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Taj Mahal Kahan Sthit Hai

ताजमहल कहां स्थित है ? – Taj Mahal Kahan Sthit Hai

by Pritam Yadav

Taj Mahal Kahan Sthit Hai :- आप सभी लोग ताजमहल को तो अवश्य जानते होंगे और कई सारे लोग तो ताजमहल को देखें भी होंगे।

मगर अभी भी ऐसे कई सारे लोग हैं, जिन्हें ताजमहल के बारे में मालूम ही नहीं है और उन्हें यह भी नहीं मालूम है, कि ताजमहल कहां पर स्थित है और किस राज्य में है अगर आप भी उन सभी व्यक्तियों में से एक हैं और जानना चाहते हैं, कि ताजमहल कहां स्थित है और ताजमहल को किसने बनवाया था और ताजमहल का इतिहास क्या रहा है ?

तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए। क्योंकि इस लेख में हम आपको बताएंगे ताजमहल से जुड़ी हर एक जानकारी।


ताजमहल कहां स्थित है ? – Taj Mahal Kahan Sthit Hai

ताजमहल उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में ताजगंज नामक शहर के फॉरेस्ट कॉलोनी धर्मपुरी में स्थित है। यह आगरा शहर में स्थित एक मकबरा है, जिसे विश्व का धरोहर कहा जाता है। इसके अलावा ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक भी है।

यह ताजमहल यमुना नदी के तट पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर का बना एक सुंदर महल है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।


ताजमहल किसने बनवाया था ?

ताजमहल शाहजहां द्वारा मुमताज की याद में बनाया गया था। इसीलिए ताजमहल को प्रेम की निशानी भी कहा जाता है। हालांकि कई इतिहासकारों ने इसे नकार दिया था और कहा था, कि यह एक हिंदू राजा द्वारा बनवाया गया था, लेकिन बाद में शाहजहां ने इसे हड़प लिया था।

लेकिन आज तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है और आज भी यही माना जाता है, कि ताजमहल को शाहजहां द्वारा ही बनवाया गया था।

ताजमहल को भारत में इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। क्योंकि शाहजहां इस्लामी धर्म से संबंध रखता था और उसने ही यह महल बनवाया है।


ताजमहल कब बनाया गया था ?

ऊपर हमने Taj Mahal Kahan Sthit Hai के बारे में जाना, अब हम ताजमहल कब बनाया गया था ? के बारे में जानते है।

ताजमहल का निर्माण कई समय पहले से ही शुरू हो गया था परंतु इसका कार्य 1683 में पूरा हुआ था। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि ताजमहल सन 1683 ईसवी में बना था। इसको बनने में कुल 22 वर्षों का समय लगा था।

ताजमहल का मकबरा और आधारशिला 12 साल में बनाया गया था और ताजमहल के शेष इमारतों को पढ़ने में 10 साल का समय लगा था। इसका निर्माण भारत और एशिया से लाई गई सामग्री से हुआ था। ताजमहल के लिए सभी सामग्रियां हाथियों के द्वारा लाई गई थी।

इसके साथ ही ताजमहल में अलग-अलग प्रकार की संगमरमर का उपयोग किया गया है। जैसे – राजस्थान मकराना से लाया गया, श्वेत संगमरमर, पंजाब से लाया गया जैस्पर पत्थर और चीन से लाया गया हरिताश्म और क्रिस्टल।

इसके अलावा फिरोजा पत्थर को तिब्बत से लाया गया था और लेपिस लजूली पत्थर को अफगानिस्तान से, नीलम श्रीलंका से और इंद्रगोप पत्थर को अरबिया से लाया गया था।

इसी प्रकार ताजमहल में कुल 28 अलग-अलग प्रकार के बहुमूल्य पत्थर जड़े हुए हैं, जिसके कारण यह इतना खूबसूरत है और पूरी दुनिया का अजूबा है। इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला पत्थर श्वेत संगमरमर है।


ताजमहल को बनाने के लिए कितना खर्च आया था ?

ताजमहल को बनाने में लगभग अरबों खरबों का खर्च किया गया था। उस समय ताजमहल को बनाने का खर्च 3 अरब 20 करोड़ रुपए जोड़ा गया था, लेकिन अगर हम इन खर्चों को वर्तमान समय की मुद्रा में बदल देते हैं तो इसका खर्च अरबों-खरबों डालर में जा सकता है।

इसके अलावा ताजमहल का निर्माण लगभग 20,000 मजदूरों ने किया था, जिसमें कई अच्छे पत्थर तराशने वाले और काटने वाले कारीगर भी शामिल थे।


ताजमहल से जुड़ी कुछ प्रचलित कथाएं

ऊपर हमने Taj Mahal Kahan Sthit Hai के बारे में जाना, अब हम ताजमहल से जुड़ी कुछ प्रचलित कथाएं के बारे में जानते है।

ताजमहल से संबंधित कई कथाएं प्रचलित है, जिसके बारे में आजकल अलग-अलग लोगों द्वारा सुनने को मिलता है।

जैसा कि आप जानते हैं, ताजमहल एक ऐसी इमारत है, जिसकी हमेशा प्रशंसा की जाती है। ताजमहल ऐसा इमारत है, जो कि लोगों के दिल में धर्म, संस्कृति को छोड़कर एक अलग जगह बना चुका है। ताजमहल से जुड़ी कुछ कथा इस प्रकार है :-

कई लोगों द्वारा यह कहा जाता है, कि शाहजहां यह चाहते थे, कि यमुना के तट के दूसरे और भी एक काला ताजमहल बनवाया जाए। परंतु ताजमहल के बनने के बाद ही शाहजहां को अपदस्थ कर दिया गया था, जिसके कारण वे काला ताजमहल को नहीं बनवा पाए।

इसके अलावा एक और कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है, कि शाहजहां ने उन कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे या उन कारीगरों का अंग छेदन करवा दिया था, जिन्होंने ताजमहल बनवाया था। लेकिन इस बात का साक्ष्य अभी तक नहीं मिल पाया है और ना ही यह बात किसी भी इतिहासकारों ने कही है।

कई बार ऐसा भी कहा जाता है, कि कारीगरों के हाथ नहीं कटवाए गए थे, बल्कि उन लोगों से एक करारनामा पर हस्ताक्षर करवाया गया था, कि वे ताजमहल जैसा कोई भी इमारत नहीं बनाएंगे।

लेकिन इस बात के भी साक्ष्य कहीं भी उपलब्ध नहीं है और ऐसे ही कई अलग-अलग दावे हैं, जो ताजमहल के लिए किए जाते हैं।

इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है, कि ताजमहल पहले तेजो महल था, जिसे बाद में शाहजहां ने ताजमहल का नाम दे दिया। लेकिन इस बात का साक्ष्य भी कहीं नहीं मिलता है।

केवल एक इतिहासकार P. N. Oak ने अपने किताब में यह बात लिखी है। और यह कहा जाता है, कि P.N. OAK कोई इतिहासकार नहीं थे, बल्कि उन्हें इतिहास लिखना पसंद था। इसलिए वे अपनी मनगढ़ंत कहानियां अलग-अलग चीजों के बारे में बनाते थे।

क्योंकि P. N. Oak के अलावा तेजो महल के बारे में किसी भी इतिहासकार ने नहीं लिखा है और इसे सही भी नहीं मानते हैं।


FAQ,S :-

Q1. ताजमहल का पूरा नाम क्या है ?

Ans. ताजमहल का असली और पूरा नाम  ( Rauza-i-munawwara ) 
"रौज़ा-ए-मुनव्वर" हैं. जिसका अर्थ होता है, जगमगाता हुआ मकबरा ।

Q2. ताजमहल का मालिक कौन है ?

Ans. फिलहाल के समय में ताजमहल का मालिक कोई नहीं है और इसका देखरेख सरकार द्वारा किया जाता है।

Q3. ताजमहल किस पत्थर से बना है ?

Ans. ताजमहल संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है, इसीलिए यह इतना आकर्षक और सुंदर नजर आता है।

Q4. ताज महल में कितने कमरे हैं ?

Ans. ताजमहल में कुल कमरों की संख्या 22 है, जिसमें से तकरीबन 4 कमरे 
बहुत बड़े-बड़े हैं और 18 कमरे छोटे-छोटे हैं।

Q5. ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है ?

Ans. ताजमहल यमुना नदी के किनारे स्थित है।

[ Conclusion, निष्कर्ष ]

दोस्तों उम्मीद करता हूं, कि आपको यह लेख Taj Mahal Kahan Sthit Hai बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से जान चुके होंगे, कि ताज महल कहा स्थित है और ताज महल को किसने बनाया था।

अगर आपको इस लेख Taj Mahal Kahan Sthit Hai में कहीं भी कोई दिक्कत हुवा है या फिर कोई चीज समझ में नहीं आया है, तो आप हमारे comment box में मैसेज करके पूछे, हम आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे।


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