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सांकेतिक तस्वीर

गतिरोध बरकरार: उल्टे भारत को नसीहत दे रहा चीन, 11वें दौर की वार्ता के बाद भी नहीं हुई ठोस प्रगति

by Sneha Shukla

एजेंसी, बीजिंग।

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
Updated Mon, 12 Apr 2021 02:08 AM IST

सार

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के चुशूल में हुई बातचीत को लेकर प्रवक्ता के हवाले से बालना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने कहा कि दोनों पक्षों को पिछली वार्ताओं में बने सहमति पर आगे बढ़ना चाहिए।

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चीन की सेना ने रविवार को कहा कि भारत को पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के ‘मौजूदा माहौल’ का पालन करना चाहिए। चीन का यह बयान दोनों देशों के बीच 13 घंटे तक चला 11 वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं होने के बाद आया है।

फरवरी में पैंगोंग झील के ज्यादातर विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की जिक्र करते हुए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीवी) ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच नौ अप्रैल को हुई बातचीत को लेकर जारी एक बयान में कहा कि भारत की सीमा पर तनाव कम है करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के चुशूल में हुई बातचीत को लेकर प्रवक्ता के हवाले से बालना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने कहा कि दोनों पक्षों को पिछली वार्ताओं में बने सहमति पर आगे बढ़ना चाहिए।

पील् की हमें पश्चिमी मशीनैंड ’के प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछली वार्ताओं में बनी प्रतिद्वंद्वियों का पालन करते हुए सीमा क्षेत्र पर तनाव कम करने के लिए बने मौजूदा सकारात्मक माहौल का पालन करेगा। साथ ही सीमा पर शांति कायम करने के लिए उसी दिशा में आगे बढ़ेगा, जिस दिशा में चीन आगे बढ़ा है।

चीन ‘पहले से तय सोच’ के साथ बातचीत में शामिल हुआ: भारत
इससे पहले भारतीय सेना ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग में विवाद वाले अन्य क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी को लेकर विस्तृत चर्चा की और जमीन पर शांति बनाए रखने, किसी भी नए टकराव से बचने और शेष मुद्दों का हल ‘तीव्र गति’ से निकालने पर राजामंडी जताई।

वार्ता से जुड़े लोगों ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई इस सैन्य वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई क्योंकि चीनी अभ्यावेदन ‘पहले से तय सोच’ के साथ बातचीत में शामिल हुए और संघर्ष वाले शेष क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे। बढ़ने की दिशा में कोई संकेत नहीं दिखाया गया है।

विस्तार

चीन की सेना ने रविवार को कहा कि भारत को पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के ‘मौजूदा माहौल’ का पालन करना चाहिए। चीन का यह बयान दोनों देशों के बीच 13 घंटे तक चला 11 वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं होने के बाद आया है।

फरवरी में पैंगोंग झील के ज्यादातर विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की जिक्र करते हुए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीवी) ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच नौ अप्रैल को हुई बातचीत को लेकर जारी एक बयान में कहा कि भारत की सीमा पर तनाव कम है करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के चुशूल में हुई बातचीत को लेकर प्रवक्ता के हवाले से बालना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने कहा कि दोनों पक्षों को पिछली वार्ताओं में बने सहमति पर आगे बढ़ना चाहिए।

पील् की हमें पश्चिमी मशीनैंड ’के प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछली वार्ताओं में बनी प्रतिद्वंद्वियों का पालन करते हुए सीमा क्षेत्र पर तनाव कम करने के लिए बने मौजूदा सकारात्मक माहौल का पालन करेगा। साथ ही सीमा पर शांति कायम करने के लिए उसी दिशा में आगे बढ़ेगा, जिस दिशा में चीन आगे बढ़ा है।

चीन ‘पहले से तय सोच’ के साथ बातचीत में शामिल हुआ: भारत

इससे पहले भारतीय सेना ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग में विवाद वाले अन्य क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी को लेकर विस्तृत चर्चा की और जमीन पर शांति बनाए रखने, किसी भी नए टकराव से बचने और शेष मुद्दों का हल ‘तीव्र गति’ से निकालने पर राजामंडी जताई।

वार्ता से जुड़े लोगों ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई इस सैन्य वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई क्योंकि चीनी अभ्यावेदन ‘पहले से तय सोच’ के साथ बातचीत में शामिल हुए और संघर्ष वाले शेष क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे। बढ़ने की दिशा में कोई संकेत नहीं दिखाया गया है।

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