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कोरोना वायरस(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बेकाबू हो रहे हालात: कोरोना का हॉटस्पॉट बना देहरादून, देश के टॉप-10 संक्रमित जिलों में हुआ शामिल

by Sneha Shukla

रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, देहरादून

द्वारा प्रकाशित: अलका त्यागी
अपडेटेड सत, ० 08 मई २०२१ ०२:०० बजे IST

सार

दून में कोरोना नियंत्रण और हर जरूरतमंद को उपचार उपलब्ध कराने के दावों की हवा निकल रही है। सच्चाई यह है कि पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस दौरान लगभग 10 हजार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई।

कोरोनावायरस (प्रतीकात्मक चित्र)
– फोटो: पिक्साबे

ख़बर सुनना

राजधानी देहरादून कोरोना का हालस्पॉट बन गया है। लगातार बढ़ रही मौत और संदिग्धनों के नंबर के कारण दून देश के टॉप -10 विभिन्न जिलों में शामिल हो गया है। दून ने श्रीनगर, चंडीगढ़, गुवाहाटी को भी पछाड़ दिया है। इस सूची में गुरुग्राम, हरियाणा पहले और कल छठवें स्थान पर है।

दून में कोरोना नियंत्रण और हर जरूरतमंद को उपचार उपलब्ध कराने के दावों की हवा निकल रही है। सच्चाई यह है कि पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस दौरान लगभग 10 हजार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। ये आंकड़े यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कोरोना के सामने सरकारी मशीनरी के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में रिकॉर्ड 9642 नए मिले, 137 की मौत, एक्टिव केस 67 हजार पार

चेतों की संख्या के आधार पर जारी आंकड़ों के अनुसार, अभी दून देश में नौवां सबसे ज्यादा स्पष्ट जिला है। स्वयं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े दून में कोरोना की भयानक तस्वीर पेश कर रहे हैं। विभागीय स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, पिछले तीन दिनों (पांच से सात मई तक) में 72 घंटे के दौरान 9882 लोगों के उत्तराधिकारी मिले। इस लिहाज से जिले में हर घंटे औसतन 137 लोग कोरोनाटेहुए हैं। वहीं, इसी दौरान कुल 262 लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी।

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दून पर अन्य जिलों का भी दबाव
दून पर प्रदेश के दूसरे जिलों और नजदीकी राज्यों का भीदबाव है। पहाड़ी जिलों से ज्यादातर गंभीर रोगियों को दून ही रेफर किया जा रहा है।इसके अलावा हिमाचल और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से भी लोग उपचार के लिए दून आ रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में बिस्तर की मारामारी मचने के बाद बड़ी संख्या मेंमरीजों को दून के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। यही स्थिति जांच की भी है।यही कारण है कि यहां आश्रय और मृतकों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है।

दिन – कुल मृत्यु

सात मई – 83 3979
छह मई – 106 3123
पांच मई – 73 2771

कोरोना को थामने और रोगियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पतालों में भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। दून में बड़ीसंख्या में दूसरी जगह भी रोगी आ रहे हैं। पहाड़ से मरीज की हालत बिगड़ने पर दून रेफर किया जा रहा है, जिसे बचाना मुश्किल हो रहा है। हमने प्राथमिक एमबीए को सभीजांच का ब्योरा 48 घंटे में पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसके कारणआंकड़ों में इजाफा हो रहा है।
-डा। आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

विस्तार

राजधानी देहरादून कोरोना का हालस्पॉट बन गया है। लगातार बढ़ रही मौत और संदिग्धनों के नंबर के कारण दून देश के टॉप -10 विभिन्न जिलों में शामिल हो गया है। दून ने श्रीनगर, चंडीगढ़, गुवाहाटी को भी पछाड़ दिया है। इस सूची में गुरुग्राम, हरियाणा पहले और कल छठवें स्थान पर है।

दून में कोरोना नियंत्रण और हर जरूरतमंद को उपचार उपलब्ध कराने के दावों की हवा निकल रही है। सच्चाई यह है कि पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस दौरान लगभग 10 हजार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। ये आंकड़े यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कोरोना के सामने सरकारी मशीनरी के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में रिकॉर्ड 9642 नए मिले, 137 की मौत, एक्टिव केस 67 हजार पार

चेतों की संख्या के आधार पर जारी आंकड़ों के अनुसार, अभी दून देश में नौवां सबसे ज्यादा स्पष्ट जिला है। स्वयं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े दून में कोरोना की भयानक तस्वीर पेश कर रहे हैं। विभागीय स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, पिछले तीन दिनों (पांच से सात मई तक) में 72 घंटे के दौरान 9882 लोगों के उत्तराधिकारी मिले। इस लिहाज से जिले में हर घंटे औसतन 137 लोग कोरोनाटेहुए हैं। वहीं, इसी दौरान कुल 262 लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी।

उत्तराखंड: पहाड़ों में बेकाबू होता जा रहा है कोरोना, बीते एक सप्ताह में मिले 12521 प्रकार के रोगी

दून पर अन्य जिलों का भी दबाव

दून पर प्रदेश के दूसरे जिलों और नजदीकी राज्यों का भीदबाव है। पहाड़ी जिलों से ज्यादातर गंभीर रोगियों को दून ही रेफर किया जा रहा है।इसके अलावा हिमाचल और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से भी लोग उपचार के लिए दून आ रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में बिस्तर की मारामारी मचने के बाद बड़ी संख्या मेंमरीजों को दून के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। यही स्थिति जांच की भी है।यही कारण है कि यहां आश्रय और मृतकों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है।


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दून में पिछले तीन दिनों में मौत और संक्रमण

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