एजेंसी, नई दिल्ली।
द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड सत, 10 अप्रैल 2021 03:50 AM IST
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ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा, कोराना का असर काफी सीमित है और अर्थव्यवस्था जुझारू क्षमता दिखा रही है, लेकिन नीति-निर्माताओं के समक्ष अब जरा भी कोताही की गुंजाइश नहीं बची है।
राज्य सरकारें इस बार सख्त लॉकडाउन से बच रही हैं। ऐसे में इस बार इसका आर्थिक प्रभाव पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में कम रहेगा। यदि स्वास्थ्य की स्थिति उल्लेखनीय रूप से खराब होती है और व्यापक रूप से सख्त अंकुश लगाए जाते हैं, तो 2021 की पहली इकाई के लिए हमारा अनुमान प्रभावित हो सकता है।
बीते मंगलवार को आंतरिक मुद्राकोष ने 2021 में भारत की प्रभावी विकास दर 12.5 प्रति रहने की उम्मीद जताई थी।
2020 की तरह भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट नहीं है
वैश्विक पूर्वानुमान कंपनी ने कहा है कि दूसरी लहर अधिक व्यापक हो रही है, जिससे आगामी दिनों में आवाजाही का स्तर प्रभावित होगा। हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि इस बार भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 की तरह बड़ी गेमिंग गिरावट नहीं आएगी। अभी लक्षित लॉकडाउन के जरिये महामारी को फैलने से रोकने की रणनीति अपनाई जा रही है।
जिन देशों ने लॉकडाउन को लागू नहीं किया, उनका प्रदर्शन बिगड़ा
ऑक्सफ़ोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि यह सही है कि पिछले साल संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए जिन देशों ने लॉकडाउन नहीं लगाया था, उनका प्रदर्शन अंकुश लगाने वाले देशों की तुलना में आर्थिक रूप से अच्छा नहीं रहा था।
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