लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के तहत सोमवार शाम छह बजे तक 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक, ”20 जिलों में से 14 जिलों में मतदान का ब्योरा प्राप्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि छह जिलों-गोंडा, अमरोहा, सुल्तानपुर, मैनपुरी, महराजगंज और मुजफ्फरनगर का ब्योरा मिलना अभी बाकी है।
जानकारी के अनुसार बिजनौर में (73.30), बदायूं (73.57), आजमगढ़ (64.55), लखीमपुर खीरी (77.98), वाराणसी (68), ललितपुर (80.95), कन्नौज (73.81), गौतमबुद्ध नगर (75.32), एटा (73.24) , प्रतापगढ़ (60.06), इटावा (75.53), चित्रकूट (64.03), बागपत (74.84) और लखनऊ में (72) प्रतिशत मतदान हुआ। यह चरण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और प्रधानमंत्री के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी मतदान हुआ। उनके अलावा दूसरे चरण में अमरोहा, आजमगढ़, इटावा, एटा, कन्नौज, गोंडा, गौतम बुद्ध नगर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, बदायूं, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, महराजगंज, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर और सुल्तानपुर और सुल्तानपुर और भीलवाड़ा।
कोरोना संक्रमण के कारण वोट नहीं डाला जा सकता है पूर्व सीएम
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सोमवार को इस बार पैतृक गांव सैफई में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपने व्यक्तिगत जीवन में पहली बार को विभाजित संक्रमण के चलते भारत का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। उन्होंने इससे पहले हर छोटे-बड़े चुनावों में वोट जरूर डाला। मुलायम के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सैफई में मतदान के दिन इस बार को विभाजित के कारण विड नेताजी ’अपने स्वयं के प्रयोग नहीं कर पाएंगे। उधर, सुल्तानपुर की लंभुआ सीट से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने कहा कि वह वोट नहीं डाल सकी क्योंकि मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं था। द्विवेदी ने बताया कि उन्हें छोड़कर उनके परिवार के बाकी सभी सदस्यों का नाम मतदाता सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि सूची में उनकी मां का नाम भी शामिल है जिनका निधन हो गया है।
2.31 लाख से ज्यादा चुनाव अधिकारियों की तैनाती
आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दूसरे चरण में जिला पंचायत सदस्य की 787 सीटों के लिए 11,483 उम्मीदवार, क्षेत्र पंचायत सदस्य की 19,653 सीटों के लिए 85,232 प्रत्याशी, ग्राम प्रधान की 14,897 सीटों के लिए 1,21,906 उम्मीदवार और ग्राम पंचायत के वार्ड 1 में 1 87,781 सीटें के लिए 1,30,305 प्रत्याशी मैदान में हैं। ये सभी प्रत्याशी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए विभिन्न चुनाव चिह्नों के साथ मैदान में थे। मतदान को स्वतंत्र और सही तरीके से संपन्न कराने के लिए 2.31 लाख से अधिक चुनाव अधिकारियों को तैनात किया गया।
15 अप्रैल को हुआ पहले चरण का मुकाबला था
बीते 15 अप्रैल को हुए पंचायत चुनाव के पहले चरण में औसतन 71 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2015 में हुए पिछले पंचायत चुनावों में 72.11 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 25 मई तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने मार्च में निर्देश दिए थे कि पंचायत चुनाव के दौरान अधिकतम पांच लोग ही घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं।
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