पर नियंत्रण के लिए लाए जाते हैं।

सील-क्रम की जांच

मतगणना से पहले मतगणना अधिकारी और प्रत्याशी या उनके मतगणना एजेंट ईवीएम की जांच और दृष्टिकोण करते हैं। वे ईवीएम की सील देखते हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को भांपते हैं। साथ ही देखते हैं कि यह वही कंट्रोल यूनिट है जो पोलिंग स्टेशन को दी गई थी।

इसके बाद गणना कंट्रोल यूनिट को चालू किया जाता है। इसमें मौजूद रिजल्ट आई बटन दबाया जाता है, जिससे हर प्रत्याशी को मिले वोट प्रदर्शित होते हैं। इनका फॉर्म 17 सी के दूसरे भाग में दर्ज किया जाता है। सील करने से पहले वे कई बार देखा जा सकता है। इसके बाद यूनिट को स्विच ऑफ कर कर सील कर दिया जाता है। सील पर मतगणना निरीक्षक और प्रत्याशी या उसके एजेंट के साइन के लिए जाते हैं।

ईवीएम पर पर्यवेक्षकों द्वारा औचक गणना

दूसरी ओर मतगणना में आए पर्यवेक्षक किसी भी दो पोलिंग रेल के ईवीएम पर समानांतर गणना करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से गणना स्टाफ दिया जाता है। इसके परिणामों को संबंधित श्रेणियों के रूप 17 सी से मिलकर ही पर्यवेक्षक संतुष्ट होते हैं।

और परिणाम घोषणा से पहले दो मिनट का ब्रेक

सभी ईवीएम के परिणामों को प्रपत्र 20 पर तैयार किया जाता है। इसमें पोलिंग बो, पोस्टल व टेंडर वोट आदि को दर्ज किया जाता है। वोटों की संख्या सटीक दर्ज होनी चाहिए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो परिणाम जारी करते समय चौंकाने वाला होने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।

निगरानी और नियम

मतगणना हॉल पर मतगणना पीठासीन अधिकार के निर्देश और निगरानी पर होती है। प्रत्याशी, उसके एजेंट को ही हॉल में उपस्थित रहने का अधिकार होता है। किसी अन्य के प्रवेश करने या अधिकृत व्यक्ति के दुर्व्यवहार करने पर उसे मतगणना हॉल से निकाला जा सकता है।


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ईवीएम खराब होने पर तत्काल सूचना

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