रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड थू, 22 अप्रैल 2021 02:26 AM IST
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इस चरण की सीटों पर मतुआ समुदाय का अच्छा प्रभाव है और उन्हें दोबारा अपनाने के लिए भाजपा व टीएमसी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। राज्य में अब तक 180 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं। शेष 114 सीटों पर चुनाव बाकी है।
छठे चरण के चुनाव में आज 43 विधानसभा सीटों के लिए एक करोड़ से अधिक मतदाता 306 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले चरणों में हिंसा को देखते हुए सुरक्षा उपाय सख्त किए गए हैं। चौथे चरण के मतदान में 10 अप्रैल को कूच बिहार में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए छठे चरण में केंद्रीय वर्गों की कम से कम 1,071 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया।उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया के दौरान को विभाजित संबंधित दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
इस चरण में उत्तर 24 परगना जिले की 17 सीटों के अलावा नादिया और उत्तर दिनाजपुर की नौ-नौ और पूर्ब बर्द्धमान की आठ सीटों पर दांव होना है।
इस चरण के प्रमुख नेताओं में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, तृणमूल के मंत्री ज्योतिर मल्लिक और चंद्रिमा भट्टाचार्य और माकपा नेता तन्मय भट्टाचार्य शामिल हैं। इसके अलावा फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती और अभिनेत्री कौसानी मुखर्जी भी तृणमूल प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
चार जिलों के 43 विधानसभा क्षेत्रों में 14,480 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि इस चरण में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच होगा।
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