Home » नमाज के बाद की दुआ आयतुल कुर्सी – Namaz ke baad ki dua in hindi
Namaz ke baad ki dua in hindi

नमाज के बाद की दुआ आयतुल कुर्सी – Namaz ke baad ki dua in hindi

by Pritam Yadav

Namaz ke baad ki dua :- फर्ज की नमाज के बाद दुआ पढ़ी जाती है। इसे पढ़ना जरूरी होता है। इसकी फजिलत काफी ज्यादा होती है। आज के पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे, कि Namaz ke baad ki dua क्या होती है।

आज के इस लेख में हम जानेंगे, कि Namaz ke baad ki dua कौन कौन सी है और इसको पढ़ने के तरीके के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।


Namaz ke bad ki dua kya hai ?

जो दुआ नमाज पढ़ने के बाद पढ़ी जाती है, वह नमाज के बाद की दुआ कहलाती हैं। वैसे तो नमाज के बाद की दुआ बहुत सारी है, लेकिन हदीसो के अनुसार फर्ज की नमाज के बाद आयतुल कुर्सी को पढ़ना सही माना गया है।

नमाज के बाद की दुआ में नमाज के बाद की तस्बीह पढ़ना भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि तस्बीह पढ़ने से सभी गुनाह माफ हो जाते हैं।

यहाँ पर हम आपको कुछ दुआ के बारे में बता रहे हैं जिसे आप नमाज़ के बाद भी पढ़ सकते हैं:-

  • आयतुल कुर्सी।
  • पहला कलमा पढें।
  • नमाज़ के बाद की दुआ पढें।
  • सुरह फलक पढें।
  • सुरह नास पढें।
  • अस्तगफिरुल्लाह पढें।
  • ला इलाहा इल्लल्लाहु वदहु दुआ पढें।
  • अल्लाहुम्मा अ इन्नी।
  • सुरह काफिरून पढें।
  • कुल हुवल लाहू अहद पढें।
  • सुब्हा-नल मलिकिल कुद्दूस।

1. नमाज के बाद की दुआ आयतुल कुर्सी

कई हदीसो में बताया गया है कि फर्ज की नमाज पढ़ने के बाद आयतुल कुर्सी पढ़नी चाहिए। ऐसा करने से जन्नत की प्राप्ति होती है, साथ ही इसकी बहुत सारी फजीलते भी हैं।

2. नमाज़ के बाद की दुआ पहला कलाम पढ़ें।

पहला कलाम शब्द इस्लाम के बुनियादी शब्द है। पहला कलाम पढ़ने से व्यक्ति मुसलमान बन जाता है। पहले कलाम के जरिए अल्लाह की गवाही दी जाती है। पहला कलाम कुछ इस तरह से है:-

“ला इलाहा इल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह”

ऊपर लिखे गए कलाम का हिंदी अर्थ

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं”

3. नमाज के बाद की दुआ

नमाज के बाद की एक दुआ ऐसी है जिसे हमेशा ही पढ़ा जाता है। वह निम्न प्रकार से है:-

अल्लाहुम्मा अंतस्सलाम व मिनकस्लासम तबारकत या ज़लज़लाली वल इकराम।

ऊपर लिखी दुआ का हिंदी अर्थ

ए अल्लाह तू सलामती वाला है, और तेरी तरफ ही सलामती है, तू बा-बरकत है, ए बुजुर्गी और इज्जत वाले।

4. नमाज के बाद पढ़े जाने वाली दुआ में सूरह फलक पढ़ें।

कुल आ ऊजू बिरब्बिल फलक, मिन शर्री मा खलक़, वा मिन शर्री गासिकिन इजा वकब, वा मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद, वा मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद।

ऊपर लिखी दुआ का अर्थ

कह दो ऐ बंदों की मैं सुबह को पैदा करने वाले परवरदिगार (रब) की कसम खता हूँ, तमाम किस्म के मखलूखों के शर से, और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए, और गांठों में धौंकनी की बुराई से, और जलने वाले की बुराई से जब वह जलन करे।

5. नमाज के बाद पढ़ी जाने वाली दुआ सूरह इखलास

कुल हुवल लाहू अहद, अल्लाहुस समद, लम यलिद वलम यूलद, वलम यकूल लहू कुफुवन अहद।

ऊपर लिखे हुए दुआ का अर्थ

कह दीजिए कि वह अल्लाह और एक है, कह दीजिए अल्लाह अबदी मुतअल्लिक और बेनियाज़ है, वह ना ही किसी का बाप है, और ना ही किसी का बेेटा, अल्लाह के बराबर कोई नहीं है।

6. नमाज के बाद की दुआ सूरह फलक

कुल आ ऊजू बिरब्बिल फलक, मिन शर्री मा खलक़, वा मिन शर्री गासिकिन इजा वकब, वा मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद, वा मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद।

ऊपर लिखी दुआ का अर्थ

कह दो ऐ बंदों की मैं सुबह को पैदा करने वाले परवरदिगार (रब) की कसम खता हूँ, तमाम किस्म के मखलूखों के शर से, और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए, और गांठों में धौंकनी की बुराई से, और जलने वाले की बुराई से जब वह जलन करे।

7. नमाज के बाद की दुआ ला इलाहा इल्लल्लाहु वदहु

इस नमाज के बाद की दुआ में अल्लाह की तारीफ और उसी बादशाहत बताई गई है। जो निम्न प्रकार से है:-

ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीक लहु, लहुल मुल्कु वलहुल हम्दु वहुव अला कुल्लि शैइन क़दीर।

ऊपर लिखी दुआ का अर्थ

अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं वह अकेला हे, उसका कोई साथी नहीं, उसी के लिए बादशाहत है, और उस के लिये तमाम तारीफ़ें हैं, और वह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है।

8. नमाज के बाद की दुआ अस्तगफिरुल्लाह पढें।

अस्तगफिरुल्लाह वैसे तो हर समय पढ़ते रहना चाहिए, परंतु इसे नमाज के बाद भी जरूर पढ़ना चाहिए। इससे बहुत से फायदे होते हैं। इसे नबी भी नमाज के बाद पढ़ा करते थे।

9. नमाज के बाद की दुआ अल्लाहुम्मा इन्नी पढ़ें

यह दुआ भी नमाज के बाद पढ़ी जा सकती है। यह निम्न प्रकार से हैं:-

अल्लाहुम्म अ-इन्नी अला ज़िकरिक व शुकरिक व हुसनि इबादतीक।

ऊपर लिखी दुआ का हिंदी अर्थ

ए अल्लाह अपना ज़िक्र करने, शुक्र करने और अच्छे अंदाज़ में तेरी इबादत करने में मेरी मदद फ़रमा।

10. नमाज के बाद की दुआ सुब्हानल मलिकिल कुद्दूस पढ़ें

यह दुआ पर बहुत शक्तिशाली दुआ मानी गए हैं। इसे नमाज के बाद तीन बार पढ़ा जाता है। यह दुआ निम्न प्रकार से है:-

सुबहानल मलिकिल क़ुद्दूस।

ऊपर लिखी दुआ का हिंदी अर्थ

पाक हे, मेरा रब और उसकी बादशाहत निहायत मुक़ददस।

यदि ऊपर लिखी हुई दुआओं को याद करने में आप को कठिनाई हो रही है, तो आप हर सुन्नत, फर्ज, नफील वाजिब को पढ़ने के बाद नीचे दी गई दुआ को पढ़ सकते हैं। यह निम्न प्रकार से है:-

अल्लाहुम्म बारिक ली फिल मौति वफि मा बअु-दल मौति।

ऊपर लिखी दुआ का हिंदी अर्थ

ऐ अल्लाह बरकत दे बिच मेरे मौत के और मौत के बाद भी।

इस दुआ को बाद आप नमाज के बाद 5 बार पढ़ें।


नमाज के बाद दुआ मांगने का तरीका | Namaz ke baad ki dua Mangne Ka Tarika

  • नमाज की दुआ मांगने के लिए सबसे पहले वजू करें।
  • अब मुंह किबला की तरफ करें।
  • दोनों हाथों को बगलो तक उठाए और दुआ मांगे।
  • सबसे पहले अल्लाह की हमदो सना बोले।
  • अब अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दरूद जरूर भेजें।
  • आखिर में अपने लिए दुआ करें।

For More Info Watch This :


निष्कर्ष :

दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको Namaz ke baad ki dua के बारे में जानकारी दी है।

आशा करते हैं, कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।


FAQ’s :

1. Namaz ke baad ki dua कितनी है ?

Ans. इनकी संख्या दस से अधिक है।

2. क्या नमाज के बाद दुआ करना जरूरी है ?

Ans. जी हां

3. नमाज की कौन सी दुआ है जिसे सबसे अधिक पढ़ा जाता है ?

Ans. वैसे तो नमाज की किसी भी दुआ को पढ़ सकते हैं परंतु सूरह फातिहा, आयतुल कुर्सी, दरूद शरीफ, सूरह इखलास, सूरह फलक इत्यादि दुआएं नमाज के बाद पढ़ी जाती है।

Read Also :-

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment