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Hockey mein kitne khiladi hote hain

हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं ? – Hockey mein kitne khiladi hote hain

by Pritam Yadav

Hockey mein kitne khiladi hote hain :- हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल जिसके बारे में भारत का हर बच्चा बच्चा जानता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं या हॉकी खेल के नियम क्या है ? या फिर हॉकी का इतिहास कैसा है ?

यदि नहीं तो इस लेख में अंत तक बने रहे, क्योंकि आज हम यहां भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी के बारे में चर्चा करने वाले हैं और इस लेख के माध्यम से हॉकी से संबंधित हर तरह की जानकारी आपके साथ हम यहां शेयर करने वाले हैं।


हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं – Hockey mein kitne khiladi hote hain

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल जो आग से नहीं बल्कि प्राचीन समय से काफी ज्यादा लोकप्रिय है। इस खेल में ऐसे ऐसे खिलाड़ी हॉकी में रह चुके हैं, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का नाम रोशन कर दिखाया है।

हॉकी का खेल हमेशा दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक टीम में 11 -11 खिलाड़ी शामिल होते हैं।

11 खिलाड़ियों में एक गोलकीपर होता है, जो विरोधी टीम के खिलाड़ियों को गोल करने से रोकने की कोशिश करता है। गोलकीपर के पास लकड़ी की प्लास्टिक की या रबड़ की ek स्टिक होती है,  परंतु वे स्टिक के अलावा अपने शरीर के किसी भी अंग का भी इस्तेमाल करके खिलाड़ी को गोल करने से रोक सकता है।

इसके अलावा इसमें एक कप्तान होता है और एक डिफेंडर होता है। आपको बता दें कि डिफेंडर प्रायः सबसे आगे रहता है।

तो हम उम्मीद करते हैं, कि आपको  Hockey mein kitne khiladi hote hain ? समझ में आ गया होगा।


हॉकी खेल का इतिहास

हॉकी का इतिहास काफी पुराना है और इसे विभिन्न रूपों में बहुत समय से खेला जा रहा है। प्राचीन काल में इस खेल को विभिन्न रूपों और नामों से जाना जाता था।

जैसे कि ब्रिटिश लोगों के बीच ‘स्टिक एंड बॉल’ खेल और रोमन इम्पीरियल के समय ‘पेलोता’ खेल के नाम से से जाना जाता था। हालांकि मॉडर्न हॉकी की जड़े मानव इतिहास की 18वीं और 19वीं शताब्दी में बहुत तेजी से आगे बढ़ी।

19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटेन में हॉकी खेल को अपनी आधिकारिक पहचान दी गई। 1875 में लंदन में पहला आधिकारिक हॉकी एसोसिएशन स्थापित किया गया, जिसके निर्देशन में राष्ट्रीय स्तर पर मैच आयोजित होने लगी। इसके बाद से ही हॉकी एक प्रसिद्ध खेल बन गया और विश्व भर में लोकप्रिय हो गया।

20वीं शताब्दी में हॉकी को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल किया गया। 1928 में अम्स्टरडम ओलंपिक में हॉकी को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शामिल किया गया और इसके बाद हॉकी ओलंपिक खेलों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।

विश्व भर में हॉकी का खेल व्यापक रूप से विकसित हुआ। विभिन्न टीमें, अपनी खेल शैली, तकनीक और आधारभूत नियमों में अंतर करती है, जो इसे दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण बनाता है।

हॉकी विश्व के प्रमुख खेलों में से एक है आज अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं, जिसमें विभिन्न देशों के बीच कांटे की टक्कर होती है।


हॉकी कौन से देश का राष्ट्रीय खेल है ?

हॉकी जिसे इंग्लिश में Field Hockey कहते हैं, वह विश्व के दो देशों का राष्ट्रीय खेल है, भारत और पाकिस्तान। जी हाँ हॉकी इन दोनों ही देशों में यह काफी लोकप्रिय है, यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली टूर्नामेंट में शामिल होते हैं।

हॉकी भारत की राष्ट्रीय संघ (Hockey India) द्वारा प्रबंधित की जाती है और पाकिस्तान में इसे पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (Pakistan Hockey Federation) के तहत नियंत्रित किया जाता है।

हॉकी का भारत में प्रथम प्रवेश ब्रिटिश सेना के शिकारियों द्वारा किया गया था। इसे लगभग 19वीं शताब्दी के मध्य में भारत में लाया गया था। हॉकी को भारत में प्रसिद्धता मिली और लोकप्रियता प्राप्त हुई।

ब्रिटिश शासन काल में इसे उत्साह पूर्ण खेला जाने लगा।  1885 में ब्रिटिश भारतीय हॉकी एसोसिएशन की स्थापना हुई, जो हॉकी के प्रशासनिक और आयोजनों का ध्यान रखती थी।

ब्रिटिश शासन काल में यह खेल बहुत प्रमुख था और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाने लगा।  हॉकी का प्रचार और प्रसार भारत में महात्मा गांधी के द्वारा किया गया। उन्होंने हॉकी खेल में स्वर्णिम भावना दी और इसे स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनाया।

गांधी जी ने हॉकी को युवा और देशभक्त जनता के बीच आधारभूत खेल के रूप में प्रचारित किया और उसका प्रशासनिक व्यवस्थापन किया। भारत में पहली बार राष्ट्रीय हॉकी टीम 1928 में अम्स्टरडम ओलंपिक में भाग लिया और स्वर्ण पदक जीता।

इससे पहले भारतीय टीम ने 1926 में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के तहत इंडियन नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था।


हॉकी खेल के नियम क्या है ?

हॉकी अपने आप में एक रोमांचक खेल है और इसके नियम अन्य खेलों की तुलना में काफी भिन्न हैं हम यहां हॉकी खेल के कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। जैसे कि :-

  • हॉकी खेलने के लिए हमेशा लकड़ी का या प्लास्टिक या फाइबर का लंबा और घुमावदार स्टिक का प्रयोग किया जाता है एक को ही हॉकी स्टिक कहते हैं प्राया हॉकी खेलने वाले सफेद रंग का होता है।
  • होली खेलने के लिए गेंद को हॉकी स्टिक से मारकर विरोधी दल के खेमे में डालना जरूरी होता है बॉल का वजन तकरीबन 156 ग्राम से लेकर 163 ग्राम के आसपास होता है इस गेंद को हॉकी के सभी खिलाड़ी बारी बारी से एक दूसरे को देते हुए विरोधी दल के खेमे में डालते हैं।
  • हॉकी हमेशा दो टीमों के बीच खेली जाती है। यह टीम पुरुष और महिला दोनों की हो सकती है यानी कि हॉकी महिला और पुरुष दोनों ही वर्गों के लोग खेलते हैं। हॉकी के प्रत्येक टीम में ग्यारह – ग्यारह खिलाड़ी होते हैं यानी एक टीम में तकरीबन एक ग्यारह खिलाड़ी शामिल होते हैं।
  • खेल में दोनों टीम से 11 गोलकीपर भी होते हैं जो अपने अपने खेमे में या गोलपोस्ट पर खड़े रहते हैं और विरोधी टीम द्वारा मारे गए गेंद को गोल होने से यानी खेमे में घुसने से रोकने की कोशिश करते हैं।
  • हॉकी का खेल दो राउंड में होता है, प्रत्येक रोहन 35 35 मिनट का होता है। बीच में 5 मिनट का ब्रेक मिलता है। यानी कि कुल मिलाकर यह खेल पूरे 70 मिनट का होता है।
  • हॉकी के एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से एक गोलकीपर होता है एक कप्तान होता है और एक डिफेंडर होता है जो कि हमेशा सबसे आगे खड़ा होता है।
  • इस खेल में दो एंपायर शामिल होते हैं और गेम में होने वाले चीजों का निर्णय दोनों आपस में मिलकर करते हैं और इनका निर्णय ही अंतिम निर्णय होता है, जिसे दोनों टीमों को मानना पड़ता है।
  • हॉकी के खेल में खिलाड़ियों को यदि खेल के दौरान चोट लग जाए तो उस खिलाड़ी के स्थान पर दूसरे खिलाड़ी को बदला जाता है लेकिन बदले गए खिलाड़ी दोबारा मैदान में वापस नहीं उतर सकते हैं।
  • इस खेल में गोलकीपर का काम सामने वाले टीम के गोल को रोकने का होता है। गोलकीपर गोल को रोकने के लिए अपने शरीर के किसी भी अंग का इस्तेमाल किसी भी तरह से कर सकते हैं वह किक मार सकता है या हाथ का इस्तेमाल कर सकता है आद।
  • गोलकीपर को ही केवल इस खेल में गेंद को छूने की अनुमति है यानी कि कोई अन्य खिलाड़ी गेंद को नहीं छू सकता है।  यदि ऐसा करता है तो उसे पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
  • पेनाल्टी के दौरान यदि हॉकी के खेल के नियमों का उल्लंघन गोलकीपर के द्वारा हो जाए और गोलकीपर गेंद रोकने में सफल भी हो जाए तब भी उस गेंद को गोल मान लिया जाता है।
  • पेनाल्टी के लिए इस खेल में तीन अलग-अलग कार्डों का इस्तेमाल किया जाता है। हरा, पीला और लाल। जहां लाल कार्ड का मतलब होता है मैच के दौरान पूरे समय के लिए खिलाड़ी ग्राउंड से बाहर कर दिया जाता है। हरे  कार्ड का मतलब है, चेतावनी यानी की पहली गलती पर छोड़ा जा रहा है लेकिन अगली गलती पर माफी नहीं मिलेगी। और अंत में पीला कार्ड जिसका मतलब होता है, कि मैच ग्राउंड से खिलाड़ी को 5 मिनट के लिए बाहर कर दिया जाता है।

भारत के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और वर्तमान समय में भी   यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस खेल में कई खिलाड़ियों ने उच्च प्रदर्शन किया और कई पदक भारत के नाम कर विश्वभर में भारतीय हॉकी को अपनी पहचान दिलाई।

यहां हम कुछ ऐसे भारत के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों के नाम बता रहे हैं, जिन्होंने भारतीय हॉकी को उच्च मुकाम पर पहुंचाने में अपना पूरा योगदान दिया। जैसे कि :-

1. ध्यानचंद ( Major Dhyan Chand )

ध्यानचंद भारतीय हॉकी के सबसे प्रसिद्ध और जाने-माने खिलाड़ियों में से एक है, जिन्होंने भारतीय हॉकी को विश्व भर में एक अलग पहचान दिलाने में अपना योगदान दिया है।

उन्होंने वर्ष 1928, 1932 और 1936 में हुए ओलंपिक में तीन गोल्ड मेडल भारत के नाम किए थे। ध्यानचंद को हॉकी के विश्वविख्यात महान रत्न के रूप में मान्यता दी जाती है।

2. बलबीर सिंह ( Balbir सिंह Sr. )

बालेंद्र सिंह की भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ियों में से एक है उन्होंने तीन बार 1948 1952 और 1956 के ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। और इनमें से दो मेडल उन्होंने अपने हैट्रिक के रूप में हासिल किए।

3. मनप्रीत सिंह (Manpreet singh)

मनप्रीत सिंह भी एक वरिष्ठ भारतीय हॉकी खिलाड़ी है, उन्होंने भारत को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया है। मनप्रीत सिंह saal 2021 तक भारतीय हॉकी के कप्तान भी रह चुके हैं।

4. पीलो लाम शर्मा ( Piloo Lam sharma )

पीलो लाम शर्मा भारतीय हॉकी के अग्रणी खिलाड़ियों में से एक है। उन्होंने 1952 में खेले गए ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया था।

5. धर्मवीर सिंह ( Dharmvir singh )

धर्मवीर सिंह भारतीय हॉकी खिलाड़ी जिन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त किया है।


FAQ’S:-

Q1. हॉकी खेल के जनक कौन है ?

Ans - हॉकी खेल के दिनांक ध्यानचंद जी को कहा जाता है।

Q2. हॉकी का खेल कितने मिनट का होता है ?

Ans - हॉकी का खेल दो राउंड में होता है, प्रत्येक रोहन 35 35 मिनट का होता है। बीच में 5 मिनट 
का ब्रेक मिलता है। यानी कि कुल मिलाकर यह खेल पूरे 70 मिनट का होता है।

Q3. हॉकी का जन्मदाता देश कौन सा है ?

Ans - रिसर्च के मुताबिक ऐसा कहा जाता है, कि हॉकी की शुरुआत साल 2010 से तकरीबन 4000 वर्ष 
पूर्व मिश्र से हुई थी।

Q4. भारत में हॉकी में प्रथम गोल्ड मेडल कब जीता था ?

Ans - भारत ने सर्वप्रथम 1928 में हुए ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने जाना कि ‘Hockey mein kitne khiladi hote hain’ और साथ ही साथ हमने यहां आपको बताया कि हॉकी कौन से देश का राष्ट्रीय खेल है तथा हॉकी खेल के नियम क्या है ?

उम्मीद करते है, इस लेख के माध्यम से आपको हॉकी से संबंधित कुछ नई बातें सीखने और जानने को मिली होगी। इसके बावजूद यदि आपको इस विषय से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए तो कमेंट के माध्यम से आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

अंत में आपसे बस इतना ही निवेदन है, कि यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले।


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