नमस्कार दोस्तो, भारत के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय को सबसे उच्च न्यायालय का दर्जा दिया गया है, तथा इसके फैसले को ही पूरे भारत के अंतर्गत सबसे सही माना जाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार क्या है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार क्या है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, इस संबंध में राष्ट्रपति को सलाह देने से पहले, अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के एक समूह से परामर्श करते हैं और राष्ट्रपति को वार्षिक आधार पर सलाह देते हैं।
- सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ थे (जिनका कार्यकाल 22 फरवरी 1978 ई. से 11 जुलाई 1985 ई., 2696 दिन तक था)।
- मुख्य न्यायाधीश के रूप में सबसे कम समय तक सेवारत न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह थे (जिनका कार्यकाल 25 नवंबर, 1991 से 12 दिसंबर, 1991, 17 दिन का था)।
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का वर्णन कीजिए
1. मूल्य आरंभिक अधिकार
भारत के अंतर्गत एक या एक से अधिक राज्यों के अंतर्गत कोई भी विवाद हो जाता है, तो उस विवाद को सुलझाने का कार्य सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा किया जाता है।
2. अपीलीय क्षेत्राधिकार
इसके अंतर्गत भारत में उच्च न्यायालय के अंदर संवैधानिक मामले, दीवानी मामले, अपराधिक मामले तथा विशेष अनुमति से अपील के मामले की सुनवाई की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय इस प्रकार के मामलों के लिए अंतिम कोर्ट होता है, तथा जब इस न्यायालय के द्वारा इस प्रकार के मामलों पर कोई फैसला लिया जाता है, तो उस फैसले को कोई भी टाल नहीं सकता है वह फैसला सर्वोपरि होता है। हालांकि राष्ट्रपति के हाथ में इस प्रकार के मामलों को बदलने की क्षमता होती है।
3. संविधान की व्याख्या तथा पुनर्विलोकन क्षेत्राधिकार
हमारे देश के संविधान की सुरक्षा करने का कार्य सर्वोच्च न्यायालय के पास ही होता है, इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा संविधान में पुनर्विलोकन भी किया जा सकता है।
4. अंतरण का क्षेत्राधिकार
दोस्तों सर्वोच्च न्यायालय के पास उच्च न्यायालय के कुछ लंबित मामलों के अंतर्गत अंतरित करने का अधिकार भी होता है, इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय किसी भी उच्च न्यायालय के लंबित मामलों को दूसरे उच्च न्यायालय के अंतर्गत भी अंतरित कर सकता है।
5. अभिलेख न्यायालय
दोस्तों हमारी संविधान के अनुच्छेद 129 के अनुसार उच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय की संख्या दी गई है, यानी कि इस न्यायालय के द्वारा बनाए गए कानून तथा इसके द्वारा की गई कार्रवाई को पूरे भारत को स्वीकार करना होता है। तथा इस नाले को सर्वोपरि बताया गया है और इसी कारण इसको अभिलेख न्यायालय की संज्ञा दी गई है।
अन्य शक्तियाँ एवं अधिकारिताएँ:-
- अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय को अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करने और उन्हें सही करने का अधिकार देता है।
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जांच और प्रमाणित करने के बाद ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय के पास संविधान की व्याख्या करने का अंतिम और पूर्ण अधिकार है, जो इसे मुख्य रूप से अनुच्छेद 131, 132 और 133 से मिलता है।
- सर्वोच्च न्यायालय के पास देश के सभी न्यायालयों, पंचायतों आदि पर न्यायिक अधीक्षण करने की शक्ति है।
- यह उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को बुला सकता है और उनका निपटान कर सकता है और उन्हें एक उच्च न्यायालय से दूसरे में स्थानांतरित भी कर सकता है।
- यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो केवल सर्वोच्च न्यायालय को ही इसे निपटाने की शक्ति होती है।
तो दोस्तो सर्वोच्च न्यायालय को यह कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र अधिकार दिए गए हैं।
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार क्या है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि सर्वोच्च न्यायालय के क्या क्या अधिकार होते हैं तथा सर्वोच्च न्यायालय किन-किन अधिकारों के माध्यम से क्या-क्या कार्यवाही कर सकता है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
Homepage | Click Hear |