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कोविड जांच

कोरोना की दूसरी लहर : सबसे प्रभावित 10 शहरों में दिल्ली भी, 20 दिन में बदल गए हालात

by Sneha Shukla

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देश में चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर दिल्ली में भी दिखने लगा है। 20 दिन में ही यहां पूरी तरह से बदल गई है। कोरोना के सक्रिय मामले, मौत के आंकड़े, संक्रमण दर, औसतन दैनिक मामला और अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या में हर सप्ताह इजाफा रहा है। इस स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता व्यक्त की है और दिल्ली को देश के 10 सबसे प्रभावशाली शहरों की सूची मे रखा गया है।

राजधानी में 10 से 16 मार्च के दौरान कोरोना के 698 मामले आए थे, जबकि 24 से 30 मार्च के बीच 1912 मामले आए थे। इसी प्रकार मृत्यु के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। 10 से 16 मार्च के बीच 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 24 से 30 मार्च को यह आंकड़ा 11 हो गया। कुल मरीजों की बात करें तो बीते 20 दिन में ही 19 हजार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

जो फरवरी में आए कुल मामलों से बहुत ज्यादा है। बढ़ते मामलों के साथ सक्रिय रोगी और संक्रमण दर में तेजी से बढ़ रही है। 20 दिनों में 5550 सक्रिय मामले बढ़ गए हैं। ट्रांस पास भी 2.70 प्रति हो गयी है, जो 10 मार्च तक 0.52% थी। संक्रमण पर लगाम लगाने के.लिए सरकार रेड जोन में इजाफा कर रही है। 10 मार्च से अबतक 1400 से अधिक रेड जोन बनाए गए हैं।

20 दिन में इस तरह बढ़े हुए रोगी

दिन का रोगी

10 मार्च 544

15 मार्च 607

20 मार्च 868

25 मार्च 1094

30 मार्च 1584

नोट: महज बीस दिन में 1040 नए मरीज भर्ती हुए हैं। इस सीधा मतलब है कि इस बीच अस्पतालों में 22 प्रति को विभाजित मरीज बढ़ गए हैं।

71 प्रति बेड खाली हैं

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन अभी भी लगभग 70 फ़ीसदी बिस्तर खाली है कि सरकार मरीजों की संख्या और लगातार नज़र बनाए रख रही है। सागर आने वाले दिनों में यह संख्या इसी प्रकार बढ़ती जा रही है तो बिस्तरों को भी बढ़ाया जाएगा। । संक्रमण पर अति करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। रोजाना औसतन 90 हजार जांच हो रही है। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। साथ ही बाहर से आने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है।

दिल्ली में कोरोना रोगियों के लिए बिस्तर की स्थिति

कुल बिस्तर- 5806

मरीज भर्ती- 1681

वेंटीलेटर वाले बेड -787

मरीज भर्ती -278

कुल आईसीयू बिस्तर -1229

मरीज भर्ती -383

फरवरी महीने में ट्रांसफर के मामले काफी घट गए थे। इससे लोगों में कोरोना का डर खत्म होने लगा था। काफी समय से लोग परेशान नहीं हुए हैं, और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते मामले चिंता का विषय है। यदि आने वाले दोनों पक्षों में दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर की संभावना को रोकना है तो लोगों को बड़ी संख्या में टीकाकरण के लिए आगे आना होगा।

-डॉक्टर आर। एस रौतेला, चिकित्सा निदेशक, जीटीबी अस्पताल

नोट: आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हैं



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