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Kailash Parvat Kaha Hai – कैलाश पर्वत कहां है ?

by Pritam Yadav

Kailash Parvat Kaha Hai :- कैलाश पर्वत हिंदू धर्म तथा कुछ अन्य धर्मों में एक पवित्र स्थल माना जाता है। कई सारे लोग इस स्थल पर यात्रा करना चाहते हैं और यहां पर तीर्थ करने के लिए आना चाहते हैं।

कई लोग इस तीर्थ स्थल के बारे में जानना भी चाहते हैं, जैसे Kailash Parvat Kaha Hai ? कैलाश पर्वत का रहस्य क्या है, इत्यादि।

इसीलिए आज के इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे और जानेंगे, कि Kailash Parvat Kaha Hai ? साथ ही हम यह भी जानेंगे, कि कैलाश पर्वत की कहानी और कैलाश पर्वत का रहस्य क्या है ? तो आइए बिना देरी किए लेख को शुरू करें।


कैलाश पर्वत कहां है ? – Kailash Parvat Kaha Hai

कैलाश पर्वत को मानसरोवर पर्वत भी कहा जाता है। यह हिमालय पर्वत माला में स्थित एक पर्वत है। यह पर्वत भारत, नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है। लेकिन मुख्य रूप से यह माना जाता है, कि यह पर्वत तिब्बत में स्थित है।

कैलाश पर्वत से कई पवित्र नदियां भी निकलती है, जिसमें सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलुज, इत्यादि नदियां शामिल है। लोग दूर-दूर से मानसरोवर पर्वत यानी कैलाश पर्वत की तीर्थ करने आते हैं और इस कृत्य को रजत गिरी अष्टापद और गण पर्वत कहा जाता है।

या कैलाश पर्वत कश्मीर से लेकर भूटान तक फैली हुई है। इस पर्वत का शिखर भगवान शिव के लिंग की तरह दिखता है, इसीलिए इसे कैलाश पर्वत कहा जाता है।

यह पर्वत हमेशा बर्फ से ढका हुआ रहता है, जिस प्रकार कैलाश पर्वत होता है। जैन धर्म में कैलाश पर्वत को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म स्थान माना जाता है, जिसकी परिक्रमा करने का भी महत्व काफी ज्यादा है।


कैलाश पर्वत की ऊंचाई कितनी है ?

कैलाश पर्वत लगभग 6638 मीटर यानी 21778 फीट ऊंचा है। यह हिमालय पर्वत माला का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है, जिसका शिखर हमेशा बर्फ से ढका रहता है।

कैलाश पर्वत का समुद्र तल से ऊंचाई 6714 मीटर यानी 22028 फीट बताया गया है। कैलाश पर्वत 14 मुखी चोटीवाला पर्वत है, जिसके चारों मुख उत्तर दक्षिण पूरब और पश्चिम की ओर है।

कैलाश पर्वत की पश्चिम दिशा में मानसरोवर और दक्षिण दिशा में राक्षस ताल झील स्थित है। चौकिया इतना ऊंचा पर्वत है और साथ ही यह बर्फ से ढका रहता है, इसलिए बहुत ही कम लोग इस पर्वत पर चढ़ पाते हैं। लेकिन मई एवं जून के समय में हजारों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने भी आते हैं।


कैलाश पर्वत का इतिहास क्या है ?

कैलाश पर्वत का इतिहास प्राचीन कथाओं से भरा हुआ है, जिसका उल्लेख हिंदू बौद्ध और जैन ग्रंथों में हजारों साल पुराना है। माना जाता है कि यह पर्वत देवी-देवताओं का निवास स्थान है और आज भी भोले बाबा इस स्थान पर निवास करते हैं।

  1. कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा इतिहास यह माना जाता है कि इस पर्वत के ऊपर स्वर्ग है और नीचे मृत्युलोक है। इसके अलावा कैलाश पर्वत का इतिहास या कहता है, कि इसी पर्वत के पास कुबेर की नगरी भी है, जहां पर जाना काफी शुभ माना जाता है।
  2. कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और यह कहा जाता है की देवी सती का दाया हाथ यहीं पर गिरा था, जब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी सती के शरीर के टुकड़े किए थे।
  3. कैलाश पर्वत के चारों ओर एक झील है जिसे मानसरोवर कहा जाता है इस झील को पवित्र माना जाता है और यह कहा जाता है कि इसके पानी से स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाती है।
  4. कैलाश पर्वत का उल्लेख शिव पुराण स्कंद पुराण और मत्स्य पुराण में काफी ज्यादा किया गया है। इन पुराणों में यह बताया गया है कि इस पर्वत के पूर्व भाग को क्रिस्टल पश्चिम भाग को रूबी उत्तर भाग को स्वर्ण और दक्षिण भाग को नीलम कहा जाता है।

कैलाश पर्वत का रहस्य क्या है ?

कैलाश पर्वत के कई सारे रहस्य हैं, जिनमें से आज आपको कुछ महत्वपूर्ण 10 रहस्य के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

  1. कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना जाता है क्योंकि हिमालय दक्षिणी ध्रुव और उत्तरी ध्रुव के बीचोबीच स्थित है और इस हिमालय का प्रमुख केंद्र कैलाश पर्वत है।
  2. कैलाश पर्वत को अलौकिक शक्ति का केंद्र भी कहा जाता है। बताया गया है कि कैलाश पर्वत पर ही एक एक्सेस मुंडे केंद्र है, जो दुनिया की नाभि यानी भौगोलिक ध्रुव का केंद्र है। कैलाश पर्वत के इसी बिंदु पर आकर दसों दिशाएं मिलती हैं और आकाश से पृथ्वी के बीच का संबंध बनाती हैं।
  3. कैलाश पर्वत पिरामिड जैसा दिखने वाला पर्वत है, जो सो छोटे-छोटे पिरामिडों का केंद्र भी है।
  4. ऐसे तो कैलाश पर्वत पर चढ़ना निषेध है लेकिन इस पर सबसे पहले 11वीं शताब्दी में एक बौद्ध योगी मिल चढ़ाई की थी। इसके बारे में मैगजीन में प्रकाशित हुई थी लेकिन मिला द्वारा इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई, जो कि एक रहस्य के रूप में अभी तक है।
  5. कैलाश पर्वत से निकलने वाली झीलें मानसरोवर राक्षस नामक झील का एक बहुत बड़ा रहस्य है। यह दोनों झीलें सकारात्मक एवं नकारात्मक संबंध को दिखाती है। जब हम दोनों झीलों को दक्षिण की ओर से देखते हैं, तो इन पर स्वास्तिक का चिन्ह बना हुआ दिखाई देता है। लेकिन या एक रहस्य है कि यह प्राकृतिक जिले हैं क्या मानव द्वारा इसे बनाया गया है।
  6. कैलाश पर्वत से ही चारों दिशाओं में चार सबसे पवित्र नदियां निकलती हैं जिनमें सतलज, करनाली, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी शामिल है।
  7. कैलाश पर्वत का एक सबसे बड़ा की इस पर्वत पर कई बार लोगों द्वारा यह थी को देखा गया है। जो भी इस कैलाश पर्वत की तरफ रहते हैं, उन्होंने यह दावा किया है कि यहां पर एक ही यदि नामक मानव रहता है, जोकि बहुत विशालकाय है। लेकिन अभी तक इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है।
  8. जैसा कि हम जानते हैं कैलाश पर्वत से मानसरोवर नामक झील निकलती है और इसी झील के पास एक बहुत तेज ध्वनि लोगों को सुनाई देती है जो हमेशा बस्ती रहती है। कई लोगों को लगता है कि यह एरोप्लेन उड़ाने की आवाज है लेकिन वास्तव में यह आवाज डमरु या ओम शब्द की है। परंतु वैज्ञानिकों का मानना यह है कि हिमालय की बर्फ पिघलने के कारण यह आवाज सुनाई देती है।
  9. कई बार कैलाश पर्वत के ऊपर 7 तरह की लाइटें चमकती हुई देखी गई है। परंतु वैज्ञानिकों का यह मानना है कि कैलाश पर्वत पर चुंबकीय बल अधिक होता है और यह चुंबकीय बल आसमान से मिलकर इस तरह की लाइटिंग का निर्माण करती है।
  10. ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर पुण्य आत्माएं अभी भी रहती हैं। कुछ रसिया के वैज्ञानिक ने जब तिब्बत के मंदिरों में यात्रा की तो वहां के मंदिरों के धर्मगुरुओं ने बताया कि पर्वत के चारों और एक अलौकिक शक्ति है और यहां पर आज भी कई ऋषि मुनि तपस्या कर रहे हैं।

कैलाश पर्वत जाने का रास्ता क्या है ?

दरअसल कैलाश पर्वत से जाने का रास्ता केवल सड़क मार्ग और वायु मार्ग ही है।

सड़क मार्ग द्वारा कैलाश पर्वत जाने में कुल 28 से 30 दिनों का समय लगता है। यदि सड़क मार्ग द्वारा कोई भी व्यक्ति यहां पहुंचना चाहता है, तो इसके लिए पहले से सीट एडवांस में बुकिंग करनी होगी।

उसके बाद जिन लोगों का नाम चयनित किया जाता है उन्हीं लोगों को सड़क मार्ग द्वारा कैलाश पर्वत की यात्रा करने के लिए ले जाया जाता है।

वायु मार्ग द्वारा भी कैलाश पर्वत जाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आपको हवाई जहाज से काठमांडू जाना होगा और फिर वहां से सड़क मार्ग द्वारा ही मानसरोवर झील तक जाता है। आप चाहे तो इसके लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा भी ले सकते हैं।


FAQ’s :- 

Q1. कैलाश पर्वत पर किसका निवास है ?

Ans- कैलाश पर्वत पर भगवान शिव का निवास है।

Q2. कैलाश पर्वत पर चढ़ने वाला व्यक्ति कौन है ?

Ans- कैलाश पर्वत पर चाहने वाले व्यक्ति का नाम मिलारेपा है। इन्होंने 11 वीं सदी में 
इस पर्वत की चढ़ाई की थी और यह एक तिब्बती बौद्ध योगी थे।

Q3. क्या कोई कैलाश पर्वत पर पहुंच सकता है ?

Ans- कैलाश पर्वत पर मिलारेपा के अलावा और किसी ने चढ़ाई नहीं की है। 
हालांकि अब कैलाश पर्वत पर चढ़ाने सिद्ध भी कर दिया गया है।

Q4. कैलाश पर्वत कहां पर है और कितना ऊंचा है ?

Ans- कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित है और इसकी ऊंचाई 6638 मीटर की है।

निष्कर्ष :- आज के इस लेख में अपने जाना कि Kailash Parvat Kaha Hai ? उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको कैलाश पर्वत के बारे में सभी जानकारियां मिल पाए होंगे। यदि आप इस विषय पर कोई अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।

यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है, जो आप हमसे पूछना चाहते हैं, तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।


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