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लॉकडाउन से जीडीपी में हो सकती है गिरावट (सांकेतिक तस्वीर)

रिपोर्ट: राष्ट्रीय स्तर पर एक महीने के ‘लॉकडाउन’ से जीडीपी में हो सकता है दो प्रतिशत नुकसान

by Sneha Shukla

पीटीआई, मुंबई

द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अद्यतित Tue, 20 Apr 2021 12:51 AM IST

लॉकडाउन से जीडीपी में हो सकता है गिरावट (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो: iStock

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अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने सोमवार को आगाह करते हुए कहा कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर अगर एक महीने का ‘लॉकडाउन’ लगाया जाता है तो जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।

ब्रोकरेज कंपनी ने उम्मीद जतायी है कि को विभाजित महामारी को फैलाने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर ही ‘लॉकडाउन’ लागू किया जाएगा। बोफा सिक्योरिटीज के बयान ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक महीने पहले कोविड के 35,000 मामले थे, जो अब सात गुना बढ़कर 2.61 लाख से अधिक हो गए हैं। इससे जो अभी तक चरण चरण का पुनरुद्धार था, उसके लिए जोखिम उत्पन्न हो गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह देखने की बात है कि क्या को विभाजित -19 की दूसरी लहर राष्ट्रीय स्तर पर’ लॉकडाउन ‘के बिना समाप्त नहीं होगी। राष्ट्रीय स्तर पर अगर एक महीने के लिए भी ‘लॉकडाउन’ लगाया जाता है, तो जीडीपी को एक से दो प्रतिशत का नुकसान हो सकता है। ”

इसमें कहा गया है, ‘उच्च आर्थिक लागत को देखते हुए, हमारा अनुमान है कि केंद्र और राज्य सरकारें को विभाजित -19 की रोकथाम से जुड़े नियमों (कार्य, उचित दूरी आदि) को कड़ाई से लागू कर, रात्रि कर्फ्यू और स्थानीय स्तर पर’ तालाबंदी ‘के अगर ऐसा है तो इस पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगी।’

विस्तार

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने सोमवार को आगाह करते हुए कहा कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर अगर एक महीने का ‘लॉकडाउन’ लगाया जाता है तो जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।

ब्रोकरेज कंपनी ने उम्मीद जतायी है कि को विभाजित महामारी को फैलाने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर ही ‘लॉकडाउन’ लागू किया जाएगा। बोफा सिक्योरिटीज के बयान ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक महीने पहले कोविड के 35,000 मामले थे, जो अब सात गुना बढ़कर 2.61 लाख से अधिक हो गए हैं। इससे जो अभी तक चरण चरण का पुनरुद्धार था, उसके लिए जोखिम उत्पन्न हो गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह देखने की बात है कि क्या को विभाजित -19 की दूसरी लहर राष्ट्रीय स्तर पर’ लॉकडाउन ‘के बिना समाप्त नहीं होगी। राष्ट्रीय स्तर पर अगर एक महीने के लिए भी ‘लॉकडाउन’ लगाया जाता है, तो जीडीपी को एक से दो प्रतिशत का नुकसान हो सकता है। ”

इसमें कहा गया है, ‘उच्च आर्थिक लागत को देखते हुए, हमारा अनुमान है कि केंद्र और राज्य सरकारें को विभाजित -19 की रोकथाम से जुड़े नियमों (कार्य, उचित दूरी आदि) को कड़ाई से लागू कर, रात्रि कर्फ्यू और स्थानीय स्तर पर’ तालाबंदी ‘के अगर ऐसा है तो इस पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगी।’

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