प्रदीप भंडारी, अमर उजाला, जोशीमठ
द्वारा प्रकाशित: निर्मला सुयाल निर्मला सुयाल
अपडेटेड सन, 25 अप्रैल 2021 01:00 पूर्वाह्न IST
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सुमना में हिमस्खलन की जानकारी मिलते ही सड़कों पर जमा हो गए ग्रामीण, बार-बार देख रहे धौली गंगा के जलस्तर।
ढाई महीने बाद फिर से ग्रामीण दहशत में
– फोटो: अमर उजाला फाइल फोटो
ख़बर सुनकर
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सुमना में हुई हिमस्खलन की सूचना सबसे पहले यहां के अधिकारी-कर्मचारियों को मिली। यह सूचना धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल गई, जिसके बाद ग्रामीण जानकारी जुटाने के लिए बाजार में इकट्ठा होने लगे और धौली गंगा के जलस्तर को बार-बार निहारते रहे।
रात होने पर वे एक दूसरे को फोन कर आपदा की जानकारी लेते रहे। कागा गांव के ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह राणा और द्रोणागिरी के उदय सिंह रावत का कहना है कि सुमना और ऋषि गंगा क्षेत्र में पहले भी हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं, लेकिन तब विकास कम होने से निचले क्षेत्रों में नुकसान कम होता था।
आज सड़क मार्ग के साथ ही नदियों के किनारे ही आवासीय भवनों का निर्माण हो रहा है, जिससे छोटी-छोटी आपदाएं भी विकराल हो रही हैं।
विस्तार
क्षेत्र में बीते 21 अप्रैल से लगातार बर्फबारी
सुमना में हुई हिमस्खलन की सूचना सबसे पहले यहां के अधिकारी-कर्मचारियों को मिली। यह सूचना धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल गई, जिसके बाद ग्रामीण जानकारी जुटाने के लिए बाजार में इकट्ठा होने लगे और धौली गंगा के जलस्तर को बार-बार निहारते रहे।
रात होने पर वे एक दूसरे को फोन कर आपदा की जानकारी लेते रहे। कागा गांव के ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह राणा और द्रोणागिरी के उदय सिंह रावत का कहना है कि सुमना और ऋषि गंगा क्षेत्र में पहले भी हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं, लेकिन तब विकास कम होने से निचले क्षेत्रों में नुकसान कम होता था।
आज सड़क मार्ग के साथ ही नदियों के किनारे ही आवासीय भवनों का निर्माण हो रहा है, जिससे छोटी-छोटी आपदाएं भी विकराल हो रही हैं।
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