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युवाओं के बीच लोकप्रिय और विवादास्पद कविता को लेकर चर्चा में रहनेवाली रूपी कौर पर अश्लीलता का आरोप लगा है। भारतीय मूल की कनाडा निवासी शायरा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। अपने पहले संग्रह ‘हनी और मिल्क’ यानी ‘शहद और दूध’ से चंद पंक्तियों का पाठ करते हुए उन्होंने वीडियो पोस्ट किया है। उनका कविता पाठ करने का अंदाज बिल्कुल जुदा है।
रूपी की शायरी पर ‘अश्लीलता’ का आरोप
वीडियो में देखा जा सकता है कि रूपी झूमते और अपनी पृष्ठभूमि के मुताबिक लहराते कविता पाठ कर रहे हैं। कविता की पंक्तियों का अर्थ कुछ इस तरह से है, “आपको पता था कि आप गलत थे, जब मेरे अंदर डूबी आपकी शीर्षियाँ उस शहद को तलाश कर रही थीं जो आपके लिए निक न हो।” वीडियो सामने आने के बाद रूपी कौर के कविता पाठ और शायरी दोनों पर ‘बेबाक’ कहते हुए आलोचनात्मक शुरुआत हुई।
रूपी कौर ने अपनी कविताओं को उसी तरह पढ़ा जैसे हर कोई उनकी कविताओं का मज़ाक उड़ाता है https://t.co/EQHrv1qKxx
– जैकी (@JackWilliamRtF) 22 मार्च, 2021
सोशल मीडिया पर रूपी कौर के खिलाफ जबरदस्त अश्लीलपन देखने को मिल रहा है। लोग फोटो, मीम्स, वीडियो और पोस्ट के माध्यम से अलग-अलग अंदाज से जवाब देने में जुट गए हैं। एक यूजर ने इस वीडियो के लिए रूपी कौर को जेल भेजने तक की मांग कर डाली।
रूपी कौर को इस वीडियो के लिए लॉक करने की आवश्यकता है pic.twitter.com/NzZvPVHjaX
– कोई नाम नहीं (@kanyewestluvr) 22 मार्च, 2021
हालाँकि, ऐसा नहीं है कि रूपी कौर की हर कोई आलोचना कर रहा है, लेकिन कुछ उपयोगकर्ता ने अपना समर्थन भी दिया है। उनका कहना है कि रूपी कौर के काम का मजाक उड़ाना बंद होना चाहिए। ये असभ्य और गैर जरूरी है। माहिम नासिर का कहना है, “मैंने भी अन्य लोगों की तरह पूर्व में ऐसा किया है, लेकिन अब जब आ गया है कि राय को संशोधित किया जाएगा।”
अलोकप्रिय राय लेकिन मुझे लगता है कि हर किसी को रूपी कौर के काम के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए। यह असभ्य और अनावश्यक है। मैंने एक बार ऐसा किया था जैसा कि बाकी सभी ने भी किया और मुझे लगता है कि यह रुख बदलने का समय है। सभी अशिष्टता और बदमाशी और किस लिए
– महम नासिर (@lightermachis) 22 मार्च, 2021
‘बेबाक’ शायरी करने वाली महिला कौन हैं?
28 वर्षीय शायरा की विशेषता आसान भाषा में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की है। उनकी कविता का फोकस महिलाओं से जुड़े संवेदनशील मुद्दे और लैंगिक भेदभाव पर रहता है। युवाओं के बीच जहां उनकी कविता काफी पसंद की जाती है, वहीं कुछ लोग उन पर ‘अश्लील और बेबाक’ होने का भी आरोप लगाते हैं। उनकी कविता की आलोचना इसलिए भी की जाती है क्योंकि उसका कोई अर्थ नहीं होता और कविता के मानक पर खरा नहीं उतरती। इसके बावजूद, शहद और दूध कविता संग्रह की पंक्तियों में 30 लाख से ज्यादा बिक चुके हैं।
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