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Pital Ka Kya Rate Hai

पीतल का क्या रेट चल रहा है ? – Pital Ka Kya Rate Hai

by Pritam Yadav

Pital Ka Kya Rate Hai :- यह तो हर कोई जानता है, कि पूजा पाठ आदि जैसे कार्यो में पीतल से बनाए गए वस्तुएँ ही अधिक इस्तेमाल में लाई जाती है।

हालाकि पीतल से बनी वस्तुएँ स्टील या अन्य धातुओं की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं और समयानुसार इसके rate में भी बदलाव आते रहते है, इसलिए हम यहाँ Pital ka kya rate hai ( पीतल का भाव क्या है ? ) उसके बारे मे जानेंगे और साथ ही पीतल कैसे बनाए जाने है यह धातुओं सबसे ज्यादा कहाँ मिलता है, आदि जैसे बातों पर भी चर्चा करेंगे।


पीतल का भाव क्या है ? – Pital Ka Kya Rate Hai

पहले की तुलना में पीतल के रेट में काफी बदलाव आए हैं, हालांकि वर्तमान में पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल ज्यादा नहीं किया जाता है, लेकिन उसके अलावा भी पीतल से कई साज सज्जा के सामान बनाए जाते हैं।

जिसकी वजह से पीतल की मांग बाजार में काफी ज्यादा है और यह भी संभावना है, कि भविष्य  में पीतल की मांग और अधिक हो जाएगी। विशेष तौर पर पीतल के द्वारा बनाई गई वस्तुएं पूजा के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है।

यही कारण है, कि त्योहारों के समय पीतल से बनाई गई वस्तुएं जैसे पूजा की थाली, भगवान की मूर्तियां, कलश आदि की बिक्री सबसे ज्यादा होती है और ऐसे ही समय में पता कि जाती है, कि मार्केट में पीतल का rate क्या चल रहा है।

यदि वर्तमान में पीतल के रेट की बात करें तो 450 से 505 प्रति किलो ( per Kg ) तक पीतल मार्केट में देखने को मिल रहा है। हालांकि पीतल के भाव में उतार-चढ़ाव अक्सर लगा रहता है। वैसे तो अलग-अलग तरह के पीतल के अनुसार ही उसकी कीमत भी भिन्न-भिन्न होती है।


Pital kya hai ( पीतल क्या है ? )

पीतल एक मिश्रित धातु है, जो अलग-अलग धातुओं के संयोग से बनते हैं। पीतल से बहुत सारी वस्तुएं बनाई जाती है, इसलिए अलग-अलग प्रकार की वस्तु के अनुसार अलग-अलग तरह से पीतल बनाए जाते हैं और फिर उनसे वस्तु का निर्माण किया जाता है।

आमतौर पर पीतल दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें दो अलग-अलग धातुओं के मिश्रण से निर्माण किया जाता है। पीतल तांबे की तुलना में ज्यादा मजबूत और दिखने में काफी सुंदर और आकर्षक होता है।

यही कारण है कि पीतल से अधिकतर बर्तन बनाए जाते हैं।  लेकिन बर्तनों के अलावा भी पीतल का इस्तेमाल कई अलग-अलग कार्यों की में किए जाते हैं, जिसके लिए कई अलग अलग धातु को मिलाकर पीतल का निर्माण किया जाता है।

जैसे कि एलमुनियम,  लोहा, सीसा आदि। इनके संयोग से बनाए गए पीतल से कई अनगिनत चीजें बनाई जाती है तथा इस्तेमाल मे लाई जाती है।


Pital ka invention kab hua ( पीतल का अविष्कार कब हुआ ? )

ऊपर हमने Pital Ka Kya Rate Hai के बारे में जाना, अब हम Pital ka invention kab hua के बारे में जानते है।

इतिहास के अनुसार कहा जाता है, कि आज से करीब 300 ईस्वी में पीतल का आविष्कार किया गया था।

लेकिन यदि पीतल धातुओं के उद्योग के शुरुआत की बात की जाए, तो रिपोर्ट के अनुसार साल 1852 में जर्मनी और नीदरलैंड में सबसे पहले पीतल के उद्योग की शुरुआत की गई थी।

उस समय वहां इसका इस्तेमाल हथियारों के कारतूस के तौर पर किया जाता था।


Pital Kaise Banta Hai ( पीतल कैसे बनता है ? )

पीपल कैसे बनता है इसकी जानकारी तो बहुत कम लोगों को ही होती है, आपको बता दें की, दो अलग-अलग धातुओं के मिश्रण से पीतल का निर्माण किया जाता है।

यही कारण है, कि पीतल को मिश्रित धातु कहा जाता है। बता दें कि जस्ता और तांबा जैसे धातुओं के संयोग से पीतल का निर्माण किया जाता है।

जैसा कि आपने कहा पीतल दो तरह के होते हैं यानी कि 2 तरह से बनाए जाते हैं। पहले प्रकार में पीतल को बनाने के लिए 70% तांबा और 30% जस्ता का इस्तेमाल किया जाता है।

दूसरी तरह की पीतल बनाने के लिए 60% तांबा और 40% जस्ता का इस्तेमाल किया जाता है। यही  कारण हे कि पीतल के रंग तथा उसकी चमक में भिन्नता साफ तौर पर नजर आती है।


Pital Kaha Milta Hai ( पीतल कहाँ अधिक मिलता है ? )

जैसा कि सबको पता है, पीतल दो अलग-अलग धातुओं के मिश्रण से बनाए जाते हैं  इसलिए पीतल का कोई खदान नहीं होता। लेकिन सबसे अधिक मात्रा में पीतल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में मिलते है या बनाए जाते हैं।

यही कारण है, कि इस शहर को पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। भारत का यह एकमात्र ऐसा शहर है, जहां से पूरे देश में पीतल का निर्यात किया जाता है।


Pital ka use ( पीतल का उपयोग कहाँ किया जाता है ? )

ऊपर हमने Pital Ka Kya Rate Hai के बारे में जाना, अब हम Pital ke use के बारे में जानते है।

पीतल एक ऐसा धातु है, जो दिखने में काफी आकर्षक होता है यही वजह है कि पीतल से बहुत सारी चीजों का निर्माण किया जाता है। यदि बात करें वर्तमान समय में पीतल का उपयोग कहां किया जाता है।

आपको बता दें कि मंदिर की घंटी, ताले, मकान के दरवाजे और खिड़कियों में लगाई जाने वाली कुंडी, देवताओं की मूर्तियां, वाद्ययंत्र, सजावट के लिए सामान, आदि बनाए जाते हैं।

प्राचीन समय में पीतल से काफी खूबसूरत और आकर्षक बर्तन बनाए जाते थे, जिसमें लोग खाना खाते थे। वर्तमान में पीतल के बर्तन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि कांच, और स्टील के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा पीतल से गहने बनाए जाते हैं, जिसका इस्तेमाल खासतौर पर गरीब वर्ग के लोग करते हैं।


FAQ’S :

Q1. पीतल कैसे बनता है ?

Ans – पीतल दो अलग अलग धातु तांबा और जस्ता के सहयोग से बनाए जाते हैं।

Q2. पीतल की उत्पत्ति कब हुई थी ?

Ans – इतिहास के अनुसार 300 ईसवी में पीतल का आविष्कार किया गया था।

Q3. सर्वप्रथम पीतल का उद्योग कहां और कब शुरू किया गया था ?

Ans – सर्वप्रथम पीतल का उद्योग 1852 में जर्मनी और नीदरलैंड में शुरू किया गया था।

Q4. पीतल से क्या बनाए जाने है ?

Ans – पीतल से मंदिर की घंटी, देवताओं की मूर्तियां, सजावट के लिए सामान, वाद्ययंत्र आदि बनाए जाते हैं।


निष्कर्ष :

आज का यह लेख Pital ka kya rate hai ( पीतल का भाव क्या है ? ) यही पर समाप्त होता है। आज हमने यहा Pital ke rate के अलावा पीतल कैसे बनता है, पीतल का इस्तेमाल कहाँ होता है और पीतल का अविष्कार कब हुआ था ? आदि के बारे में विस्तार से बताया है।

उम्मीद करते है, ऊपर बताई गई यह जानकारी आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी। लेकिन उसके बावजूद यदि आपको पीतल के बारे में और जानकारी चाहिए तो नीचे comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं।


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