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Upbhokta kise kahate Hain

उपभोक्ता किसे कहते हैं ? – Upbhokta kise kahate Hain

by Pritam Yadav

Upbhokta kise kahate Hain :- क्या आप जानते हैं, कि उपभोक्ता किसे कहते हैं या उपभोक्ता कौन होते हैं ? यदि नहीं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें, क्योंकि उपभोक्ता एक ऐसा शब्द जिसके बारे में हम किताबों में पढ़ते हैं या आम बोलचाल में रोजाना इस्तेमाल करते हैं।

खास तौर पर यह लेख विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस लेख में हम भारत में उपभोक्ता के अधिकार क्या है के बारे में भी चर्चा करने वाले हैं और साथ ही साथ हम यहां यह भी बताएंगे, कि उपभोक्ता का कर्तव्य क्या है ?


उपभोक्ता किसे कहते हैं ? – Upbhokta kise kahate Hain

उपभोक्ता एक हिंदी शब्द है, जिसे अंग्रेजी भाषा में ‘Consumer’ कहा जाता है। उपभोक्ता का सीधा अर्थ होता है, उपयोगकर्ता या उपभोग करने वाला से। इसे किसी व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो वस्तु, सेवा या उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं या फिर खरीदते हैं।

बिजनेस और कमर्शियल भाषा में उपभोक्ता या Consumer एक ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है, जो products और  services खरीदता है और इसका इस्तेमाल करता है।  यह व्यक्ति products और  services की quality, price और उनके विभिन्न perspective के साथ संतुष्ट होना चाहता है।

उपभोक्ता उन प्रोडक्ट्स को खरीदते हैं, जो उनकी आवश्यकताओं व जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक होते हैं। उपभोक्ता की प्राथमिकता अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने और उपयोग करने के लिए उचित प्रोडक्ट्स और सेवाओं का चयन करना होता है।


उपभोक्ता कौन होते हैं ? – Upbhokta koun hote hain

वैसे लोग जो प्रोडक्ट एवं सर्विसेज खरीदते हैं या उनका इस्तेमाल करते हैं उन्हें उपभोक्ता कहते है।

यदि दूसरे शब्दों में कहें तो, वैसे लोग या वह व्यक्ति जो मार्केट से विभिन्न प्रोडक्ट जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट,  अनाज, वाहन, ब्यूटी प्रोडक्ट, सब्जियां, फल आदि खरीदते हैं या सर्विस जैसे नाई से बाल कटवाना, बैंक से लोन लेना, डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर आदि की सेवाएं खरीदते हैं तो उन्हें उपभोक्ता कहा जाता है।

जब हम किसी सर्विसेस या किसी भी काम के बदले किसी को पेमेंट करते हैं या भुगतान करते हैं,  तो हम उपभोक्ता कहलाएंगे।  जैसे कि हम किसी बस का इस्तेमाल कर रहे हैं या कोई शिक्षक से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और उसके बाद हम उन्हें payment कर रहे हैं,  तो ऐसी स्थिति में हम उपभोक्ता कहलाएंगे।

ध्यान दे, उन लोगों को उपभोक्ता नहीं कहा जाएगा जो लोग किसी व्यक्ति से या किसी दुकान से सामान खरीदते हैं और फिर उन्हें बेचते हैं।

यानी कि यदि हम किसी दुकान से ढेर सारे सामान खरीद लेते हैं और फिर उसे मार्केट में जाकर हम बेचते हैं,  तो हमें उपभोक्ता नहीं कहा जा सकता।


भारत में उपभोक्ता के अधिकार क्या है ? – Upbhokta ka adhikar kya hain

भारत में उपभोक्ताओं के साथ कोई धोखा – धड़ी या कोई गलत कार्य ना हो,  जिसके वजह से भारत में उपभोक्ताओं को कुछ अधिकार दिए हैं, ताकि उपभोक्ता धोखा-धड़ी या गलत कार्यों से बच सकें।

प्रत्येक ग्राहकों या उपभोक्ताओं को आज के समय में अपने अधिकार के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। सरकार ने कुछ ऐसे नियम बनाए हैं ताकि व्यापारी और उपभोक्ताओं के बीच भरोसे की नींव बनी रहे।

सूचना का अधिकार

सूचना के अधिकार के अंतर्गत जो वस्तुएं उपभोक्ता खरीद रहे हैं,  उनकी quality (गुणवत्ता), price (मूल्य), क्वांटिटी (मात्रा), purity (शुद्धता) तथा स्तर या श्रेणी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का पूरा अधिकार उपभोक्ता के पास होता है।

किसी वस्तु की गुणवत्ता की जांच किए बिना उसे खरीदना हानि पहुंचा सकता है, इसलिए उपभोक्ताओं के पास यह अधिकार है,  कि वह सामान खरीदने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच कर ले।

कुछ विक्रेता वस्तुओं की कीमत बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बेचते हैं, इससे उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होता है।  इसलिए उपभोक्ताओं को अधिकार है, कि वह किसी भी वस्तुओं या सर्विसेस लेने से पहले उसकी कीमत की अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लें।

उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार

इसके अंतर्गत उपभोक्ताओं के पास यह अधिकार होता है, कि वह किसी भी उम्र सीमा में ज्ञान एवं शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

यानी कि जागरूक अभियान के माध्यम से उपभोक्ता अपने अधिकारों और क्रय संबंधित जानकारियां या शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं,  क्योंकि यदि उपभोक्ताओं के पास शिक्षा होगी तभी कोई भी व्यापारी या विक्रेता उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकता या उनके साथ धोखाधड़ी नहीं कर सकता।

चयन का अधिकार

चयन का अधिकार भी उपभोक्ताओं के लिए दिया गया है इसका मतलब यह है, कि उपभोक्ता अपनी पसंद अनुसार वस्तुएं खरीद सकता है। विक्रेता या व्यापारी उन्हें किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।

कुछ व्यापारी या विक्रेता खराब और बेकार चीजें उपभोक्ताओं को बेचने की कोशिश करते हैं। इन्हीं चीजों से बचने के लिए सरकार ने चयन का अधिकार उपभोक्ताओं के लिए निकाला है ताकि कोई भी उन्हें किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए बाध्य ना कर सके।

सुरक्षा का अधिकार

इस अधिकार के अंतर्गत व्यापारी या विक्रेताओं को उपभोक्ताओं को यह बताना होता है, कि प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट कब है।

ऐसा इसलिए ताकि उपभोक्ता सामान खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट की जांच लें और फिर सामान खरीदे ताकि वे भविष्य में होने वाले नुकसान से बच सकें। अधिकतर फूड सप्लायर, मेडिसिंस, डेरी प्रोडक्ट में एक्सपायरी डेट होना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

सुनवाई का अधिकार

इस के अंतर्गत उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया गया है, कि वह अपनी समस्याओं और चिंताओं के लिए किसी खराब प्रोडक्ट और कंपनी के खिलाफ आवाज उठा सके और अपने अधिकार के लिए लड़ सके।

इस अधिकार के अंतर्गत उपभोक्ता अपनी बात रख सकते हैं और अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं।

निवारण का अधिकार

इसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया गया है,  कि किसी भी व्यापारी या विक्रेताओं के खिलाफ वह न्यायालय जा सकता है।

जी हाँ, यदि कोई विक्रेता या व्यापारी किसी उपभोक्ता को खराब और बेकार प्रोडक्ट बेच रहे हैं,  जिससे उपभोक्ता को हानि पहुंच रही है या हानि पहुंची है, तो इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता उसके खिलाफ लड़ सकता है और अपनी बात न्यायालय तक पहुंचा सकता है।


उपभोक्ता संरक्षण के नियम और कानून

भारत में कई कानून और नियम उपभोक्ता संरक्षण को संघ, राज्य और स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए है। यहाँ हम कुछ महत्वपूर्ण उपभोक्ता संरक्षण के नियम और कानूनों के बारे में बता रहे हैं। जैसे कि :-

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019

यह अधिनियम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए नए और सुदृढ कानूनी प्रावधान प्रदान करता है। इसमें उपभोक्ताओं के अधिकारों की  संरक्षण,  उपभोक्ता विवादों के निपटान की प्रक्रिया, उपभोक्ता अदालतों की स्थापना और अन्य मामले शामिल है।

मानक वजीवाण अधिनियम, 2006

यह अधिनियम उपभोक्ताओं को उचित स्टैंडर्ड प्रोवाइड करने और उनकी सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसमें मानकों का निर्धारण, मानकों यानी स्टैंडर्ड्स के लिए सर्टिफिकेशन प्रोसेस, उपभोक्ता शिकायतों का समाधान और मानकों के उल्लंघन पर सजा और दंड देना आदि शामिल है।

दरभंगा मोबाइल न्यायाधिकरण

यह न्यायाधिकरण उपभोक्ताओं के मोबाइल संबंधित विवादों के सॉल्यूशन के लिए स्थापित किया गया है। यह वक्ताओं को उचित सुनवाई और न्याय प्रदान करने का कार्य करता है।

एक्साइज और सेवा कर अपील न्यायाधिकरण (ACSST)

यह न्यायाधिकरण एक्साइज और सेवा कर संबंधित विवादों के निपटान के लिए खास तौर पर स्थापित किया गया है। इसमें उपभोक्ताओं को न्याय प्रदान करने के लिए कार्य किया जाता है जब वे कर विभाग के खिलाफ अपील करते हैं।


उपभोक्ता के कर्तव्य क्या है ?

उपभोक्ताओं के कर्तव्य का पालन करना उपभोक्ताओं के अधिकारों के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और हित की गारंटी का भी हिस्सा होता है।

यह कर्तव्य उपभोक्ता की खुद की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ध्यान के साथ-साथ अन्य उपभोक्ताओं के हित को भी सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपभोक्ता के कर्तव्य की जानकारी हम दे रहे हैं। जैसे कि –

जागरूकता

उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों,  उत्पादों और सर्विसेस के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी होता है। उन्हें  उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, मूल्य, ब्रांड, मात्रा, शुद्धता, माप-तोल, मानक और उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

सत्यापन

प्रोडक्ट एवं सर्विसेज खरीदने से पहले या इस्तेमाल करने से पहले उपभोक्ताओं को सत्यापन करना बहुत जरूरी होता है। उपभोक्ताओं को उत्पादों के लेबल,  पैकेजिंग, मानक चिन्ह, निर्माण की तिथि, उपभोग की अंतिम तिथि, गारंटी, वारंटी, गुणवत्ता का निशान जैसे कि आईएसआई (ISI) एगमार्क, बुल मार्क, हॉल मार्क (आभूषण में) और मूल्य के अनुसार किसी प्रकार का दोष है या नहीं आदि से संबंधित सतर्क रहना चाहिए।

फीडबैक

फीडबैक प्रत्येक उपभोक्ताओं का कर्तव्य है। दरअसल किसी भी प्रोडक्ट ओर सर्विस को खरीदने या इस्तेमाल करने के बाद उससे संबंधित अपना एक्सपीरियंस और अपनी समस्याओं या कोई सुझाव है,  तो उससे संबंधित जानकारी व्यापारी या विक्रेता तक अवश्य पहुंचनी चाहिए और अन्य उपभोक्ताओं या ग्राहकों तक  भी पहुंचनी चाहिए ताकि लोगों को भी प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके।


उपभोक्ता के उत्तरदायित्व क्या है ?

उपभोक्ता के उत्तरदायित्व होना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि अधिकार है तो उत्तरदायित्व भी होंगे ही। इसलिए कुछ महत्वपूर्ण उपभोक्ताओं के उत्तरदायित्व इस तरह है। जैसे कि –

स्वयं सहायता का दायित्व

उपभोक्ता को जागरूक होना बहुत जरूरी है यानी कि पूर्ण रूप से व्यापारी या विक्रेताओं के ऊपर निर्भर होना उचित नहीं है। ऐसे में अधिकतर उपभोक्ता धोखा-धड़ी के शिकार हो जाते हैं।

कई लोग हैं, जो प्रोडक्ट खरीदते समय विक्रेता पर पूर्ण विश्वास करके खरीद लेते हैं परंतु बाद में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है, इसलिए जागरूक रहें सतर्क रहें।

लेन देन

इसके अंतर्गत किसी भी वस्तु को खरीदते समय उपभोक्ताओं को जरूरी है, कि उस वास्तु के लेन-देन की रसीद यानी  स्लिप अवश्य ले ताकि भविष्य में किसी भी तरह का समस्या का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा यदि वस्तु में कोई गारंटी या वारंटी है तो गारंटी या वारंटी कार्ड लेना बहुत जरूरी है।

उचित दवा

यदि खरीदने के बाद उसमें कोई समस्या आती है ? क्या उससे कोई नुकसान होता है, तो उपभोक्ता विक्रेता या व्यापारिक पर नुकसान का दावा कर सकता है।

लेकिन ध्यान रहे जिस नुकसान का उपभोक्ता दावा कर रहा है, वह उचित हो यानी बढ़ा चढ़ाकर दावा करना उल्टा  उपभोक्ता को हानि पहुंचा सकता है।


FAQ’S:-

Q1. उपभोक्ता किसे कहते हैं ? – Upbhokta kise kahate Hain

Ans - जो प्रोडक्ट एवं सर्विसेज खरीदते हैं या उनका इस्तेमाल करते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहा जाता है।

Q2. उपभोक्ता के तीन उत्तरदायित्व क्या है ?

Ans - उपभोक्ता के तीन उत्तरदायित्व है, उचित दावा, लेन-देन, स्वयं सहायता का दायित्व।

Q3. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कब लागू किया गया था ?

Ans - भारत में साल 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था।

Q4. राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है ?

Ans - राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को भारतवर्ष में मनाया जाता है।

Q5. उपभोक्ता को अंग्रेजी भाषा में क्या कहते हैं ?

Ans - उपभोक्ता को अंग्रेजी भाषा में "Consumer' कहा जाता है।

निष्कर्ष :-

आज का यह लेख Upbhokta kise kahate Hain ( उपभोक्ता किसे कहते हैं ? ) यहीं पर समाप्त होता है।

आज के इस लेख में हमने जाना चाहिए उपभोक्ता कौन होते हैं ? जनता के अधिकार क्या है तथा उपभोक्ताओं के उत्तरदायित्व क्या क्या है ?

उम्मीद करते यहां दी गई जानकारी Upbhokta kise kahate Hain ? आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। लेकिन यदि फिर भी इस लेख से संबंधित आप को और अधिक जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं और  यदि यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अवश्य शेयर करें।


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