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सांकेतिक तस्वीर

बड़े शहरों से कूच का वक्त आया? अरबपति नितिन कामथ की राय- स्थायी हो वर्क फ्राॅम होम व्यवस्था

by Sneha Shukla

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 26 Apr 2021 12:21 AM IST

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कोरोना महामारी कई फ़ोन दे रही है। इसने हर व्यक्ति को प्रभावित किया है, चाहे वह अरबपति हो या गरीब हो। सब सोच और भविष्य की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में देश की बड़ी शेयरब्रकिंग कंपनी जिरोधा के प्रमुख व अरबपति कारोबारी नितिन कामथ की राय आई है कि अब भारत के बड़े शहरों से कूच करने और स्थाई रूप से वर्क फ्राॅम होम की व्यवस्था का वक्त आ गया है। क्या वास्तव में ऐसा संभव है? इसके बारे में सभी की अपनी राय हो सकती है, पर आइये जानते हैं नितिन कामथ क्या कह रहे हैं-

नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म सोनी पर कोरोना से उपजे हालात व पहचान तैयार को लेकर अपने विचार साझा किए।) उनका कहना है कि बड़े शहरों का दमघुट रहा है। हमने देखा है हर चुनौती के वक्त ये ठप हुए हैं। आज को विभाजित -19 संकट है, लेकिन पहले पानी का संकट, भारी आबादी, प्रदूषण, बाढ़, खाने-पीने के सामान की किल्लत से भी ये जूझते रहते हैं। ऐसे में छोटे कस्बों व गांवों की ओर जाएं वहां भी जीवन जिया जा सकता है। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आ गई है।

शुरू हो चुका है सिलसिला
जिरोधा के प्रमुख का कहना है कि महानगरों से छोटे शहरों में गांवाओं की ओर से कासिला शुरू हो चुका है। जितना हो सके अधिकाधिक कर्मचारियों को स्थाई रूप से अपने घरों से काम करने वाले वर्क फ्रैमम होम की इजाजत दी जा सकती है।) हमारी कंपनी की कस्मटर सपोर्ट टीम के लिए ऐसे कर्मचारियों को नियुक्त कर रहे हैं, जो घर से ही काम कर सकते हैं। जल्द ही अन्य कामों के लिए ऐसी टीम जुटाएंगे। मैं सोचता हूं कि अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए भी कर्मचारियों की ऐसी टीमें जुटाई जा सकती हैं।

जोहो के संस्थापक श्रीधर वैंकू लंबे समय से कह रहे हैं कि यह बात है
नितिन कामथ की ही यह राय नहीं है, उनके अलावा जोहो के संस्थापक श्रीधर वेंबू भी लंबे समय से यही बात कह रहे हैं।) वेणु टीएम के एक छोटे से गांव मथाल पठई में पहले ही शिफ्ट हो गए हैं। वे वहीं से जोहो का संचालन कर रहे हैं।

हजारों कर्मचारी घर लौटे
बता दें, कोविड -19 महामारी के कारण देश के महानगरों से हजारों कर्मचारी अपने शहरों को लौट चुके हैं। वे अपने-अपने घर नगर से ही कामकाज कर रहे हैं। इसी दौरान वर्क फ्राॅम होम कल्चर को बढ़ावा मिला है। जो शहर महामारी के सबसे पहले शिकार हुए, वहां इतना कुछ हुआ है।

जोमातो व ओयो भी स्थाई रूप से कर रहे हैं यह व्यवस्था
डब्ल्यूएचएफ की व्यवस्था को प्रबंधित करने में कई अन्य कंपनियों-जैसे खाद्य वितरण क्षेत्र की कंपनी जोमाटो व आवास सुविधा प्रदान करने वाली ओयो भी तेजी से इसे बढ़ावा दे रही हैं।

विस्तार

कोरोना महामारी कई फ़ोन दे रही है। इसने हर व्यक्ति को प्रभावित किया है, चाहे वह अरबपति हो या गरीब हो। सब सोच और भविष्य की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में देश की बड़ी शेयरब्रकिंग कंपनी जिरोधा के प्रमुख व अरबपति कारोबारी नितिन कामथ की राय आई है कि अब भारत के बड़े शहरों से कूच करने और स्थाई रूप से वर्क फ्राॅम होम की व्यवस्था का वक्त आ गया है। क्या वास्तव में ऐसा संभव है? इसके बारे में सभी की अपनी राय हो सकती है, पर आइये जानते हैं नितिन कामथ क्या कह रहे हैं-

नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म सोनी पर कोरोना से उपजे हालात व पहचान तैयार को लेकर अपने विचार साझा किए।) उनका कहना है कि बड़े शहरों का दमघुट रहा है। हमने देखा है हर चुनौती के वक्त ये ठप हुए हैं। आज को विभाजित -19 परिस्थिति है, लेकिन पहले पानी का संकट, भारी आबादी, प्रदूषण, बाढ़, खाने-पीने के सामान की किल्लत से भी ये जूझते रहते हैं। ऐसे में छोटे कस्बों व गांवों की ओर जाएं वहां भी जीवन जिया जा सकता है। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आ गई है।

शुरू हो चुका है सिलसिला

जिरोधा के प्रमुख का कहना है कि महानगरों से छोटे शहरों में गांवाओं की ओर से कासिला शुरू हो चुका है। जितना हो सके अधिकाधिक कर्मचारियों को स्थाई रूप से अपने घरों से काम करने वाले वर्क फ्रैमम होम की इजाजत दी जा सकती है।) हमारी कंपनी की कस्मटर सपोर्ट टीम के लिए ऐसे कर्मचारियों को नियुक्त कर रहे हैं, जो घर से ही काम कर सकते हैं। जल्द ही अन्य कामों के लिए ऐसी टीम जुटाएंगे। मैं सोचता हूं कि अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए भी कर्मचारियों की ऐसी टीमें जुटाई जा सकती हैं।

जोहो के संस्थापक श्रीधर वैंकू लंबे समय से कह रहे हैं कि यह बात है

नितिन कामथ की ही यह राय नहीं है, उनके अलावा जोहो के संस्थापक श्रीधर वेंबू भी लंबे समय से यही बात कह रहे हैं।) वेणु टीएम के एक छोटे से गांव मथाल पठई में पहले ही शिफ्ट हो गए हैं। वे वहीं से जोहो का संचालन कर रहे हैं।

हजारों कर्मचारी घर लौटे

बता दें, कोविड -19 महामारी के कारण देश के महानगरों से हजारों कर्मचारी अपने शहरों को लौट चुके हैं। वे अपने-अपने घर नगर से ही कामकाज कर रहे हैं। इसी दौरान वर्क फ्राॅम होम कल्चर को बढ़ावा मिला है। जो शहर महामारी के सबसे पहले शिकार हुए, वहां इतना कुछ हुआ है।

जोमातो व ओयो भी स्थाई रूप से कर रहे हैं यह व्यवस्था

डब्ल्यूएचएफ की व्यवस्था को प्रबंधित करने में कई अन्य कंपनियां-जैसे खाद्य वितरण क्षेत्र की कंपनी जोमाटो व आवास सुविधा प्रदान करने वाली ओयो भी तेजी से इसे बढ़ावा दे रही हैं।

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