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दिल्ली-एनसीआर में फर्जीवाड़ा : नौकरी का झांसा देकर 500 लोगों से करोड़ों की ठगी

by Sneha Shukla

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अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
Updated Sat, 27 Mar 2021 04:34 AM IST

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दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नौकरी पाने का झांसा देकर ठगी करने वाले ऐसे सहयोगियों का भंडाफोड़ किया है जिसमें पीएचडी डिग्रीधारक और दो इंजीनियर भी शामिल हैं। में उसने देशभर में 500 से ज्यादा लोगों से 7.50 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। आरोपी एक पीड़ित से 20 लाख रुपये तक लेते थे।

साइबर सेलसीडीपी अन्य संसाधन राय के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भुवनों निवासी मनोज (44), गुरुग्राम निवासी आशीष रंजन (26), अभिषेक कुमार (27), सोनू रावल (29) और शैक पिंकू (28) के रूप में हुई। मनोज होता है प्रतिभागियों ने सरगना है और उसने नोकिया व पीएचडी किया है।

उन्होंने बताया कि उत्तम नगर निवासी एक युवक ने शिकायत दी थी कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने वाले लोगों के संपर्क में आया था। जालसाजों ने इंनडीज कैरियर, जोटिक कैरियर, च्वाइस प्राइवेट लि।, सैंडबीप एडू सॉल्यूशन, बीएसईपीएल एजुकॉन प्राइवेट लि। नाम से लिविंग एजेंसी चलाने का दावा किया गया था।

उनके झांसे में आ गया और दस्तावेज सत्यापन, प्रोफाइल योग्यता परीक्षण और सुरक्षा राशि के नाम पर उसे 20 लाख रुपये ले लिए। मामला दर्जकर एसआई विजयेंद्र, एसआई अजीत और सुनील की टीम ने जांच शुरू की। एसआई जितेंद्र को जांच में पता लगा कि ठगों ने कई वेबसाइट और ई-मेल आईडी बना रखे हैं। ठगों ने युवक से कई बैंक खातों में पैसे जमा करवाए।

गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर कर रहे थे ठगी
आरोपी गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर ठगी कर रहे थे। एसआई विजेंद्र की टीम ने कॉल सेंटर में दबिश दी और मनोज ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कॉल सेंटर से सात कंप्यूटर व लैपटॉप और 14 मोबाइल फोन बरामद किए गए। मनोज होता है भुवनेश्वर कर रहने वाला है और बाकी आरोपी गुरुग्राम के रहने वाले हैं। मनोज से पुणे से नो और पीएचडी एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से की है।

कारोबार में घाटा होने से हो गया था
मनोज को कारोबार में घाटा हो गया था। इसके बाद इसने गुरुग्राम में कॉल सेंटर खोला था। इन लोगों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था। ये डेटा बेरोजगार युवकों को कॉल सेंटर से कॉल करते थे। इसने अपनी टीम में अच्छे पढ़े लिखे युवक को रखा था। आशीष व अभिषेक ने के की हुई है। ये दोनों की पीड़ित को हाईफाई अंग्रेजी बोलकर नौकरी लगवाने का झांसा देते थे।

विस्तार

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नौकरी पाने का झांसा देकर ठगी करने वाले ऐसे सहयोगियों का भंडाफोड़ किया है जिसमें पीएचडी डिग्रीधारक और दो इंजीनियर भी शामिल हैं। में उसने देशभर में 500 से ज्यादा लोगों से 7.50 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। आरोपी एक पीड़ित से 20 लाख रुपये तक लेते थे।

साइबर सेलसीडीपी अन्य संसाधन राय के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भुवनों निवासी मनोज (44), गुरुग्राम निवासी आशीष रंजन (26), अभिषेक कुमार (27), सोनू रावल (29) और शैक पिंकू (28) के रूप में हुई। मनोज होता है प्रतिभागियों ने सरगना है और उसने नोकिया व पीएचडी किया है।

उन्होंने बताया कि उत्तम नगर निवासी एक युवक ने शिकायत दी थी कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने वाले लोगों के संपर्क में आया था। जालसाजों ने इंनडीज कैरियर, जोटिक कैरियर, च्वाइस प्राइवेट लि।, सैंडबीप एडू सॉल्यूशन, बीएसईपीएल एजुकॉन प्राइवेट लि। नाम से लिविंग एजेंसी चलाने का दावा किया गया था।

उनके झांसे में आ गया और दस्तावेज सत्यापन, प्रोफाइल योग्यता परीक्षण और सुरक्षा राशि के नाम पर उसे 20 लाख रुपये ले लिए। मामला दर्जकर एसआई विजयेंद्र, एसआई अजीत और सुनील की टीम ने जांच शुरू की। एसआई जितेंद्र को जांच में पता लगा कि ठगों ने कई वेबसाइट और ई-मेल आईडी बना रखे हैं। ठगों ने युवक से कई बैंक खातों में पैसे जमा करवाए।

गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर कर रहे थे ठगी

आरोपी गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर ठगी कर रहे थे। एसआई विजेंद्र की टीम ने कॉल सेंटर में दबिश दी और मनोज ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कॉल सेंटर से सात कंप्यूटर व लैपटॉप और 14 मोबाइल फोन बरामद किए गए। मनोज होता है भुवनेश्वर कर रहने वाला है और बाकी आरोपी गुरुग्राम के रहने वाले हैं। मनोज से पुणे से नो और पीएचडी एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से की है।

कारोबार में घाटा होने से हो गया था

मनोज को कारोबार में घाटा हो गया था। इसके बाद इसने गुरुग्राम में कॉल सेंटर खोला था। इन लोगों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था। ये डेटा बेरोजगार युवकों को कॉल सेंटर से कॉल करते थे। इसने अपनी टीम में अच्छे पढ़े लिखे युवक को रखा था। आशीष व अभिषेक ने के की हुई है। ये दोनों की पीड़ित को हाईफाई अंग्रेजी बोलकर नौकरी लगवाने का झांसा देते थे।



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