पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती (बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम) कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। इस विधानसभा चुनाव में बंगाल की सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल सीट नंदीग्राम (नंदीग्राम) मिल रही है। यहां मुकाबला मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी (ममता बनर्जी) और हाल ही में भगवा झंडा थामने बी बीपीपी प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी (सुवेंदु अधकारी) के बीच है।
आठवें चरण की वोटिंग के बाद सामने आए कुछ डेवलपर एजेंसी और टीवी चैनल्स के एग्जिट पोल में ममता बनर्जी के नंदीग्राम में चुनाव हारने का आकलन किया गया है। हालांकि टीएमसी के नेता लगातार नंदीग्राम और बंगाल जीतने की बात कह रहे हैं।
क्या रहा है है नंदीग्राम सीट का सियासी इतिहास?
इस सीट पर 2009 के उपचुनाव से तृणमूल कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2016 के विधानसभा चुनाव में बतौर टीएमसी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी की जीत हुई थी। उन्होंने लेफ्ट उम्मीदवार अब्दुल कबीर शेख को 81 हजार से अधिक मतों से उपकरण दिया था। उन्हें ममता सामान में मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि इस विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारी ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद ममता बनर्जी ने इसी सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
शुभेंदु अधिकारी से है पहले लेफ्ट का था कब्जा करना
शुभेंद्र अधिकारी से पहले नंदीग्राम सीट पर बतौर टीएमसी उम्मीदवार फिरोजा बीबी ने दो बार जीत दर्ज की। इस विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने इसे लड़ाई की लड़ाई बना दिया। उन्होंने लगभग एक सप्ताह तक नंदीग्राम में डेरा जमाये रखा। एक अप्रैल को इस सीट पर 88 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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