एजेंसी, टोक्यो।
द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड सत, 10 अप्रैल 2021 03:23 AM IST
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क्योटो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने कहा, 30 डॉक्टरों की टीम ने 11 घंटे की कोशिश के बाद इसमें कामयाबी पाया। महिला के फेफेड़े में उसके पति और बच्चे के फेफड़े का कुछ हिस्सा ट्रांसप्लांट किया गया है।
गौरतलब है, कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़े के खराब होने के कई मामले अमेरिका में भी सामने आ चुके हैं। लेकिन इन रोगियों को बचाने के लिए डॉक्टरों ने मृत डोनर के अंगों का इस्तेमाल किया था। अस्पताल के अनुसार यह पहली बार है जब एक जीवित डोनर के फेफड़े का कुछ हिस्सा कोरोना रोगी को ठीक करने में उपयोग हुआ है।
कोरोना रोगियों के लिए उम्मीद की किरण
डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ। हिरोशी के अनुसार कोरोना से पीड़ित रोगी, जिनके फेफड़े खराब हो चुके हैं, उनके लिए यह आशा की किरण है। उन्होंने कहा कि हमने यह दिखाया कि जीवित डोनर से अंग का कुछ हिस्सा दान के बारे में भी फेफड़ों को दुरुस्त किया जा सकता है।
कई महीन से जीवन रक्षक प्रणाली पर था
क्योटो अस्पताल के मुताबिक महिला मरीज जापान के कंसाई की रहने वाली है और उसे पिछले साल कोरोना संक्रमण हुआ था। वह कई महीने से जीवन रक्षक प्रणाली पर था। महिला के पति और बेटे की हालत स्थिर बताई गई है।
डॉ के अनुसार अगले दो महीने में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। बता दें, पिछले साल जून में अमेरिकी सर्जन की टीम ने एक कोरोना मरीज के फेफड़े का सफल कंप्रेसर किया था।
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