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एजेंसी, मुंबई
द्वारा प्रकाशित: कुलदीप सिंह
अपडेटेड मैट, 05 मई 2021 01:54 AM IST
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार और नगर निकायों को समाज के सबसे निचले तबके के गरीबों और बेगर लोगों को संकायों और सैनिटाइजर को प्रोत्साहित करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह व्यवस्था बिना वर्क पहने पहनकर निकलने वाले लोगों से जुर्माने के तौर पर वसूली जा रही राशि से की जा सकती है।
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ को राज्य सरकार ने बताया था कि संकाय नहीं पहनने वालों से वसूले जा रहे जुर्माने का इस्तेमाल आपदा प्रबंधन विभाग को विभाजित -19 (कोरोना महामारी) के खिलाफ लड़ाई से जुड़े संसाधनों की खरीद में कर रहा है। ।
इस पर खंडपीठ ने कहा, बेगर लोग, भिखारी और सड़क किनारे रहने वाले अन्य लोग अमूमन बिना पूछे गए दिखाई देते हैं। ये लोग नियमित रूप से फ़ंक्शन आदि की खरीद करने की आर्थिक स्थिति में नहीं होते हैं। आप लोग जुर्माने की राशि का उपयोग इन लोगों को संकाय, सैनिटाइजर उपलब्ध कराने में कर सकते हैं। साथ ही खंडपीठ ने कहा कि अधिकारियों को हर व्यक्ति का चेहरा पहनना सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाना चाहिए।
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