[ad_1]
शेयर बाजार में पांच दिन भी गिरावट जारी रही। गुरुवार को सेंसेक्स 585 प्वाइंट गिर कर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 163 प्वाइंट नीचे चला गया। दोनों सूचकांक पिछले पांच दिनों में चार प्रति से अधिक गिर चुके हैं। दरअसल अमेरिका में बॉन्डेल्ड में वृद्धि और ब्याज दरों के अगले दो-तीन साल तक लगभग शून्य प्रतिशत के बराबर रहने के संकेतों की वजह से विश्व बाजार में गिरावट आई है और इसका असर भारतीय बाजारों पर पड़ा है। भारतीय विमानों को कोविदे के नए मामलों के बढ़ने का असर दिखा। हालांकि भारत में कुछ ही राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं लेकिन इससे बाजार के सेंटिमेंट को नुकसान पहुंचा है।
विदेशी निवेशकों का निवेश बढ़ा
हालांकि भारत की पहाड़ियों में एफपीआई का विश्वास बना हुआ है। गुरुवार को एफपीआई ने 1258 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1116.17 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। भारतीय बाजार को लगातार विदेशी निवेशकों का समर्थन मिल रहा है। पिछले पांच सेशन में जब से मार्केट गिरा है तब से विदेशी निवेशकों ने 14,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।ये खरीदारी ब्लॉक डील के तहत हुई है। मार्च में अब तक इन निवेशकों ने 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। फरवरी में इन निवेशकों ने 21,960 करोड़ रुपये का निवेश किया। जनवरी में उन्होंने 14,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
अच्छा तेल एक्सपायर होने का असर
आंतरिक कच्चा तेल बाजार में कीमतों के बढ़ने से निवेशकों ने सतर्क रुख अपना लिया है। इसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा है। इससे बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि बाजार में बिकवाली शुरू हो गई है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइजेशन पहले 5,55,400.52 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब यह घटकर 2,03,71,252.94 करोड़ रुपये रह गई। महाराष्ट्र सहित देश के कुछ राज्यों में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद राज्य सरकारों ने समीक्षा जारी कर दी है। इस कारण से शेयर बाजार के निवेशकों में घबराहट का आलम है। यही कारण है कि गुरुवार को शेयर बाजार ने लगातार पांच दिन गिरावट का सामना किया।
किसी मंदिर में दान करने से लेकर मोबाइल रिचार्ज तक, एटीएम से कर सकते हैं
।
[ad_2]
Source link
Homepage | Click Hear |