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Bahuvrihi Samas Ke Udaharan

बहुव्रीहि समास का उदाहरण क्या है ? – Bahuvrihi Samas Ke Udaharan

by Pritam Yadav

Bahuvrihi Samas Ke Udaharan :- बहुव्रीहि समास हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है। अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हिंदी व्याकरण में बहुव्रीहि समास से संबंधित कई प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। जिसमें से एक प्रश्न है, की Bahuvrihi Samas Ke Udaharan क्या है ?

अक्सर लोग Bahuvrihi Samas Ke Udaharan देने में गलतियां कर देते हैं। लोग बहुत ही समाज की परिभाषा के बारे में तो जानते हैं, परंतु इसके उदाहरण से संबंधित पूरी जानकारी ना होने के कारण वे इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाते।

इसलिए आज के लेख में हम विस्तारपूर्वक बहुव्रीहि समास के बारे में जानेंगे। तो आइए लेख को शुरू करते हैं।


बहुव्रीहि समास क्या है ? – Bahuvrihi Samas Ki Paribhasaha

बहुव्रीहि समास जिसे हम योगिक शब्द भी कहते हैं, दो या दो से अधिक शब्दों के जोड़ने से एक विशिष्ट अर्थ वाला नया शब्द बनता है। बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है, बल्कि वे सभी पद मिलकर किसी तीसरे पद की संकेत करते हैं। इस प्रकार के समाज को बहुव्रीहि समास के नाम से जाना जाता है।

आसान शब्दों में कहें तो बहुव्रीहि समास से तात्पर्य उस समाज से है जिसमें कोई एक पद की प्रधानता नहीं होती बल्कि उसके स्थान पर किसी अन्य तत्व की प्रधानता होती है। यह एक विशेष संज्ञा के लिए विशेषण के रूप में कार्य करता है।


बहुव्रीहि समास के उदाहरण क्या है ? – Bahuvrihi Samas Ke Udaharan

तो आइए हम बहुव्रीहि समास को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।

चक्रधर – चक्र धारण करने वाला

पतिव्रता – एक पति का व्रत लेने वाली

तुझे ऐसा क्या देख सकते हैं यहां पर हम एक शब्दों की व्याख्या अनेक शब्दों के माध्यम से कर रहे हैं। इसी प्रकार के समाज को हम बहुव्रीहि समास कहते हैं। बहुव्रीहि समास के 30 उदाहरण इस प्रकार हैं :-

उन्नतिशील उन्नति है शील जिसका वह
अकण्टक नहीं है कंटक जिसमे वह
चंद्रशेखर चद्र शेखर पर जिसके वह
चक्रपाणि चक्र पाणि में जिसके वह
लंबकर्ण लम्बे है कर्ण जिसके वह
रत्नगर्भा रत्न है गर्भ में जिसके वह
नाभिजन्मा नाभि से जन्म है जिसका वह
अगतित कोई गति नहीं है जिसकी वह
अतिथि आने की तिथि मालूम नहीं है जिसकी
गोपाल वह जो जो का पालन करे
अनुत्तम नहीं है उत्तम जिससे वह
सिरकटा कटा है सिर जिसका वह
पतझड़ पत्ते झड़ते है जिसमे वह
नीलकंठ नीला कंठ जिसका वह
पापबुद्धि पाप युक्त बुद्धि जिसकी वह
सुलोचना सुन्दर है लोचन जिसके वह
वीरप्रसूता वीरों को जन्म देनेवाला है जो
अजातशत्रु कोई शत्रु नहीं जनमा है जिसका वह
अद्वितीय   जिसके समान दूसरा नहीं है वह
कृतकृत्य कृत है कृत्य जिसके द्वारा वह
बद्धमूल बन्द्व है मूल जिसका वह
मनचला चल है मन जिसका वह
नकटा कटी है नक् जिसकी वह
जमघट जमा है घट जहाँ वह
शूलपाणि शूल है पाणि में जिसके वह (शिव जी)
तिरंगा तीन है रंग जिसमें वह (राष्ट्रध्वज)
शाखामृग शाखा पर दौड़ता है जो मृग वह (बंदर)

बहुव्रीहि समास के प्रकार

बहुव्रीहि समास चार प्रकार के होते हैं। जो कि इस प्रकार हैं :-

  • समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
  • व्यधिकरण बहुव्रीहि समास
  • तुल्य योग बहुव्रीहि समास
  • व्यतिहार बहुव्रीहि समास

आइए हम बहुव्रिही समास के इन चारों भेदों को एक-एक करके समझते हैं।

  1. समानाधिकरण बहुव्रीहि समास

समानाधिकरण समाज में जो पद शामिल होता है वह सामान्य तक करता के रूप में कार्य करता है। जबकि पूरे समाज में उल्लिखित अन्य पद विभक्ति रूपों जैसे कर्म करण संप्रदान उपादान संबंध अधिकार इत्यादि के माध्यम से भी व्यक्त किया जा सकता है।

उदाहरण :-

गोपाल – जो गायों का पालन करता है

पंकज – कीचड़ में जन्म लेने वाला

पितांबर – पीला है जिसका अंबर

  1. व्यधिकरण बहुव्रीहि समास

व्यधिकरण बहुव्रीहि समास एक ऐसा समास है, जहां पर पहला पद कर्ता विभक्ति के रूप में काम करता है। और दूसरा पद संबंध या अधिकरण के रूप में कार्य करता है।

उदाहरण,

नकट – जिसकी नाक कट गई हो

रावनारी – रावण का है शत्रु जो

  1. तुल्य योग बहुव्रीहि समास

तुल्य योग समाज एक ऐसा समास होता है जिसमें पहला पद साथ होता है। साथ ही इस को दर्शाने के लिए सह की जगह केवल “स” ही लिखा हो। उदाहरण के लिए :-

संदेह – जिसके मन में कोई शक हो

सपरिवार – पूरे परिवार के साथ

तब यहां पर आप देख सकते हैं कि समाज में सबसे पहले अक्षर का उपयोग किया गया है। इसलिए यह तुल्य योग बहुव्रीहि समास बनता है।

  1. व्यतिहार बहुव्रीहि समास

व्यतिहार बहुव्रीहि समास एक ऐसा समास होता है जिसमें हम किसी भी प्रकार की होने वाली घटनाओं जैसे आघात या प्रतिघात से संबंधित सूचना प्राप्त करते हैं। इसे ही व्यतिहार बहुव्रीहि समास कहते हैं।

उदाहरण,

धक्का-मुक्की – मुक्के के साथ लड़ाई करना

गालागाली – गालियों का उपयोग करके झगड़ा करना

इस प्रकार आप इसमें देख सकते हैं, कि यहां पर केवल आघात और प्रतिघात से संबंधित चीजें बताई है। एग्जाम में यह प्रश्न आता है कि व्यतिहार बहुव्रीहि समास का उदाहरण बताइए या इनमें इनमें से व्यतिहार बहुव्रीहि समास को ढूंढिए तो आपको ऐसे शब्दों को ढूंढना है जिसमें आघात या प्रतिघात से संबंधित चर्चा की गई हो।


FAQ’S :-

Q1. बहुव्रीहि समास को कैसे पहचाने ?

Ans- बहुव्रीहि समास को पर जाने के लिए आपको यह देखना है, कि समाज में कोई भी 
पद प्रधान नहीं होगा और सारे पद एक साथ मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करेंगे।

Q2. कौन सा बहुव्रीहि का उदाहरण नहीं है ?

Ans- अक्सर लोग पंसेरी को बहुव्रीहि समास का उदाहरण मानते हैं। लेकिन पंसेरी बहुव्रीहि 
समास का उदाहरण नहीं है। पसेरी का अर्थ होगा पांच शेर का समाहार।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने जाना कि Bahuvrihi Samas Ke Udaharan क्या है ? साथ ही हमने बहुव्रीहि समास के भेद के बारे में भी जानकारी प्राप्त की है।

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको बहुव्रीहि समास के बारे में सभी जानकारियां मिल पाई होगी। यदि आप इस विषय पर कुछ अन्य जानकारियां प्राप्त करना चाहते हो, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो, तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


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