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कोरोना से मौत( सांकेतिक फोटो)

गुजरात : वलसाड के सिविल अस्पताल में भयावह दृश्य, तीन दिनों से रखी लाशों का नहीं हो पा रहा अंतिम संस्कार

by Sneha Shukla

रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, वलसाड

द्वारा प्रकाशित: संजीव कुमार झा
अपडेटेड टीयू, 20 अप्रैल 2021 12:10 AM IST

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गुजरात के वलसाड के जिला सिविल अस्पताल में भयावह दृश्य देखने को मिल रहा है जहां कोरोना से हुई मौत के बाद प्राणियों का तीन दिन तक अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। इस मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए जरूरी डेथ सर्टिफिकेट बनाने में घंटों लग रहे हैं जिसके कारण ये देरी हो रही है। इस कारण ज्यादा समय तक शवों से दुर्गंध आने लगी है।

सिविल अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि यहां कोरोना के मरीजों के लिए 400 बेड की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि यहां मरीज पहले से ही खराब हालत में पहुंच रहा है। वह तब आ रहा है जब उसे ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत महसूस हो रही है।

शव के अंतिम दर्शन के लिए तीन दिन तक इंतजार किया गया
वलसाड सिविल अस्पताल के बाहर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है क्योंकि शवों के इंतजार में वे लोग घंटों से खड़े हैं। इनमें से कुछ को तो तीन दिन तक इंतजार के बाद भी शव के अंतिम दर्शन नहीं पाए जाते हैं।

गुजरात में बच्चों पर कोरोना का कहर
देश में कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी बड़ी संख्या में निष्क्रिय हो रहे हैं। इसी क्रम गुजरात से एक मार्मिक मामला सामने आया है जहां सूरत में 14 दिन की बच्ची की कोरोनावायरस संक्रमण से मौत हो गई है। कोरोना के कारण सूरत में पिछले एक महीने में 10 साल से कम उम्र के तीसरे बच्चे की मौत हुई है।

विस्तार

गुजरात के वलसाड के जिला सिविल अस्पताल में भयावह दृश्य देखने को मिल रहा है जहां कोरोना से हुई मौत के बाद प्राणियों का तीन दिन तक अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। इस मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए जरूरी डेथ सर्टिफिकेट बनाने में घंटों लग रहे हैं जिसके कारण ये देरी हो रही है। इस कारण ज्यादा समय तक शवों से दुर्गंध आने लगी है।

सिविल अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि यहां कोरोना के मरीजों के लिए 400 बेड की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि यहां मरीज पहले से ही खराब हालत में पहुंच रहा है। वह तब आ रहा है जब उसे ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत महसूस हो रही है।

शव के अंतिम दर्शन के लिए तीन दिन तक इंतजार किया गया

वलसाड सिविल अस्पताल के बाहर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है क्योंकि शवों के इंतजार में वे लोग घंटों से खड़े हैं। इनमें से कुछ को तो तीन दिन तक इंतजार के बाद भी शव के अंतिम दर्शन नहीं मिल पाए हैं।

गुजरात में बच्चों पर कोरोना का कहर

देश में कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी बड़ी संख्या में निष्क्रिय हो रहे हैं। इसी क्रम गुजरात से एक मार्मिक मामला सामने आया है जहां सूरत में 14 दिन की बच्ची की कोरोनावायरस संक्रमण से मौत हो गई है। कोरोना के कारण सूरत में पिछले एक महीने में 10 साल से कम उम्र के तीसरे बच्चे की मौत हुई है।

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