अमर उजाला नेटवर्क, शिमला
द्वारा प्रकाशित: कृष्ण सिंह
Updated Sun, 25 Apr 2021 03:08 AM IST
सार
100 टन तरल ऑक्सीजन हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ के अस्पतालों को केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित मात्रा के अनुसार दे रहा है।
ऑक्सीजन सिलिंडर
– फोटो: अमर उजाला
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विस्तार
बाकी 100 टन तरल ऑक्सीजन हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ के अस्पतालों को केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित मात्रा के अनुसार दे रहा है।]सिलिंडर वाली ऑक्सीजन तैयार करने वाले उद्योग भी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में शुरू होने जा रहे हैं। ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने के लिए अब प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने पहले वर्क फ्रॉम होम के दिन ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले लगभग एक दर्जन उद्योगों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की। बैठक में राम सुताब ने ऑक्सीजन उत्पादकों से उत्पादन बढ़ाने को कहा। आइनॉक्स, हाईटेक इंडस्ट्रीज, जैसे कुछ ऑक्सीजन उत्पादन कंपनियों ने अपने प्लांटों के विस्तार की बात कही।
हालांकि उन्होंने सस्ती बिजली और जमीन के अलावा मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन पर जीएसटी रिफंड मांगा है। राम सुभग सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्योगों की हरसंभव मदद करेगी। एसीएस ने कहा कि उद्योग विभाग हर दिन ऑक्सीजन उत्पादन की निगरानी करेगा।
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों पर नजर रखने वाली पुलिस
हिमाचल प्रदेश में तैयार ऑक्सीजन जरूरतमंदों तक पहुंचाने में पुलिस भी योगदान देगी। केंद्रीय गृह सचिव के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। वैसे तो हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में ऑक्सीजन को लेकर मच रहे हाहकार के बीच ऑक्सीजन बनाने वाले उद्योगों और परिवहन करने वाले वाहनों की सुरक्षा का ध्यान रखने की जरूरत है।
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