महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी मुंबई भी को विभाजित के संक्रमण से अछित नहीं है। शहर में 90 हजार से ज्यादा कोरोना के सक्रिय मरीज हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अभी छह लाख से ज्यादा लोग होम क्वारसाइन हैं। बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, 90 हजार से सक्रिय केस हैं, जिसमें से 75 हजार मरीज बिना लक्षण वाले हैं। डेटा के अनुसार, 6.10 लाख होम क्वारंटाइन में हैं।
मुंबई में इस समय होम क्वारंटाइन में लोगों की संख्या अभी तक की तुलना में सबसे अधिक है। कुछ सप्ताह पहले यह आंकड़ा 3.11 लाख था, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 99 हजार था। अधिकारियों का कहना है कि हाई राइज अपार्टमेंट में रहने वाले ज्यादातर लोग, जिनके हल्के लक्षण हैं, इस बार घर में आइसोलेशन में रह रहे हैं। चूंकि, उनके पास अलग कमरे और टॉयलेट की व्यवस्था है, इसलिए होम क्वांरटाइन की सुविधा उठा रहे हैं। वहीं, बीएमसी उन लोगों को होम आइसोलेशन की इजाजत दे रही है, जोकि बिना लक्षण वाले हैं या फिर हल्के लक्षण हैं। वहीं, गंभीर बीमारी और बिना किसी लक्षण वाले बुजुर्गों को मेडिकल ऑफिसर की हामी के बाद ही होम आइसोलेशन के लिए कहा जा रहा है।]
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, हाल के दिनों में होम क्वारंटाइन रखना भी कई बार मुश्किल फैसला हो गया है, क्योंकि इस दौरान मरीज पर पूरी तरह से नजर नहीं रखी जा पा रही है। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि जो भी होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें रूटीन कॉल्स किए जाते हैं और उनकी हेल्थ के बारे में लगातार जानकारी ली जाती रहती है। एक अधिकारी ने कहा, ” कई मामलों में हमने हाउसिंग सोसाइटी के चेयरमैन या फिर सेकरेट्री को मरीज के बारे में जानकारी दी है। इससे रोगी अपने फ्लैट में रहने के लिए होता है और बाहर नहीं निकल सकता है। ”
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बांद्रा के कॉरपोरेटर आसिफ जकारिया ने बताया कि किस मरीज को कोई भी लक्षण नहीं है या फिर वह हल्के लक्षण वाला है, वह घर क्वारंटाइन में रहना ही पसंद कर रहा है। हालांकि, बीएमसी अधिकारी ने यह भी बताया कि कई बार ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि होम क्वारंटाइन में रहने के बावजूद भी शख्स अपने घर से बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा, ” जब हमने मरीज का चेकअप किया तो बताया गया कि वह ब्लड टेस्ट या फिर डॉ के यहां जाने के लिए बाहर गया था। ” ”
बीते पांच अप्रैल को बीएमसी ने एक सर्कुलर जारी किया था और कहा था कि ऐसे बिल्डिंग्स के बाहर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। हाउसिंग सोसाइटी के कार्यालय ब्रुर्स को रोगी का फ्लैट सील करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, जिन सोसाइटी में कई क्वारंटाइन रोगी हैं, उन्हें गेट पर इसके बारे में एक बोर्ड लगाना होगा और बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री को प्रतिबंधित करना होगा। अगर इसमें डिफ़ॉल्ट होता है तो फिर सोसाइटी को पेलाल्टी भरनी होगी।
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