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Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain

Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain – सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं ?

by Pritam Yadav

Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain :- हम जब भी क्रिया के भेद पढ़ते हैं तो उसमें सकर्मक क्रिया भी आती है। कई लोग ऐसे हैं जो ये तो जानते हैं कि क्रिया के कितने भेद होते हैं। लेकिन यह नहीं जानते, कि sakarmak kriya kise kahate hain ? इसलिए आज के लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे।

इस लेख में हम जानेंगे कि sakarmak kriya kise kahate hain साथ ही हम सकर्मक और अकर्मक क्रिया में अंतर को जानेंगे।


Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain – सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं ?

सकर्मक क्रिया की परिभाषा के अनुसार सकर्मक क्रिया एक ऐसी क्रिया है, जिसका प्रभाव वाक्य के करता पर नहीं पड़ता है बल्कि वाक्य के कर्म पर पड़ता है

सरल शब्दों में समझें तो यदि किसी वाक्य में कोई क्रिया करता द्वारा की जा रही है लेकिन उस क्रिया का प्रभाव करता पर ना पढ़कर करता द्वारा किए जाने वाले कर्म पर पड़ रहा है तो वह क्रिया सकर्मक क्रिया कह लाएगी।

उदाहरण के लिए,

  • सीमा गाना सुनती है।

अब इस बात के में सुनना एक क्रिया है और गाना कर्म है जो कर्ता द्वारा यानी सीमा द्वारा किया जा रहा है। तो यहां पर सुनाना जो क्रिया है उसका प्रभाव गाना पर पड़ रहा है। क्योंकि हम गाना सुनते हैं। यहां पर सुनना का प्रभाव सीमा पर नहीं पड़ रहा है।

जैसे अगर हम कहेंगे की सीमा सुनती है तो हमारा प्रश्न यह होगा कि सीमा क्या सुनती है। इसका उत्तर गाना आएगा। तो इस तरह से सुनने का प्रभाव गाना के ऊपर पड़ रहा है।


सकर्मक क्रिया के उदाहरण

आइए हम आपको सकर्मक क्रिया के कुछ उदाहरण बताते हैं ताकि आप इसे और भी अच्छे से समझ पाए।

  1. वह गाना गाता है।
  2. मैंने एक किताब खरीदी।
  3. वह अपने दोस्त को एक संदेश भेजता है।
  4. उसने दरवाज़ा खोला।
  5. हमने आम खाए।

सकर्मक क्रिया के भेद

सकर्मक क्रिया को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें शामिल है :-

  1. अकर्मक क्रिया
  2. द्विकर्मक क्रिया

आइए हम सकर्मक क्रिया के इन दोनों भेद को एक-एक करके समझते हैं।

पूर्ण सकर्मक क्रिया

पूर्ण सकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है, जिसमें कर्म वाचक शब्द होता है और उस क्रिया को किसी अन्य पूरक शब्द की आवश्यकता नहीं होती। पूर्ण सकर्मक क्रिया भी दो प्रकार की होती है।

1. अकर्मक क्रिया

अकर्मक क्रिया क्रिया है, जिसका अर्थ पूरा करने के लिए किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं होती। यह एक ऐसी क्रिया है जो किसी घटना या स्थिति को व्यक्त करता है और प्रत्यक्ष वस्तु पर स्थानांतरित नहीं होता। अकेले ही किसी भी वाक्य का पूरा अर्थ बना सकती है।

उदाहरण,

वह सड़क पर भाग रहा है।

वह शांति से सो गई।

पक्षी बहुत ही मधुर आवाज में गाते हैं।

बगीचे में फूल खिले हैं।

इन उदाहरणों में सभी क्रिया सोना गाना खिलाना भागना को अपना अर्थ पूरा करने के लिए किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं है।

2. द्विकर्मक क्रिया

द्विकर्मक क्रिया उन क्रियाओं को कहते हैं जो एक साथ दो कर्मों को दर्शाते हैं। यानी कि अकर्मक क्रिया दो क्रियाओं के रूप में कार्य कर सकती है। उदाहरण,

  • सौरभ अपनी बहन के साथ बाजार जा रहा है।
  • मैंने अपने पुराने कपड़े धोबी को दे दिए।
  • मैं अपनी मां के साथ खाना खा रहा हूं।

अपूर्ण क्रिया

जैसा कि नाम से ही पता चलता है अपूर्ण क्रिया व क्रिया होती है जिसका कोई अस्पष्ट अर्थ ना निकले। जब किसी वाक्य में सकर्मक और अकर्मक क्रिया ए होती हैं परंतु फिर भी वह क्रिया स्पष्ट अर्थ नहीं देती तो वह अपूर्ण क्रिया कहलाती है। और इनके अर्थों को पूरा करने के लिए एक पूरक की भी आवश्यकता होती है।

उदाहरण,

  • वह विद्वान दिखता है।
  • आप मेरे मित्र ठहरे।
  • रामू घर से निकला।

आप इन उदाहरणों में देख सकते हैं कि यहां पर जो क्रियाएं हैं जैसे दिखता ठहरे निकला इसका अपना कोई अर्थ नहीं बनेगा जब तक इसके साथ कोई संज्ञा या विशेषण साथ में ना हो। जैसे दिखता विद्वान के बिना एक अधूरी क्रिया है।


सकर्मक क्रिया को कैसे पहचाने ?

सकर्मक क्रिया को पहचानना बहुत ही आसान है। आप केवल क्रियाओं को देखकर सकर्मक क्रियाओं की पहचान कर सकते हैं। सकर्मक क्रियाओं को पहचानने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ दिशा निर्देश दिए गए हैं।

सकर्मक क्रिया अक्सर ऐसी क्रियाएं होती हैं, जिसमें कोई कर्म शामिल होता है। अगर किसी वाक्य में क्रिया के साथ कर्म भी शामिल है और उस क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ रहा है तो वह सकर्मक क्रिया कल आएगी।

सकर्मक क्रिया वाले वाक्यों में अगर हम क्या लगाकर प्रश्न करते हैं तो उसका हमें एक सार्थक उत्तर प्राप्त होता है। जैसे सीमा फल खाती है। तो अब अगर हम इस वाक्य में क्या लगाकर प्रश्न लगाएंगे तो हमें इसका एक उत्तर मिलेगा।

जैसे सीमा क्या खाती है तो यहां पर उत्तर में हमें फल मिलेगा। तो आपको हमेशा सकर्मक क्रियाओं वाले वाक्य में सकर्मक क्रिया के पहले क्या लगाकर प्रश्न करना है।


FAQ’S:-

Q1. सकर्मक क्रिया का उदाहरण क्या है ?

Ans- सकर्मक क्रिया का उदाहरण है, मैं पानी पी रहा हूं। यहां पर पीना का प्रभाव पानी पर पड़ रहा है।

Q2. अकर्मक और सकर्मक क्या है ?

Ans- अकर्मक और सकर्मक क्रियाओं के दो भेद हैं। जिसमें सकर्मक क्रिया वह होती है जिसमें कर्ता 
कर्म और प्रिया तीनों शामिल होती है। लेकिन अकर्मक क्रिया में केवल कर्ता और क्रिया शामिल होती है।

Q3. सकर्मक और अकर्मक क्रिया के उदाहरण क्या है ?

Ans- सकर्मक और अकर्मक क्रिया के उदाहरण कुछ इस प्रकार होंगे। सकर्मक क्रिया का उदाहरण 
है - मैं आंसू बहाने लगता हूं। वही अकर्मक क्रिया का उदाहरण होगा - मैं नहाने लगा।

Q5. अकर्मक क्रिया को कैसे पहचाने ?

Ans- अकर्मक क्रिया को पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि जब वाक्य में 
केवल कर्ता और क्रिया दिया हो और उससे उसका पूर्ण अर्थ निकल रहा हो तो वह 
अकर्मक क्रिया होगी। जैसे मैं दौड़ता हूं मैं कोई भी कर्म नहीं है पर फिर भी यह 
अपना पूरा अर्थ निकाल रही है।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने जाना कि sakarmak kriya kise kahate hain ? उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको सकर्मक क्रिया से संबंधित सभी जानकारियां मिल पाई होंगी।

यदि आप इस विषय पर कुछ अन्य जानकारियां प्राप्त करना चाहते हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


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