नमस्कार दोस्तो, क्रिया हिंदी में से काय काफी महत्वपूर्ण टॉपिक होता है। दोस्तों क्या आप जानते है, कि क्रिया किसे कहते हैं, क्रिया को कितने भागों के अंतर्गत बांटा गया है। यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि क्रिया किसे कहते हैं, अलग-अलग आधार पर क्रिया को कितने भागों में बांटा गया है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
क्रिया किसे कहते हैं? | kiriya kise kahate hain
जहां पर भी किसी कार्य का होना या करना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं। अगर इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो अभी किसी भी वाक्य में या कहीं पर भी कुछ होने तथा कुछ करने की बात की गई हो, वहां पर उसे क्रिया कहा जाता है।
उदाहरण:-
- रमेश पुस्तक पढ़ रहा है
- मोर नाच रहा है
पहले वाक्य में रमेश पुस्तक पढ़ रहा है तो इसमें रमेश पुस्तक पढ़ने का कार्य कर रहा है, वही दूसरे वाक्य में मोर नाचने का कार्य करता है तो इन दोनों में क्रिया हो रही है। तो दोस्तों इन उदाहरण के माध्यम से हमें उम्मीद है कि आपको समझ आ गया वही क्रिया क्या होती है तथा क्रिया किसे कहते हैं।
क्रिया के भेद उदाहरण सहित:-
क्रिया के निम्न भेद होते हैं:-
1. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
2. प्रयोग एवं संरचना के आधार पर क्रिया के भेद
3. काल के आधार पर क्रिया के भेद
1. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं:-
- अकर्मक क्रिया :-
वह क्रिया जिसमें पर कर्ता प्रधान होता है, तथा कुछ उसमे कर्ता का प्रभाव ज्यादा रहता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
उदाहरण:-
- राजेश दौड़ रहा है।
- अंकित खाना खा रहा है।
- सुमित चल रहा है।
इन सभी वाक्यों में कर्ता ही प्रधान है तथा इसी कारण इन वाक्यों में अकर्मक क्रिया पाई जाती है।
- सकर्मक क्रिया
वह क्रिया जिसमें पर कर्म प्रधान होता है, तथा कुछ उसमे कर्म का प्रभाव ज्यादा रहता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
उदाहरण:-
- विकास खाना बना रहा है।
- अमित पानी पी रहा है।
इन सभी वाक्यों में कर्म ही प्रधान है, तथा इसी कारण इन वाक्यों में सकर्मक क्रिया पाई जाती है।
सकर्मक क्रिया के भेद:-
सकर्मक क्रिया के 2 भेद होते हैं:-
- पूर्ण सकर्मक क्रिया
- अपूर्ण सकर्मक क्रिया
2. प्रयोग एवं संरचना के आधार पर क्रिया के भेद
प्रयोग एवं संरचना के आधार पर क्रिया के 8 भेद होते है, जो निम्न है:-
1. सामान्य क्रिया
2. सहायक क्रिया
3. संयुक्त क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्व कालीन क्रिया
6. सजातीय क्रिया
7. कृदंत क्रिया
8. नामधातु क्रिया
- सामान्य क्रिया
यह एक सामान्य क्रिया होती है जिसमें एक कर्ता होता है तथा एक कर्म होता है। उदाहरण:- सुमित पुस्तक पढ़ता है, अंकित खाना खाता है आदि
- सहायक क्रिया
यदि किसी वाक्य में कोई क्रिया उस वाक्य में सहायक होती है या फिर सहायता प्रदान करती है तो उसे सहायक कहा जाता है। उदाहरण:- राजेश पड़ता है, अमित ने पुस्तक पढ़ ली है।
- सयुक्त क्रिया
यदि किसी वाक्य में दो क्रिया एक साथ होती है तो उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं या फिर जब दो कोई क्रिया दो क्रियाओं के योग से बनती है तो उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। उदाहरण:- रमेश ने खाना खा लिया है।
- प्रेरणार्थक क्रिया
यदि किसी वाक्य में कोई भी कर्ता खुद कोई कार्य न करके, किसी अन्य को कोई कार्य करने के लिए या क्रिया करने के लिए प्रेरित करता है, तो उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते है। उदाहरण: – अमित अंकित से पढ़ाई करवाता है, राजेश अपनी पत्नी से खाना बनवाता है।
- पूर्वकालिक क्रिया
पूर्वकालिक क्रिया भी प्रेरणार्थक क्रिया की तरह ही होती है, इसमें भी एक ही वाक्य में दो क्रिया होती है लेकिन इसमें अंतर यह होता है कि इसमें एक क्रिया पहले ही संपन्न हो चुकी होती है तथा दूसरी क्रिया चल रही होती है, इस प्रकार की क्रिया को पूर्व कालीन क्रिया कहते हैं।
उदाहरण:- रमेश पुस्तक पढ़ कर सो गया है, अमित खाना खाकर पानी पी रहा है।
- सजातीय क्रिया
सजातीय क्रिया उस क्रिया को कहते हैं जहां पर क्रिया और कर्म दोनों एक ही धातु के बने होते हैं।
- कृदंत क्रिया
कृदंत क्रिया प्रक्रिया होती है जब क्रिया शब्दों के साथ कोई प्रत्यय लगा दिया जाता है, अर्थात से किसी किया पति के साथ पढ़ते लगा दिया जाता है तो उसे कृदंत क्या कहते हैं।
- नामधातु क्रिया
किसी भी क्रिया की उत्पत्ति किसी ना किसी धातु से होती है, लेकिन जब कोई क्रिया संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण से मिलकर बनी होती है तो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं।
उदाहरण:- अपना (सर्वनाम) + ना = अपनाना
3. काल के आधार पर क्रिया के भेद
काल के आधार पर क्रिया के 3 भेद होते हैं, जो नीचे दिए गए हैं :-
1. वर्तमान कालीन क्रिया
2. भूत कालीन क्रिया
3. भविष्य कालीन क्रिया
- वर्तमान कालीन क्रिया
वह क्रिया जो वर्तमान समय में चल रही है, उसे वर्तमान कालीन किसे कहते हैं उदाहरण अमित खाना खा रहा है, रमेश पुस्तक पढ़ रहा है।
- भूत कालीन क्रिया
वह क्रिया जो भूतकाल समय में चल रही थी या फिर भूतकाल समय में संपन्न हो चुकी है उसे भूत कालीन क्रिया कहते है। उदाहरण:- अमित ने खाना खा लिया है, सुमित कल इस समय जयपुर में दौड़ रहा था।
- भविष्य कालीन क्रिया
वह किया जो भविष्य में होने वाली है उसे भविष्य कालीन की क्या कहते हैं। उदाहरण : – मैं कल जयपुर जाऊंगा, राजेश कल घर आएगा।
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि क्रिया किसे कहते हैं, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत क्रिया से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि क्रिया किसे कहते हैं, अलग-अलग आधार पर क्रिया को कितने भागों में बांटा गया है (kriya kise kahate hain kuchh udaharan do)।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
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