Home » सेना प्रमुख नरवणे दौरा : बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारत की ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’
भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे

सेना प्रमुख नरवणे दौरा : बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारत की ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’

by Sneha Shukla

बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत ने भी वहाँ की सेना के साथ संबंधों को और गहरा करने पर ध्यान देने शुरू कर दिया है। इसके लिए भारत ने ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ का सहारा लिया है।

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने बृहस्पतिवार को ढाका पहुंचने पर बांग्लादेशी सेना के अध्यक्ष जनरल अजीज अहमद को उनके जवानों के लिए कोविड -19 वैक्सीन की 100,000 खुराक तोहफे में सौंप दिया।

जनरल नरवने का यह पांच दिवसीय पिछले महीने बांग्लादेशी स्वतंत्रता दिवस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने के महज दो हफ्ते बाद हो रहा है। इस कारण यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जनरल अजीज अहमद के निमंत्रणण पर बांग्लादेश पहुंचे जनरल नरवने ने ढाका कैंट में शिखा अनिर्वाण की वेदी पर माल्यार्पण कर 1971 के मुक्ति युद्ध के नायकों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्हें सेनाकुंज पर गार्ड ऑफ हीर दिया गया।

भारतीय दूतावास ने कहा, सेना प्रमुख का दौरा दोनों देशों की सेनाओं के बीच मौजूदा करीबी और भाईचारे के संबंधों को और ज्यादा मजबूत बनाने जा रहा है।

भारतीय सेना के अधिकृत रेडियो हैंडल एडीजीपी आई ने कई ट्वीट कर बताया कि जनरल नरवने ने ढाका पहुंचने के बाद जनरल अहमद के अलावा बांग्लादेश नेवी के शेफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल एम। शाहीन इकबाल और उसके बाद बांग्लादेशी वायुसेना के कार्यवाहक शेफ ऑफ एयर स्टाफ एयर वाइस मार्स एम। अबुल बहार के साथ मुलाकात की। इन मुलकातों में उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से दोनों देशों के आपसी हितों वाले सैन्य मुद्दों और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के बारे में बातचीत की।

अपने इस दौरे में सेना प्रमुख बांग्लादेश के कई सैन्य वर्गों का जायजा लेंगे। साथ ही संयुक्त राष्ट्र शांति सहयोग अभियानों पर आयोजित एक सेमिनार में अपने अनुभव भी युवा अधिकारियों के साथ बांटेंगे।

आगे वह 4 अप्रैल को शुरू हुआ संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शिशिर उग्रो’ के समापन समारोह और बंदूकें के प्रदर्शन के भी गवाह बन जाएगा। यह बहुस्तरीय यूएन द्वारा आतंकवाद निरोधी प्रथा है, जो 12 अप्रैल तक चलेगा। इस अभ्यास में बांग्लादेश और भारत की सेनाओं के इतर भूटान व श्रीलंका की सेनाओं भी हिस्सा कर रही हैं, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की और सऊदी अरब के पर्यवेक्षक भी शामिल हैं।

बांग्लादेश की मुक्ति का 50 वां वर्ष होने के कारण विशेष

इस वर्ष बांग्लादेशी मुक्ति संग्राम की 50 वीं वर्षगिरह और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के कारण भारत-बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंधों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। सेना प्रमुख नरवणे धनमंडी स्थित मुजीबुर रहमान स्मृति संग्रहालय पहुंचकर बांग्लादेश के संस्थापक पिता को भी श्रद्धांजलि देंगे।

तोहफे में दी टी -55 टैंक की आवाज

एडीजी पीआई ने ट्वीट में बताया कि जनरल एमएम नरवने ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश को टी -55 टैंक की सुरक्षा और 75/24 मिमी हॉवित्जर तोप की तस्वीर का तोहफा भी दिया। 1971 के मुक्ति संग्राम में टी -55 टैंक और हॉवित्जर तोप ने गजब की भूमिका निभाई थी। असली टी -55 टैंक और हॉवित्जर तोप भारतीय सेना की तरफ से बांग्लादेश में संग्रहालयों को तोहफे में दिए जा रहे हैं।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment