अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड सन, 09 मई 2021 06:11 AM IST
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केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि देश भर में को विभाजित -19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेमडेसिविर की सहज आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को 16 मई तक के लिए आवंटित की गई है। वहीं रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1.03 करोड़ खुराक प्रति माह कर दी गई है जो पहले 38 लाख प्रति माह थी। गिलीड कंपनी ने रेमडेसिविर को विकसित किया था जिसे भारत की छह कंपनियां बना रही हैं लेकिन सरकार ने हाल ही में और भी फार्मा कंपनियों को यह दवा बनाने का लाइसेंस भी दिया है।
हालांकि नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल का कहना है कि रेमडेसिवर का अधिक इस्तेमाल भी घातक हो सकता है। अभी की स्थिति को लेकर बात करें तो केवल ई से 10 प्रति सक्रिय रोगियों को ही रेमडेसिवेर दी जा सकती है। अगर इससे ज्यादा इंजेक्शन की खपत हो रही है तो इसका मतलब उक्त जिला या राज्य में गलत प्रैक्टिस को बढ़ावा मिल रहा है और लोग जबरन उसकी दस्त करने में लगे हुए हैं।
महाराष्ट और यूपी को मिल बहुत ज्यादा होगा
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा रेमडेसिवर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। महाराष्ट्र को 11.57 और उत्तर प्रदेश को 4.95 लाख की खुराकें मिली हैं। एक मरीज को कम से कम छह इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, लेकिन डॉक्टरों की ही मानें तो इसके प्रभाव काफी अधिक हैं। अगर किसी मरीज में यह इंजेक्शन अधिक देता है तो उसे बचाना काफी मुश्किल हो सकता है।
भारत पहुंची 25000 से ज्यादा रेमडेसिवर
अमेरिकी कंपनी गिलीड साइंसेज द्वारा भारत को भेजे गए 25,600 रेमदेसीवीर के वायल मिलने पर भारत सरकार ने धन्यवाद ज्ञापित किया है। विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, 25,600 रेमडेसिवर देने के लिए आभार, आज ही रेमडेसिविर की ये खेप मुंबई पहुंची।
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