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जरूरतमंदों को राशन वितरण...

#ladengecoronase :  सरोकार निभाने में जुटी दिल्ली पुलिस, एक कॉल पर मदद को तैयार

by Sneha Shukla

जरूरतमंदों को राशन वितरण…
– फोटो : amar ujala

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दिल्ली पुलिस अब कानून व्यवस्था संभालने के साथ ही सामाजिक सरोकार निभाने में भी जुटी है। दिल की पुलिस कहीं मरीज को भर्ती करवा रही है तो कहीं शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम कर रही है। पुलिस हर पीसीआर कॉल पर खरी उतरते हुए इंसानियत निभा रही है। 

पुलिस ने वृद्धा को अस्पताल में भर्ती कराया
मोतिया खान में रहने वाली जूही मिश्रा की 72 वर्षीय दादी दुर्गावति को बृहस्पतिवार सुबह सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उसे लगा कि उसकी दादी को कोरोना है। वह दादी का लेकर गंगाराम, जीवन माला, बीएलके और आरएमएल अस्पताल लेकर गई, मगर बैड नहीं होने की वजह से कहीं भी उसकी दादी को भर्ती नहीं किया। वह सुबह नौ बजे घर से निकली थी, मगर शाम छह बजे तक उसकी दादी को किसी भी अस्पताल जगह नहीं मिली।

आखिर में वह दादी को लेकर एलएनजेपी अस्पताल लेकर जाने लगी। गोल मार्केट के पास उसकी दादी ने होश खोना शुरू कर दिया। इसके बाद जूही ने दिल्ली पुलिस की हेल्पलाइन 011-23469900 पर फोन कर सहायता मांगी। हेल्पलाइन पर सहायता मांगने के बाद पीसीआर जूही के पास पहुंची। पीसीआर में तैनात एएसआई गुरदेव लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में तैनात सिपाही अनिल कुमार से सहायता मांगी। इसके बाद दूर्गावति को लेडी हार्डिंग के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया जा सका। ये वृद्धा को ऑक्सीजन दी गई। यहां वृद्धा की हालत ठीक है। अब जूही मिश्रा व उसकी दादी पुलिस को धन्यवाद करते हुए नहीं ठक रहे हैं। 

एंबुलेंस मिली तो पति शव श्मशान पहुंच सका
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि किशनगढ़ थानाध्यक्ष के मोबाइल पर शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे पल्लवी नाम की महिला ने कॉल किया और कहा कि वह अपने पति राकेश सहारे के साथ किशनगढ़ में रहती है। कोविड से उसे पति की मौत हो गई है। वह घर में अकेली है। वह एंबुलेंस के लिए फोन कर रही है मगर उसे एंबुलेंस नहीं मिल रही है। थानाध्यक्ष ने बीट सिपाही संदीप को महिला के घर भेजा। पीपीई किट पहनकर पल्लवी के पास पहुंचा और उसे भी पीपीई किट दी। सिपाही संदीप ने सफदरजंग अस्पताल से एंबुलेंस बुलवाई और उसके पति का शव श्मशान घाट पहुंच सका। इसके बाद राकेश सहारे के शव का अंतिम संस्कार हो सका। 

भोजन भी उपलब्ध करा रही है पुलिस
दिल्ली पुलिस एक तरफ जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर मरीजों की जान बचा रही है, वहीं दूसरी ओर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खाने का इंतजाम भी कर रही है। खुद से या फिर सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर पुलिस ऐसे लोगों को खाना मुहैया करवा रही है, जिनके सामने लॉकडाउन होने से रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। 

उत्तर पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि दिल्ली पुलिस अपने जवानों की सेहत का ख्याल रखने के साथ साथ इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खाने का इंतजाम कर रही है। ऐसे लोगों को राशन दिया जा रहा है, जिन्हें लॉकडाउन होने से कमाने खाने में दिक्कत हो रही है। इस आपदा में उनकी कोशिश है कि कोई भी एक व्यक्ति भूखा नही सोए। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी जिलों में पुलिस खुद या फिर सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर गरीबों को खाना और जरूरी चीजें बांट रही है। जे जे कॉलोनी व झुग्गियों में जाकर लोगों को मास्क खाने का सामान भी दे रहे हैं। साथ ही उन्हें महामारी के इस समय में घर में ही रहने की सलाह भी दी जा रही है। ऐसे लोगों को पुलिस अपना फोन नंबर भी दे रही है। ताकि जरूरत पडने पर उनकी मदद ले सके। 

 

दिल्ली पुलिस दिल्ली-एनसीआर के सभी अस्पताल में ऑक्सीजन का इंतजाम करवा रही है। बदरपुर थानाध्यक्ष विजयपाल दहिया अस्पताल को आक्सीजन भिजवान के लिए दिनरात जुटे हुए हैं। हालांकि इसमें निजी रूप से ले जाने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं। इनमें दिल्ली व एनसीआर के प्रमुख अस्पताल प्रमुख हैं। विजयपाल दहिया ने पिछले एक सप्ताह में 26 अस्पतालों को पांच हजार सिलिंडर भिजवाए हैं। पहले हर रोज करीब 800 सिलिंडर जा रहे थे। अब हर रोज एक हजार से ज्यादा सिलेंडर ले जा रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को भी सिलिंडर दिए जा रहे हैं। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जल्दी जरूरत होती है पुलिस उनको ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराती है। 

मरीज से मिलने गए थे सिलिंडर अरेंज करने पड़े-
दक्षिण-पूर्व जिले के वाहन चोरी निरोधक दस्ते(एएटीएस) में तैनात एसआई परवेश विम्हांस अस्पताल में भर्ती एक रिश्तेदार से मिलने गए थे। अस्पताल में उन्हें पता लगा कि ऑक्सीजन खत्म होने वाली है और आधे से एक घंटे की बची है। एसआई परवेश, सिपाही ललित व हिमांशु ने अलग-अलग जगह व प्लांट से 50 ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम करवाया और विम्हांस अस्पताल पहुंचवाए। 

सिलिंडर पहुंचाकर मरीज की जान बचाई-
जंगपुरा पुलिस चौकी प्रभारी प्रकाश मीणा को बृहस्पतिवार को सूचना मिली थी कि मेट्रो अस्पताल और खादिजा अस्पताल में आधे से एक घंटे की ऑक्सीजन बची है। दोनों ही अस्पतालों में काफी कोविड मरीज भर्ती है। जंगपुरा चौकी प्रभारी प्रकाश मीणा ने अपने स्टाफ के साथ मेट्रो अस्पताल को दस और खादिजा को पांच सिलिंडर का इंतजाम करवाया। अस्पताल प्रशासन व मरीजों के तीमारदारों ने पुलिस को धन्यवाद कहा है। 

कालकाली थानाध्यक्ष ने 48 लोगों की जान बचाई-
कालकाजी थानाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह को आईरन अस्पताल में 48 मरीज भर्ती हैं और अस्पताल में एक घंटे की आक्सीजन बची है। थानाध्यक्ष वीरेन्द्र ने 25 आक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम करवाया और मरीजों की जान बचा ली। समय से सिलिंडर मिलने से अस्पताल प्रशासन व मरीज काफी खुश हुए। 

चार घंटे लाइन में लग कर सिलिंडर भरवाए-
भीष्म पितामह मार्ग पर स्थित ओंको प्लस में तीन सिलिंडर बचे थे। इसमें कोविड के 44 मरीज भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत बताई। डिफेंस कॉलोनी थाने में तैनात एसआई सुमित को कई जगह पड़ताल के बाद पता लगा कि मुंडका में सिलिंडर भरे जा रहे हैं। एसआई सुमित खाली सिलिंडर लेकर मुंडका गए। वहां चार घंटा लाइन में लगे रहे और फिर स्थानीय मुंडका पुलिस के सहयोग से सिलिंडर भरवाए और फिर 40 सिलिंडर अस्पताल में समय से पहुंचवाए। 

साकेत स्थित मैक्स में कैप्सूल पहुंचवाया-
साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में रात को फिर आक्सीजन खत्म हो गई थी। दक्षिण जिला डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि आक्सीजव् के कैप्सूल का इंतजाम करवाया और समय से अस्पताल में आक्सीजन पहुंच गई। 

उत्तर पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी बताती हैं कि बृहस्पतिवार को पुलिस को दीपचंद बंधु अस्पताल में ऑक्सीजन के भंडारण में कमी की जानकारी मिली। अस्पताल में कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बचा था और सैकड़ों मरीजों की सांसे उसी पर टिकी थी। जिला पुलिस उपायुक्त ने तुरंत भारत नगर के थाना प्रभारी को टीम गठित कर ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा। इसी बीच जानकारी मिली कि  अंबाला से एक ऑक्सीजन टैंकर समालका, सोनीपत व सिंघु बॉर्डर से होता हुआ आ रहा है। पुलिस टीम ने तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन सिलेंडर को एस्कोर्ट करके भारत नगर स्थित अस्पताल लेकर आ गई। टैंकर से दीपचंद बंधु अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया करवाने के बाद पुलिस उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंबेडकर अस्पताल और राजीव गांधी अस्पताल ले गई और इन अस्पतालों को जरूरत के अनुसार से ऑक्सीजन मुहैया करवाया। समय पर ऑक्सीजन मिलने से सैकड़ों मरीजों की जान बच गई। अस्पताल प्रशासन की ओर से दिल्ली पुलिस की जमकर सराहना की गई। 

अस्पताल में दो बार हुई ऑक्सीजन की कमी, पुलिस ने किया इंतजाम 
देर रात करीब सवा तीन बजे पुलिस को रोहतक रोड पर स्थित जीवन माला अस्पताल में ऑक्सीजन की जरूरत की सूचना मिली। देशबंधु गुप्ता रोड थाने की पुलिस तुरंत एक टीम गठित कर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टर नरेश ने बताया कि उनके पास आधे घंटे का ऑक्सीजन बचा है। ऑक्सीजन ला रहा टैंकर मुंडका में फंसा है। पुलिस ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए दो बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर अस्पताल को मुहैया करवाया और बाद में 19 सिलेंडरों का इंतजाम कर अस्पताल को पहुंचाया। सुबह साढ़े सात बजे फिर से अस्पताल में अस्पताल की कमी की जानकारी मिली। पुलिस टीम ने तुरंत अस्पताल के लिए दो सिलिंडर का इंतजाम करवाया। कुछ देर बाद ही अस्पताल के लिए 33 सिलिंडर से भरा वाहन पहुंच गया। जिसके बाद डॉक्टर और मरीजों के तिमारदारों ने राहत की सांस ली। 
दो घंटे में किया 33 ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम
उत्तर जिला पुलिस उपायुक्त ऐंटो अल्फोंस ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब सवा सात बजे सिविल लाइंस थाना प्रभारी अजय कुमार को तीस हजारी अदालत के पास स्थित तीरथ राम अस्पताल में ऑक्सीजन कमी की सूचना मिली। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनलोगों ने बवाना के ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के पास अपनी गाड़ी भेज चुके हैं। तुरंत हाईवे पेट्रोलिंग जगुआर टीम को बवाना के लिए रवाना कर दिया गया। जहां से पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 33 ऑक्सीजन सिलिंडर को महज दो घंटे में पहुंचा दिया। 

ऑक्सीजन की कमी के बावजूद किया सिलिंडरों इंतजाम 
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार मीणा ने बताया कि बुधवार देर रात पुलिस को हस्तसाल गांव स्थित शुभ नर्सिंग होम में ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की कमी की जानकारी मिली। उत्तम नगर थाना पुलिस ने एक टीम गठित कर नर्सिंग होम पहुंची। जहां से पुलिस ने खाली सिलिंडरों को ईआरवी में भरकर मुंडका और मायापुरी पहुंची। लेकिन कमी की वजह से उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिला। उसके बाद पुलिस नजफगढ रोड पर स्थित एक सप्लायर के पास पहुंची। जहां से पुलिस को चार सिलिंडर मिला। जिसे लेकर पुलिस नर्सिंग होम पहुंची। पुलिस टीम के पहुंचते ही डॉक्टर और मरीज के तिमारदार खुश हो गए। इसी तरह से छावला थाना पुलिस को समर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी की जानकारी मिली। पुलिस ने ईआरवी वाहन पर मरीजों का सिलिंडर रखकर ऑक्सीजन की तलाश शुरू की। पुलिस ने मायापुरी ऑक्सीजन प्लांट से तीन और गुरुग्राम से पांच सिलिंडरों की व्यवस्था कर अस्पताल पहुंचाया। उधर बृहस्पतिवार देर रात तीन बजे बाबा हरिदास नगर पुलिस को बीएच सलवास ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी की जानकारी मिली। पुलिस टीम ने मायापुरी से 11 और मुंडका से 9 सिलिंडर की व्यवस्था कर अस्पताल को ऑक्सीजन मुहैया करवाया। 

रात भर करते रहे ऑक्सीजन टैंकर और सिलिंडर का इंतजाम 
रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि बृहस्पतिवार रात पुलिस को सैंटम अस्पताल से ऑक्सीजन कमी की जानकारी मिली। पूरी रात मशक्कत करने के बाद पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक टैंकर को अस्पताल पहुंचाया। इसी तरह से पुलिस भगवती अस्पताल से ऑक्सीजन की कमी की जानकारी मिली। रात को रोहिणी पुलिस ने मशक्कत कर अस्पताल को 28 ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करवाया। वहीं कंझावला थाना पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक टैंकर को शाहदरा के राजीव गांधी अस्पताल पहुंचाया। जहां से ऑक्सीजन की कमी की शिकायत आई थी। 

विस्तार

दिल्ली पुलिस अब कानून व्यवस्था संभालने के साथ ही सामाजिक सरोकार निभाने में भी जुटी है। दिल की पुलिस कहीं मरीज को भर्ती करवा रही है तो कहीं शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम कर रही है। पुलिस हर पीसीआर कॉल पर खरी उतरते हुए इंसानियत निभा रही है। 

पुलिस ने वृद्धा को अस्पताल में भर्ती कराया

मोतिया खान में रहने वाली जूही मिश्रा की 72 वर्षीय दादी दुर्गावति को बृहस्पतिवार सुबह सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उसे लगा कि उसकी दादी को कोरोना है। वह दादी का लेकर गंगाराम, जीवन माला, बीएलके और आरएमएल अस्पताल लेकर गई, मगर बैड नहीं होने की वजह से कहीं भी उसकी दादी को भर्ती नहीं किया। वह सुबह नौ बजे घर से निकली थी, मगर शाम छह बजे तक उसकी दादी को किसी भी अस्पताल जगह नहीं मिली।

आखिर में वह दादी को लेकर एलएनजेपी अस्पताल लेकर जाने लगी। गोल मार्केट के पास उसकी दादी ने होश खोना शुरू कर दिया। इसके बाद जूही ने दिल्ली पुलिस की हेल्पलाइन 011-23469900 पर फोन कर सहायता मांगी। हेल्पलाइन पर सहायता मांगने के बाद पीसीआर जूही के पास पहुंची। पीसीआर में तैनात एएसआई गुरदेव लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में तैनात सिपाही अनिल कुमार से सहायता मांगी। इसके बाद दूर्गावति को लेडी हार्डिंग के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया जा सका। ये वृद्धा को ऑक्सीजन दी गई। यहां वृद्धा की हालत ठीक है। अब जूही मिश्रा व उसकी दादी पुलिस को धन्यवाद करते हुए नहीं ठक रहे हैं। 

एंबुलेंस मिली तो पति शव श्मशान पहुंच सका

दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि किशनगढ़ थानाध्यक्ष के मोबाइल पर शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे पल्लवी नाम की महिला ने कॉल किया और कहा कि वह अपने पति राकेश सहारे के साथ किशनगढ़ में रहती है। कोविड से उसे पति की मौत हो गई है। वह घर में अकेली है। वह एंबुलेंस के लिए फोन कर रही है मगर उसे एंबुलेंस नहीं मिल रही है। थानाध्यक्ष ने बीट सिपाही संदीप को महिला के घर भेजा। पीपीई किट पहनकर पल्लवी के पास पहुंचा और उसे भी पीपीई किट दी। सिपाही संदीप ने सफदरजंग अस्पताल से एंबुलेंस बुलवाई और उसके पति का शव श्मशान घाट पहुंच सका। इसके बाद राकेश सहारे के शव का अंतिम संस्कार हो सका। 

भोजन भी उपलब्ध करा रही है पुलिस

दिल्ली पुलिस एक तरफ जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर मरीजों की जान बचा रही है, वहीं दूसरी ओर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खाने का इंतजाम भी कर रही है। खुद से या फिर सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर पुलिस ऐसे लोगों को खाना मुहैया करवा रही है, जिनके सामने लॉकडाउन होने से रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। 

उत्तर पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि दिल्ली पुलिस अपने जवानों की सेहत का ख्याल रखने के साथ साथ इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खाने का इंतजाम कर रही है। ऐसे लोगों को राशन दिया जा रहा है, जिन्हें लॉकडाउन होने से कमाने खाने में दिक्कत हो रही है। इस आपदा में उनकी कोशिश है कि कोई भी एक व्यक्ति भूखा नही सोए। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी जिलों में पुलिस खुद या फिर सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर गरीबों को खाना और जरूरी चीजें बांट रही है। जे जे कॉलोनी व झुग्गियों में जाकर लोगों को मास्क खाने का सामान भी दे रहे हैं। साथ ही उन्हें महामारी के इस समय में घर में ही रहने की सलाह भी दी जा रही है। ऐसे लोगों को पुलिस अपना फोन नंबर भी दे रही है। ताकि जरूरत पडने पर उनकी मदद ले सके। 

 


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पुलिस के हाथ सांसों को डोर

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