Vedon Ki Sankhya Kitni Hai :- आज के इस लेख की मदद से हम वेदों की संख्या कितनी है ? के बारे में जानने वाले हैं।
जब बात ज्ञान इतिहास और संस्कृति की आती है, तो उसमें आपको वेद शब्द का उच्चारण अवश्य देखने को मिलेगा, क्योंकि वह हमारे संस्कृति इतिहास और ग्रंथों से जुड़ा हुआ है।
अगर आपको वेदों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है और आप अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहें, क्योंकि इस लेख में हमने इसी पर विचार विमर्श किया है, तो चलिए शुरू करते हैं।
वेदों की परिभाषा क्या है और वेद किसे कहते है ? | Vedon Ki Paribhasha
अगर हम वेदों की परिभाषा के बारे में बात करें, तो वेद हमारे भारत का इतिहास है और इसमें सभी काल का कैटेगरी के हिसाब से दर्शाया गया है।
ऐसा माना जाता है, कि जब से पृथ्वी पर मानव जीवन की शुरुआत हुई है, तब से ही वेदों का विभाजन शुरू हो गया है और यह बिल्कुल शुरुआत से ही बनता जा रहा है।
लोग इससे हमारे पूर्वजों के इतिहास के बारे में पता लगाते हैं। वेदों का शाब्दिक अर्थ होता है, ज्ञान या जनन , और ऐसा माना जाता है, कि यह एक ईश्वर शब्द है, यानी कि इस शब्द का उच्चारण भगवान ने अपने मुख से किया है, ऐसा माना जाता है, कि वेदों में पूरे ब्रम्हांड का ज्ञान भरा हुआ है।
Vedon Ki Sankhya Kitni Hai | वेदों की संख्या कितनी है ?
हिंदू धर्म के अनुसार वेदों की संख्या मुख्यतः चार होती है और वो चारो वेदों के बारे में हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है।
1) ऋग्वेद
2) यजुर्वेद
3) सामवेद
4) अथर्ववेद
इन सभी वेदों में से अथर्ववेद को सबसे पुराना माना जाता है और इसमें लाखों-करोड़ों ज्ञान कूट-कूट कर भरे हैं।
अगर आप ऐसा सोच रहे हैं, कि आखिर वेदों का विभाजन क्यों हुआ ? तो इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है, ऐसा माना जाता है, कि प्राचीन काल के देवी-देवताओं ब्रह्मांड के सभी ज्ञान को एक जगह स्थापित करना चाहते थे।
और वह ऐसी जगह ढूंढ रहे थे, जहां से हर कोई थोड़ा थोड़ा ज्ञान प्राप्त कर सके तब उनके आदेश पर ऋषि-मुनियों ने एक ऐसी किताब को तैयार किया जिसमें ब्रह्मांड का सारा ज्ञान रखा जा सके। मगर उसमें सारा ज्ञान न आ पाने के कारण उस किताब का विभाजन करना पड़ा और उस किताब का विभाजन समय के अनुसार किया गया।
यही कारण है, कि वेदों को हिंदू धर्म का सबसे पुराना पुस्तक माना जाता है और इस पुस्तक के चारों भाग में अलग-अलग प्रकार के ज्ञान को दर्शाया गया हैं।
Vedon Ki Sankhya Kitni Hai
1. ऋग्वेद क्या है ?
ऋग्वेद हिंदू धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथों में शामिल है और यह अत्यंत पुराना भी है, इसका अर्थ स्थिति तथा ज्ञान होता है, जिसमें आपको संपूर्ण ज्ञान मिलता है।
ऐसा माना जाता है, कि ऋग्वेद के ग्रंथ में देवताओं द्वारा सूचित किए गए स्तुति ज्ञान प्राप्त होते हैं। ऋग्वेद के अंतर्गत मुख्यतः 10 मंडल यानि अध्याय पाए जाते हैं।
जिनमे लगभग 1028 के आसपास सुक्त हैं, जिनमें 11 हज़ार से अधिक मन्त्र भी शामिल हैं। ऋग्वेद का विभाजन 5 शाखाओं द्वारा किया गया है और कुल 5 शाखाओं को हमने नीचे में Step By Step करके लिखा है।
- शाकल्प
- वास्कल
- शांखायन
- मंडूकायन
- अश्वलायन
ऋग्वेद के पाँचो शाखाओं के बारे में
1) ऋग्वेद में लगभग सभी देवताओं की प्रार्थना देव लोक और स्तुतिया में उनकी स्थिति का वर्णन विस्तार रूप से किया गया है।
2) ऋग्वेद ग्रंथ में चिकित्सा से संबंधित इस दुनिया के बारे में भी जानकारी दी गई है, जैसे:- वायु चिकित्सा, जल चिकित्सा, और चिकित्सा मानव चिकित्सा और हवन और दहन द्वारा की जाने वाली चिकित्सा, और इत्यादि।
3) ऋग्वेद में विश्व चिकित्सा संबंधित जानकारी के साथ-साथ औषधि सुख यानी की दवाओं और भगवानों का विज्ञान की जानकारी भी मिलता है।
4) ऋग्वेद में औषधियों की संख्या 125 से ले कर के 130 के आसपास दर्शाई गई है, जो कि पृथ्वी पे 107 स्थानों पर देखी जाती है। सभी औषधि में सोम यानी कि मदिरा, दारू शब्द का विशेष रूप से वर्णन किया गया है।
5) कुछ इतिहासकारों के हिसाब से ऋग्वेद का उपवेद आयुर्वेद को कहा जाता हैं।
2. यजुर्वेद किसे कहते है ?
ऋग्वेद भी वेद का संख्या है और यह भी एक महत्वपूर्ण वेद है। ऐसा कहा जाता है, कि इसमें यज्ञ यानी कि पूजा पाठ करने वाली सभी विधियों और क्रियाकलापों को दर्शाया गया है।
यजुर्वेद के बारे में
यजुर्वेद में यज्ञ के साथ ही साथ तत्वज्ञान का वर्णन भी विशेष रूप से किया गया है, तत्वज्ञान को ” रहस्यमय ज्ञान ” के नाम से भी जाना जाता है। रहस्यमय ज्ञान में खासतौर पर ब्रह्मांड, ईश्वर, आत्मा, और पदार्थ, संबंधित सभी जानकारी आते है।
गद्य रूप का उपयोग कर के यजुर्वेद को लिखा गया है, इसमें यज्ञ की प्रक्रिया के लिए गद्य मंत्र , यज्ञ जप, यज्ञ सामग्री, इत्यादि लिखे गए हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार यजुर्वेद का उपवेद – धनुर्वेद होता है । यजुर्वेद की दो प्रमुख शाखाएं होते है, जिस में से पहला है – कृष्ण और दूसरा है – शुक्ल।
3. सामवेद किसे कहते है ?
वेदों का सबसे छोटा वेद सामवेद को माना जाता है। इस वेद में विशेष रुप से गीत संगीत गाना इत्यादि जैसे ज्ञान को दर्शाया गया है। साम शब्द का अर्थ ” गान ” होता है , और इसका उल्लेख प्राचीन आर्य द्वारा शाम ज्ञान किया जाता था, जिसका वर्णन सामवेद में किया गया है।
सामवेद के बारे में
देवताओं की स्तुति के समय सामवेद के मंत्रों का गुण गाया जाता था। गंधर्व वेद सामवेद का उपवेद हैं। सामवेद में कुल 1875 के आसपास रचनाएं मौजूद हैं। इन सभी रचनाओं में से सिर्फ 75 रचनाएं ही सामवेद के है, बाकी सब रचनाएं ऋग्वेद से ली गई है।
सामवेद की तीन मुख्यतः शाखाएं होती हैं, जिस में से पहला है – कौथुमीय, दूसरा – जैमिनीय तथा तीसरा है – राणायनिय।
सामवेद के प्रमुख देवता सूर्य भगवान को माना गया है। क्योंकि इस मे खास रूप से सूर्य की स्तुति के मंत्र हैं। लेकिन सूर्य भगवान के साथ-साथ सामवेद में इंद्र भगवान का भी पर्याप्त वर्णन देखने को मिलेगा।
सामवेद में दिए गए मंत्र यज्ञ, पूजा अनुष्ठान, भभ्य उदघाटन, निर्वाचन, हवन और इत्यादि के समय गाए जाते थे। इसमें मूल रूप से 99 के आस पास मंत्र है।
4. अथर्ववेद किसे कहते है ?
वेदों का सबसे पुराना और ऐतिहासिक वेद अथर्ववेद है और अथर्ववेद को ब्रह्म वेद भी कहा जाता है।
अथर्ववेद के अंदर ब्रह्मांड के लगभग सभी ज्ञान आ जाते हैं।
कुछ इतिहासकारों के अनुसार अथर्ववेद के ज्ञान भगवान पहले ऋषि-मुनियों को दिया करते थे और ऋषि-मुनियों इसका उपयोग अच्छे अच्छे कामो के लिए करते थे।
अथर्ववेद के बारे में
अथर्ववेद में कुल 20 के आसपास काण्ड होते है, जिसमे 5987 मंत्र तथा 730 सुक्त तथा 8 खण्ड हैं। ” स्थापत्य वेद ” अथर्ववेद का उपवेद है।
अथर्ववेद में भगवान ब्रह्म जी के ज्ञान और औषधि जैसे ज्ञान का जानकारी, रोग निवारण ज्ञान, टोना टोटका के साथ साथ जंत्र- तंत्र से जुड़ी ज्ञान और इत्यादि दिया गया है।
For More Info Watch This :
अंतिम शब्द :-
उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से Vedon Ki Sankhya Kitni Hai, के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।
हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको वेदों की संख्या कितनी है, के बारे में बताया है।
Read Also :-
- Promo Code क्या होता है ? Promocode Kya Hota Hai
- प्राकृत संख्या किसे कहते हैं? | Prakritik Sankhya kise kahate hain
- 1 से 10 तक हिंदी में गिनती | 1 se 10 Tak Ginti
- इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की और कब ?
- उत्सर्जन तंत्र | Excretory System In Hindi
- माइटोकॉण्ड्रिया की खोज किसने की ?
- साइकिल का आविष्कार किसने किया था और कब हुआ ?
- भारत की खोज किसने की थी ?
- पेन का आविष्कार किसने किया और कब किया ?
- सौर मंडल का सबसे चमकीला गृह कौन सा है ?
- बिजली का आविष्कार किसने किया ?
- इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स किसके हैं 2022 ?
- सौर मंडल का सबसे ठंडा ग्रह कौन सा है ?
- Mobile का आविष्कार किसने किया और कब ?
- Diary Writing In Hindi – डायरी कैसे लिखे ?
- Dcardfee क्या होता है और इसका फुल फॉर्म
- पब्जी का बाप कौन है ?
- What About You Meaning In Hindi
- Boli Kise Kahate Hain | बोली किसे कहते हैं ?
- Pad Kise Kahate Hain | पद किसे कहते है ?
- Mfg Date Meaning In Hindi
- सरल हिंदी पहेलियाँ उत्तर के साथ | Saral Hindi Paheliyan With Answers
- Duniya Me Kitne Desh Hai
- Think And Grow Rich Hindi Pdf
- My Pleasure Meaning In Hindi
- अर्थ के आधार पर वाक्य भेद
- On Roll Job Meaning In Hindi
- Tense Kitne Prakar Ke Hote Hain
- पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं ? | Paryayvachi shabd kise kahate hain
- जादू कैसे करते है ? और कैसे सीखें ? | Jadu Kaise Karte Hain
- तत्सम शब्द किसे कहते हैं ?
- तद्भव शब्द किसे कहते हैं ?