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Corona Virus: कोरोना पॉजिटिव लोगों को क्यों आ रहा है हार्ट अटैक, ये हैं लक्षण और इलाज

Corona Virus: कोरोना पॉजिटिव लोगों को क्यों आ रहा है हार्ट अटैक, ये हैं लक्षण और इलाज

by Sneha Shukla

कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। अस्पतालों में नए कोरोना पॉजिटिव लोगों को जगह नहीं मिल रही है। हालांकि स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है। ऐसे लोग होम आइसोलेशन में बनेकर टेलीकंसल्टेशन की मदद से ही रिकवर हो रहे हैं। लेकिन कोरोना के कई तरह के साइड इफेक्ट ने लोगों को डरा दिया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें हार्ट अटैक से कोरोना के मरीजों की मौत हो रही है। इसके अलावा हार्ट डैमेज जैसे आफ्टर इफेक्ट भी रहे हैं।

हाल में ऑक्सफोर्ड जर्नल की एक स्टडी से पता चला है कि कोरोना के गंभीर रूप से पीड़ित रोगियों में लगभग 50 प्रतिशत लोगों को रिकवरी के महीने बाद हार्ट डैमेज हुआ है। इसलिए सही होने वाले मरीज को अपने हार्ट रेट चेक करना चाहिए। अगर आपने लापरवाही की तो जान को खतरा हो सकता है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोविड -19 का इंफेक्शन बॉडी में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिससे दिल की नसें कमजोर दिखती हैं। साथ ही धड़कन की गति भी प्रभावित होती है। इससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो जाती है।

कोरोना में कैसे हो रहा है हार्ट फेल
जब दिल की लाशें खून को उतनी अच्छी तरह से पस नहीं कर पाती जैसा कि उसकी जरूरत है। इस रीढ़ में संकुचित धमनियों और हाई ब्लड प्रेशर दिल को पर्याप्त पिस्सिंग के लिए कमजोर बना देते हैं। ये एक क्रॉनिक समस्या है अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो कैल्शियम खराब हो सकता है। हालांकि इलाज और थैरेपी से ये ठीक भी हो सकता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड -19 के बाद अगर आपकी छाती में दर्द की शिकायत है या फिर आपको पहले से कोई हार्ट डिसीज है तो आपको इसकी नकल जरूर करवानी चाहिए। इससे पता चल जाएगा कि वायरस ने हार्ट की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंचाया है। हल्के लक्षण वाले रोगी भी ये करवा सकते हैं। पसंद
डॉक्टर्स का कहना है कि ये वायरस हार्ट को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ये हार्ट में क्लॉटिंग की समस्या को बढ़ा सकता है। इसके अलावा फेफड़े और धमनियों में भी क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। इससे मरीजों में हार्ट अटैक की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। वास्तव में कोरोना से हृदय की सिद्धांतोंियां कमजोर पड़ जाती हैं। हार्ट में इन्फ्लेमेशन बढ़ने से ऐसा होता है। इससे हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर की समस्या और धड़कन की गति तेज या धीमी होने लगती है। इसके अलावा फेफड़े में खून के थक्के जमने की वजह से हार्ट पर बुरा असर पड़ता है। युवाओं में ये परेशानी ज्यादा देखने को मिल रही है।

हार्ट फेलियर के लक्षण
रोगी को सांस की तकलीफ होती है। कमजोरी और थकान बढ़ने लगती है। पंजे, एड़ी या पैर में सूज आना, हार्ट बीट तेज और अनियमित होना लक्षण हैं। इसके अलावा लगातार खांसी और फ्लूड रिटेंशन से वजन बढ़ना, भूख न लगना और बार-बार पेशाब आना इसके मुख्य लक्षण हैं।

लक्षण दिखने पर क्या करें
अगर किसी को ये लक्षण महसूस हो रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। खुद से इलाज करने की कोशिश न करें। डॉक्टर्स ये बात करेंगे कि ऐसा हार्ट फेलियर की वजह से हो रहा है या कोई दूसरी समस्या है।

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