हाल के दिनों में म्यूचुअल फंड में सिप यानी सिस्टेमैटिक इनवेस्ट प्लान (SIP) के जरिये निवेश में निवेश का रुझान काफी तेज हुआ है। वास्तव में कम राशि में निवेश, अनुशासन, रुपये की एवरेज वेल्यू और कम्पाउडिंग की ताकत सिप को एक बेहतरीन निवेश माध्यम बना देती है। निवेश में सिप के जरिये निवेश करते हैं तो आपको बाजार के उतार-चढ़ाव की ज्यादा चिंता नहीं होनी चाहिए। यही कारण है कि सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश काफी लोकप्रिय हो रहा है। मार्च, 2021 में सिप कलेक्शन 9,182 करोड़ रुपये का रहा था।
सिप को बीच में न छोड़ें और nbsp;
लेकिन सिप के जरिये एक बड़ी फंड तैयार करना बड़ा निवेश की अवधि तक निवेश का बड़ा महत्व होता है। कई निवेशक बाजार में उतार के दौरान सिप बंद कर देते हैं या खत्म कर देते हैं। ऐसे में उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है क्योंकि अगर बाजार कमजोर होता है तो म्यूचुअल फंड्स की यूनिट भी सस्ते होते हैं। ऐसे में आप कम निवेश में ज्यादा यूनिट हासिल कर लेते हैं। सिप के जरिए निवेश करने का एक फायदा यह है कि आप कंपाउंडिंग की ताकत का लाभ उठा पाते हैं। लंबे समय में कंपाउंडिंग की ताकत बहुत बड़ी रकम बनाती है। & nbsp;
लंबी रेस का घोड़ा है सिप & nbsp;
& nbsp; देखा जाता है कि निवेशक सात से दस साल के तक के निवेश लक्ष्य के साथ इनवेस्टमेंट शुरू करें करते हैं लेकिन तीन-चार साल बाद बीच में ही उसे बंद करा देते हैं। एसआईपी की अवधि पांच साल से ज्यादा होती है जिसमें केवल देखने में सुधार देखने को मिलता है। लिहाजा निर्माताओं को एसआईपी को इतने लंबे समय के लिए अपनााना चाहिए ताकि आपके रिटर्न पर बाजार में तेजी या गिरावट का असर ना पड़े। सिप एक ऐसा निवेश माध्यम और जो लंबी रेस का घोड़ा की तरह काम करता है। इसलिए बाजार में गिरावट के बावजूद धैर्य बनाए रखना चाहिए & nbsp; क्योंकि देखा गया है कि लंबी अवधि में सिप काफी अच्छा रिटर्न देता है। & nbsp;
कंज्यूमर सेंटिमेंट में भारी गिरावट, मई 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर & nbsp; ।
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